भिंड। मिलावटखोरों के खिलाफ प्रशासान की मुहिम जारी है. भिंड जिले के अपर कलेक्टर अनिल चांदिल में तीन मावा व्यापारियों के खिलाफ 21 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. हालांकि यह जुर्माना करीब साल भर पहले हुई खाद्य विभाग की कार्रवाई की रिपोर्ट आने के बाद लगाया गया है. साल 2017 में खाद्य विभाग ने इन व्यापारियों के यहां कार्रवाई करते हुए दूध और मावे के सैंपल लिए थे. जो भोपाल में जांच के दौरान अमानक पाए गए.
दरअसल, त्योहरी सीजन के मद्देनजर चंबल क्षेत्र में मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं. साल 2017 में भी फूड सेफ्टी अधिकारियों ने भिंड के मैन गांव थाना क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए डेयरी व्यापारियों के खिलाफ अभियान चलाया था. व्यापारी कल्याण सिंह नरवरिया निवासी कठवा गांव, रामनिवास धाकरे निवासी धनौली और राय बहादुर शर्मा पर कार्रवाई करते हुए सिंथेटिक दूध, मावा और पनीर जब्त किए थे.
सैंपल की जांच के लिए भोपाल भेजा गया था. 2018 में आई रिपोर्ट में सभी सैंपल फेल हो गए. जिसके आधार पर एडीएम अनिल चंदेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों मिलावटखोरों पर करीब 21 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जिनमें कल्याण सिंह पर 9 लाख, रामनिवास पर 5 लाख और रायबहादुर पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं रिपोर्ट में देरी की वजह को लेकर एडीएम का कहना है कि पहले विधानसभा और फिर लोकसभा के चुनाव प्रक्रिया के चलते थोड़ा समय लग गया, लेकिन मिलावटखोरों पर कार्रवाई जारी रहेगी.
इन दिनों भिंड, मुरैना ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों में डेयरी प्रोड्क्ट में मिलावटखोरी का खेल जारी है. यहीं वजह है कि प्रशासन अब मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका कानून के तहत कार्रवाई कर रही है.