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वाह रे CMO! फ्यूचर प्लानिंग कर स्ट्रीट लाइट की जगह बिछवा दी 11 केवी बिजली की लाइन

भिंड की नगर परिषद अकोड़ा के CMO रामभान सिंह भदोरिया ने अकोड़ा-चिमनी चौराहे से हाइवे के किनारे स्ट्रीट लाइट और ट्रांसफार्मर लगवाने के नाम पर 28 लाख रुपए ऐसी जगह पर खर्च कर दिए, जहां पर दूर-दूर तक कोई भी नहीं रहता है. पढ़ें अधिकारियों की मनामानी की बानगी की पूरी कहानी...

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Published : Feb 1, 2021, 11:07 PM IST

भिंड। नियमों को ताक पर रखकर अपना स्वार्थ किस तरह से पूरा किया जा सकता है, इसकी बानगी भिंड के अफसरों की मनमानी से साफ झलक रही है. यहां नियमों के खिलाफ जाकर अफसरों ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसी जगह पर 11 केवी बिजली की लाइन बिछवा दी, जहां रिहायशी बस्ती तक नहीं थी.

CMO की बानगी

स्ट्रीट लाइट के नाम पर घोटाला

मामला नगर परिषद अकोड़ा का है. यहां नगर परिषद CMO ने एक ऐसी जगह 11 केवी लाइन बिछवा दी, जहां दूर-दूर तक कोई रिहायशी बस्ती नजर घूमाने पर भी सामने नहीं आई. मनमानी का ये खेल शुरू हुआ सितंबर 2020 में. तब नगर परिषद अकोड़ा के CMO रामभान सिंह भदोरिया ने अकोड़ा-चिमनी चौराहे से हाइवे के किनारे स्ट्रीट लाइट और ट्रांसफार्मर रखे जाने के लिए टेंडर बुलाए. इस टेंडर के तहत तय समय सीमा यानि कि 3 महीने में काम पूरा होना था, लेकिन CMO ने स्ट्रीट लाइट की जगह हाइवे के किनारे 11 केवी की नई लाइन बिछवा दी.

ये भी पढ़ें- 'पंचायत' में अंधेरा, अब भरो 42 हजार

ग्रामीणों ने खोली CMO की पोल

मामले को लेकर अकोड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है जिस जगह ट्रांसफार्मर रखा जाना है, वहां निजी भूमि पर एक चिलर प्लांट लगाया जा रहा है. उसी व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए CMO ने नगर परिषद फंड से 28 लाख रुपए खर्च किए हैं, जबकि यह पैसा कई विकास कार्यों में उपयोग हो सकता था.

नगर परिषद CMO की फ्यूचर प्लानिंग

ग्रामीणों के आरोपों पर इस मामले को लेकर जब CMO भदौरिया से बात की गई तो उन्होंने काफी भावनात्मक तर्क दिया. जहां सरकारी अधिकारियों को एक फाइल पर साइन करने में सालों लग जाते हैं, वहां CMO ने भविष्य में बस्ती होने की संभावना को लेकर लाइन डलवाने की बात कही है. ताज्जुब की बात ये है कि आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां रिहायशी इलाके हैं लेकिन अब तक बिजली नहीं है. जिसके लिए ग्रामीण बिजली विभाग में कई बार शिकायतें कर चुके हैं. लेकिन अकोड़ा नगर परिषद के CMO ने फ्यूचर प्लानिंग की उम्मीद में ही 28 लाख रुपए खर्च कर डाले हैं.

ये भी पढ़ें- एसईसीएल बिजली क्षेत्र में कबाड़ चोरों का आतंक

कलेक्टर ने कही जांच की बात

इस मामले में पूरी तरह गबन की और घोटाले की उम्मीद नजर आती है, जिसको देखते हुए भिंड कलेक्टर डॉ. वीएस रावत ने कहा कि मामले में जांच की जाएगी. साथ ही दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

11 केवी विद्युत लाइन से एक पूरे गांव की बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जा सकती है. ऐसे में एक गैर रिहायशी इलाके में स्ट्रीट लाइट के बजाय नई 11 केवी लाइन बिछाना कहीं न कहीं एक निजी चिलर प्लांट को फायदा पहुंचाने में CMO की संलिप्तता को उजागर कर रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द भिंड कलेक्टर मामले में कार्रवाई करेंगे और इस तरह से भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर लगाम लगाएंगे.

भिंड। नियमों को ताक पर रखकर अपना स्वार्थ किस तरह से पूरा किया जा सकता है, इसकी बानगी भिंड के अफसरों की मनमानी से साफ झलक रही है. यहां नियमों के खिलाफ जाकर अफसरों ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसी जगह पर 11 केवी बिजली की लाइन बिछवा दी, जहां रिहायशी बस्ती तक नहीं थी.

CMO की बानगी

स्ट्रीट लाइट के नाम पर घोटाला

मामला नगर परिषद अकोड़ा का है. यहां नगर परिषद CMO ने एक ऐसी जगह 11 केवी लाइन बिछवा दी, जहां दूर-दूर तक कोई रिहायशी बस्ती नजर घूमाने पर भी सामने नहीं आई. मनमानी का ये खेल शुरू हुआ सितंबर 2020 में. तब नगर परिषद अकोड़ा के CMO रामभान सिंह भदोरिया ने अकोड़ा-चिमनी चौराहे से हाइवे के किनारे स्ट्रीट लाइट और ट्रांसफार्मर रखे जाने के लिए टेंडर बुलाए. इस टेंडर के तहत तय समय सीमा यानि कि 3 महीने में काम पूरा होना था, लेकिन CMO ने स्ट्रीट लाइट की जगह हाइवे के किनारे 11 केवी की नई लाइन बिछवा दी.

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ग्रामीणों ने खोली CMO की पोल

मामले को लेकर अकोड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है जिस जगह ट्रांसफार्मर रखा जाना है, वहां निजी भूमि पर एक चिलर प्लांट लगाया जा रहा है. उसी व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए CMO ने नगर परिषद फंड से 28 लाख रुपए खर्च किए हैं, जबकि यह पैसा कई विकास कार्यों में उपयोग हो सकता था.

नगर परिषद CMO की फ्यूचर प्लानिंग

ग्रामीणों के आरोपों पर इस मामले को लेकर जब CMO भदौरिया से बात की गई तो उन्होंने काफी भावनात्मक तर्क दिया. जहां सरकारी अधिकारियों को एक फाइल पर साइन करने में सालों लग जाते हैं, वहां CMO ने भविष्य में बस्ती होने की संभावना को लेकर लाइन डलवाने की बात कही है. ताज्जुब की बात ये है कि आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां रिहायशी इलाके हैं लेकिन अब तक बिजली नहीं है. जिसके लिए ग्रामीण बिजली विभाग में कई बार शिकायतें कर चुके हैं. लेकिन अकोड़ा नगर परिषद के CMO ने फ्यूचर प्लानिंग की उम्मीद में ही 28 लाख रुपए खर्च कर डाले हैं.

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कलेक्टर ने कही जांच की बात

इस मामले में पूरी तरह गबन की और घोटाले की उम्मीद नजर आती है, जिसको देखते हुए भिंड कलेक्टर डॉ. वीएस रावत ने कहा कि मामले में जांच की जाएगी. साथ ही दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

11 केवी विद्युत लाइन से एक पूरे गांव की बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जा सकती है. ऐसे में एक गैर रिहायशी इलाके में स्ट्रीट लाइट के बजाय नई 11 केवी लाइन बिछाना कहीं न कहीं एक निजी चिलर प्लांट को फायदा पहुंचाने में CMO की संलिप्तता को उजागर कर रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द भिंड कलेक्टर मामले में कार्रवाई करेंगे और इस तरह से भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर लगाम लगाएंगे.

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