ETV Bharat / state

Bhind News: सावन में शिवालय पर बवाल, ज्ञापन देने इकट्ठा हुई करणी सेना को पुलिस ने किया ट्रैप, फिर जो हुआ... - भदावर राजाओं का शासन

चम्बल अंचल के भिंड जिले में एक ऐतिहासिक शिवालय पर बवाल मचा हुआ है. राजा मिहिर भोज की तरह ही प्राचीन बौरेश्वर धाम के निर्माण को लेकर क्षत्रिय और गुर्जर समाज आमने-सामने हो गए हैं.

baureshwar dham temple controversy
भिंड में शिवालय पर बवाल
author img

By

Published : Aug 5, 2023, 8:01 PM IST

भिंड में शिवालय पर बवाल

भिंड। एक ओर सावन का महीना चल रहा है वहीं चम्बल अंचल के भिंड जिले में एक ऐतिहासिक शिवालय पर बवाल मचा हुआ है. राजा मिहिर भोज की तरह ही प्राचीन बौरेश्वर धाम के निर्माण को लेकर क्षत्रिय और गुर्जर समाज आमने-सामने हैं. इसी मामले में जिला मुख्यालय पर करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर लोग इकट्ठा हुए. क्षत्रिय समाज के सैकड़ों युवा शनिवार को विशाल बाइक रैली के साथ ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नगर पालिका में ही कैद कर लिया. करीब दो घंटे के हंगामे के बाद मौके पर ही ज्ञापन की फ़ॉर्मेलिटी पूरी कर दी गई.

baureshwar dham temple controversy
करणी सेना भिंड के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा

क्या है पूरा मामला: चम्बल अंचल में भदावर राजाओं का शासन लम्बे समय तक रहा उस दौरान कई ऐतिहासिक धरोहरों का निर्माण और पुनर्निर्माण भी इन शासकों ने कराया था. आज ये संपदा पुरातत्व विभाग के अधीन है, लेकिन किसी असामाजिक तत्व द्वारा भिंड जिले के प्राचीन शिव मंदिर श्री बौरेश्वर धाम पर लगे पुरातत्व विभाग की जानकारी देने वाले बोर्ड पर किसी ने भदावर मिटाकर गुर्जर लिख दिया. फिर क्या था बवाल तो मचना ही था. पहले क्षत्रिय समाज और करणी सेना ने इस मामले में संज्ञान लेकर फूप थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की. लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. बल्कि करणी सेना के पदाधिकारियों का आरोप था कि थाना प्रभारी ने उनसे अभद्रता तक की.

baureshwar dham temple controversy
भिंड में करणी सेना का हंगामा

पुलिस ने नगर पालिका में किया नजरबंद: इसी तारतम्य में करणी सेना के आह्वान पर भिंड जिला मुख्यालय पर एक रैली के माध्यम से भिंड पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देना तय हुआ. शनिवार को जब क्षत्रिय समाज के युवा और करणी सेना के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह भदौरिया के नेतृत्व में नगर पालिका पर एकत्रित हुए तो इस बात की भनक लगते ही भारी पुलिस बल जिनमें देहात और शहर कोतवाली थाना प्रभारियों समेत आधा दर्जन निरीक्षक, करीब एक दर्जन से अधिक उप निरीक्षक, दो डीएसपी और तमाम पुलिस आरक्षकों ने उन्हें घेराबंदी कर नगर पालिका परिसर में ही कैद कर दिया.

पूरी तैयारी के साथ आयी थी पुलिस, आंसू गैस के गोले तक मंगाये थे: अचानक इस तरह कैद किए जाने से रैली में शामिल होने आए प्रदर्शनकारियों ने भी जमकर हंगामा किया. हालांकि, किसी भी तरह के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति से निपटने को लेकर भी पुलिस तैयारी कर आयी थी. लाठी चार्ज से लेकर आंसू गैस के गोले तक बैकअप में मांगे लिए गए थे. काफी बहस और हंगामे के बाद जाकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों ने सामंजस्य बैठा कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नगर पालिका बुला कर एक ज्ञापन उन्हें बौरेश्वर मंदिर की घटना और फूप थाना प्रभारी के रवैये को लेकर कार्रवाई के लिए एएसपी कमलेश खरपुसे को सौंपा.

ये भी खबरें यहां पढ़ें

पर्यटन संपदाओं से भरा भिंड, फिर भी वीरान

Miracle of Lord Hanuman: भारी बारिश में मंदिर हुआ धराशायी, पर नदी में विराजमान 'बजरंगबली' की प्रतिमा को हिला तक न पाई बाढ़

फूप थाना प्रभारी को लेकर टूटा आक्रोश: करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह भदौरिया का कहना था कि "किसी असामाजिक तत्व ने भदावर शासकों द्वारा निर्मित बौरेश्वर महादेव मंदिर जो की आर्कियोलॉजिकल विभाग के संरक्षण में है. वहां लगाये गये पुरातत्व विभाग के इतिहास की जानकारी के बोर्ड से छेड़छाड़ कर हमारे समाज पर प्रहार किया है. हम नहीं जानते कि वह कौन लोग थे लेकिन उनमें से एक का आईडी प्रूफ हमें मिला था हमने तुरंत इस संबंध में फूप थाना टीआई प्रमोद साहू को सूचित किया. लेकिन उनका हमारे प्रति व्यवहार बहुत गलत था."

baureshwar dham temple controversy
भिंड में तैनात पुलिस जवान

उन्होंने कहा कि "भिंड एसपी को ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे में भ्रष्ट पुलिस अधिकारी जो भिंड में कार्यरत हैं और हर समाज को गाली देकर बात करते हैं. तत्काल यहां से उनकी सेवाएं बर्खास्त करिए. हमारे क्षत्रिय समाज के जो लोग ज्ञापन लेकर शिकायत करने गए थे उनके साथ भी बहुत अभद्रता से बात की. फूप थाना प्रभारी प्रमोद साहू को लेकर भी पूरे समाज में अब आक्रोश है."

'किसी समाज का विरोध नहीं, लेकिन इतने कमजोर नहीं की जवाब ना दे सकें': संतोष भदौरिया ने मिहिर भोज के अब बौरेश्वर धाम को टारगेट किए जाने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि "कुछ अपराधी किस्म के तत्व हैं जो शायद चाहते हैं कि दो समाजों के बीच हिंसा भड़के. उनके इरादों को बढ़ावा मिलता है. प्रशासन की ढिलाई से ये सब कुछ हो रहा है. हमारी मांग है कि पुरातत्व विभाग के रिकॉर्ड में जो हो उसे फिर से उस बोर्ड पर लिखवाया जाए. यदि वहां भदावर वंश लिखा था तो वह लिखवाएं और अगर पुरातत्व विभाग में समंदर के संबंध में कोई और जानकारी हो तो वह लिखवाया जाए. करणी सेना किसी समाज का विरोध नहीं कर रही, लेकिन क्षत्रिय समाज इतना कमजोर भी नहीं है कि कोई हमारे घर में घुसकर हमारे समाज के खिलाफ कोई बोले और हम चुपचाप देखते रहे. आगामी चुनावों में भी उसी को साथ मिलेगा चाहे वो कोई राजनीतिक दल हो या वर्तमान विधायक."

भिंड में शिवालय पर बवाल

भिंड। एक ओर सावन का महीना चल रहा है वहीं चम्बल अंचल के भिंड जिले में एक ऐतिहासिक शिवालय पर बवाल मचा हुआ है. राजा मिहिर भोज की तरह ही प्राचीन बौरेश्वर धाम के निर्माण को लेकर क्षत्रिय और गुर्जर समाज आमने-सामने हैं. इसी मामले में जिला मुख्यालय पर करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर लोग इकट्ठा हुए. क्षत्रिय समाज के सैकड़ों युवा शनिवार को विशाल बाइक रैली के साथ ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नगर पालिका में ही कैद कर लिया. करीब दो घंटे के हंगामे के बाद मौके पर ही ज्ञापन की फ़ॉर्मेलिटी पूरी कर दी गई.

baureshwar dham temple controversy
करणी सेना भिंड के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा

क्या है पूरा मामला: चम्बल अंचल में भदावर राजाओं का शासन लम्बे समय तक रहा उस दौरान कई ऐतिहासिक धरोहरों का निर्माण और पुनर्निर्माण भी इन शासकों ने कराया था. आज ये संपदा पुरातत्व विभाग के अधीन है, लेकिन किसी असामाजिक तत्व द्वारा भिंड जिले के प्राचीन शिव मंदिर श्री बौरेश्वर धाम पर लगे पुरातत्व विभाग की जानकारी देने वाले बोर्ड पर किसी ने भदावर मिटाकर गुर्जर लिख दिया. फिर क्या था बवाल तो मचना ही था. पहले क्षत्रिय समाज और करणी सेना ने इस मामले में संज्ञान लेकर फूप थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की. लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. बल्कि करणी सेना के पदाधिकारियों का आरोप था कि थाना प्रभारी ने उनसे अभद्रता तक की.

baureshwar dham temple controversy
भिंड में करणी सेना का हंगामा

पुलिस ने नगर पालिका में किया नजरबंद: इसी तारतम्य में करणी सेना के आह्वान पर भिंड जिला मुख्यालय पर एक रैली के माध्यम से भिंड पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देना तय हुआ. शनिवार को जब क्षत्रिय समाज के युवा और करणी सेना के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह भदौरिया के नेतृत्व में नगर पालिका पर एकत्रित हुए तो इस बात की भनक लगते ही भारी पुलिस बल जिनमें देहात और शहर कोतवाली थाना प्रभारियों समेत आधा दर्जन निरीक्षक, करीब एक दर्जन से अधिक उप निरीक्षक, दो डीएसपी और तमाम पुलिस आरक्षकों ने उन्हें घेराबंदी कर नगर पालिका परिसर में ही कैद कर दिया.

पूरी तैयारी के साथ आयी थी पुलिस, आंसू गैस के गोले तक मंगाये थे: अचानक इस तरह कैद किए जाने से रैली में शामिल होने आए प्रदर्शनकारियों ने भी जमकर हंगामा किया. हालांकि, किसी भी तरह के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति से निपटने को लेकर भी पुलिस तैयारी कर आयी थी. लाठी चार्ज से लेकर आंसू गैस के गोले तक बैकअप में मांगे लिए गए थे. काफी बहस और हंगामे के बाद जाकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों ने सामंजस्य बैठा कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नगर पालिका बुला कर एक ज्ञापन उन्हें बौरेश्वर मंदिर की घटना और फूप थाना प्रभारी के रवैये को लेकर कार्रवाई के लिए एएसपी कमलेश खरपुसे को सौंपा.

ये भी खबरें यहां पढ़ें

पर्यटन संपदाओं से भरा भिंड, फिर भी वीरान

Miracle of Lord Hanuman: भारी बारिश में मंदिर हुआ धराशायी, पर नदी में विराजमान 'बजरंगबली' की प्रतिमा को हिला तक न पाई बाढ़

फूप थाना प्रभारी को लेकर टूटा आक्रोश: करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह भदौरिया का कहना था कि "किसी असामाजिक तत्व ने भदावर शासकों द्वारा निर्मित बौरेश्वर महादेव मंदिर जो की आर्कियोलॉजिकल विभाग के संरक्षण में है. वहां लगाये गये पुरातत्व विभाग के इतिहास की जानकारी के बोर्ड से छेड़छाड़ कर हमारे समाज पर प्रहार किया है. हम नहीं जानते कि वह कौन लोग थे लेकिन उनमें से एक का आईडी प्रूफ हमें मिला था हमने तुरंत इस संबंध में फूप थाना टीआई प्रमोद साहू को सूचित किया. लेकिन उनका हमारे प्रति व्यवहार बहुत गलत था."

baureshwar dham temple controversy
भिंड में तैनात पुलिस जवान

उन्होंने कहा कि "भिंड एसपी को ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे में भ्रष्ट पुलिस अधिकारी जो भिंड में कार्यरत हैं और हर समाज को गाली देकर बात करते हैं. तत्काल यहां से उनकी सेवाएं बर्खास्त करिए. हमारे क्षत्रिय समाज के जो लोग ज्ञापन लेकर शिकायत करने गए थे उनके साथ भी बहुत अभद्रता से बात की. फूप थाना प्रभारी प्रमोद साहू को लेकर भी पूरे समाज में अब आक्रोश है."

'किसी समाज का विरोध नहीं, लेकिन इतने कमजोर नहीं की जवाब ना दे सकें': संतोष भदौरिया ने मिहिर भोज के अब बौरेश्वर धाम को टारगेट किए जाने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि "कुछ अपराधी किस्म के तत्व हैं जो शायद चाहते हैं कि दो समाजों के बीच हिंसा भड़के. उनके इरादों को बढ़ावा मिलता है. प्रशासन की ढिलाई से ये सब कुछ हो रहा है. हमारी मांग है कि पुरातत्व विभाग के रिकॉर्ड में जो हो उसे फिर से उस बोर्ड पर लिखवाया जाए. यदि वहां भदावर वंश लिखा था तो वह लिखवाएं और अगर पुरातत्व विभाग में समंदर के संबंध में कोई और जानकारी हो तो वह लिखवाया जाए. करणी सेना किसी समाज का विरोध नहीं कर रही, लेकिन क्षत्रिय समाज इतना कमजोर भी नहीं है कि कोई हमारे घर में घुसकर हमारे समाज के खिलाफ कोई बोले और हम चुपचाप देखते रहे. आगामी चुनावों में भी उसी को साथ मिलेगा चाहे वो कोई राजनीतिक दल हो या वर्तमान विधायक."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.