भिंड। जिले में इस बार विधानसभा का चुनाव देखने लायक होगा. वजह है 15 साल बाद दो कट्टर विरोधी नेता बीजेपी और कांग्रेस से सीधा आमने सामने लड़ने जा रहे हैं. जहां बीजेपी ने नरेंद्र सिंह कुशवाह को एक बार फिर चुनाव में उतारा है. वहीं कांग्रेस से प्रत्याशी पूर्व मंत्री चौ राकेश सिंह चतुर्वेदी आठवीं बार विधानसभा के चुनावी अखाड़े में कूद चुके हैं. इस मौके पर ईटीवी भारत से उन्होंने खास बातचीत की.
सवाल- चार बार विधायक, मंत्री, उपनेता प्रतिपक्ष जैसी बड़ी ज़िम्मेदारियों रहीं, बावजूद इसके लंबे अरसे से चौधरी राकेश चतुर्वेदी बैकफुट पर नजर आ रहे थे. अब एक बार फिर कांग्रेस से टिकट मिला है नई ऊर्जा में नजर आ रहे हैं. किन वादों को लेकर जनता के बीच जाएंगे?
जवाब- सबसे पहले तो मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं प्रदेश के नेताओं के प्रति जिन्होंने मुझे कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस अपने वचन पत्र के आधार पर जनता के बीच जाएगी. पार्टी ने एक अनोखा निर्णय लिया है, कक्षा पांचवीं में पढ़ने वाले छात्र को भी हर महीने 500 रुपये इस कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र को 1000 रुपये और कक्षा बारहवीं में पढ़ने वाले बच्चे को डेढ़ हज़ार रुपये हर महीने मिलेंगे. यह अपने आप में अनोखा निर्णय जिसमें बच्चों का ध्यान रखा गया है. ध्यान रखा गया है किसानों का अपने इतनी उम्र में हम कभी कभार सुन लेते थे कि शिवराज सिंह चौहान ने सौ रुपया बोनस दे दिय गेहूं पर और अब पिछले चार साल से बोनस कम कर दिया, दिया ही नहीं. लेकिन, कांग्रेस ने ये कहा है कि हम किसान को आर्थिक रूप से मजबूत करेंगे और हर साल गेहूं की खरीदी 2600 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी. यह बात कांग्रेस के वचन पत्र में है इस बार मध्य प्रदेश में बच्चे हों, किसान हूों, बेरोजगार हों, हर वर्ग को आर्थिक रूप से और सामाजिक रूप से मज़बूत करने का मुद्दा लेकर कांग्रेस मैदान में हैं और इन्हीं मुद्दों के साथ हम भी चुनाव में जनता के बीच जाएंगे.
चर्चा के बीच कांग्रेस प्रत्याशी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने अपने कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों के बारे में भी बताया. उन्होंने जिला अस्पताल गौरी सरोवर के किनारे बनी सड़क समेत तमाम उदाहरण दिये. जिस के बारे में पहले किसी ने सोचा तक नहीं था, साथ ही अगर विधायक बने तो इस क्षेत्र के विकास के लिए किए जाने वाले कुछ प्रमुख कार्यों के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बताया.
सवाल- जो भी कार्य आपने गिनाए वे सभी शहरी क्षेत्र के हैं. जबकि हमारा असल मतदाता जो ग्रामीण क्षेत्र में होता है, उन्हें सबसे ज्यादा समस्याएं झेलना पड़ती हैं. ऐसे में अगर विधायक बनते हैं तब ग्रामीण क्षेत्रों के लिए क्या करेंगे?
जवाब- बिलकुल दुरुस्त सवाल अपने फरमाया. जब मैं विधायक था तो मैंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई विकास कार्य करे. बिजली के सब स्टेशन बनवाए, अकोड़ा, बिलाव सब स्टेशन ग्रामीण जनता को मिला. हमेशा कोशिश की जितना भी विकास हो सके विधानसभा क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत हाई स्कूल देहात क्षेत्र में हमने बनवाए. इंटर कॉलेज 90 प्रतिशत मैंने बनवाए. क्योंकि हमें शिक्षा का स्तर बच्चों के लिए आगे लेकर जाना था. वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में बात की जाए तो उमड़ी में जो अस्पताल बना उसके लिए 10 साल पहले मैंने प्रस्ताव पारित करा लिया था, उसमें बैड बढ़ाए जाए क्षेत्र में तमाम हास्पिटल बनवाए. भविष्य में जो भी जरूरत के कार्य होंगे हम उन पर फोकस करेंगे. ये तो हम लोगों का हमेशा ही यह उद्देश्य रहा है कि हमारे ग्रामीण क्षेत्र के लोग विकास करें और आगे बढ़ें. अब जब गेहूं ही 2600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा तो उसमें छह सौ रुपया प्रति क्विंटल किसान को बचेगा. उसका लाभ भी हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को होगा.
सवाल- विधान सभा के लिए टिकट के बहुत सारे दावेदार थे. डॉक्टर गोविंद सिंह तो पहले ही कह चुके थे कि इस बार साम, दाम, दंड, भेद से चुनाव लड़ा जाएगा और जिताऊ प्रत्याशी होगा उसे ही टिकट मिलेगा, तो आप बहुत से लोगों के टिकट काट चुके हैं तो उनकी नाराज़गी से डैमेज कंट्रोल कैसे करेंगे?
जवाब- यह बात तो आपने खुद ही कह दी कि डॉक्टर गोविंद सिंह ने पहले ही कह दिया था कि इस बार जिताऊ दावेदार कोई ही कैंडिडेट बनाएंगे तो इस बात पर तो उनका स्वागत करना चाहिए कि उन्होंने अपने वचन का पालन किया. उन्होंने जिताऊ उम्मीदवार को अपना प्रत्याशी बनाया. रहा सवाल साम, दाम, दंड, भेद से उनका आशय यह है कि राजनीति में चतुराई और चालाकी से अपनी रक्षा करना चाहिए. वह तो मैं भी करूंगा, मैं अपनी तिजोरी में रखा हुआ सोना किसी और को लूटकर ले जाने की इजाजत नहीं दूँगा. उस की रखवाली के लिए मुझे कुछ भी करना पड़े मैं बिलकुल करूंगा. रही बात डैमेज कंट्रोल की तो अभी तक तो मुझे यह बात समझ में आयी नहीं है. BJP में जरूर समझ में आया कि लोग नाराज हो रहे हैं लेकिन यहां कांग्रेस नेताओं में सभी से मेरी बात हो रही है.
सवाल- नरेंद्र सिंह कुशवाह अब BJP से आपके सामने हैं उनको कितना चुनौती मान रहे हैं?
जवाब- पहले आप इतिहास खंगाले, रिजल्ट देखें विधानसभाओं के, आप उसके बाद मुझसे बात करें की मेरे सामने कौन कौन प्रत्याशी रहा और उन्हें मेरे आगे कितने वोट मिले तब मैं उस पर सही से जवाब दे पाऊंगा.