भिंड। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भिंड से अटूट रिश्ता रहा है. अटल जी ने न सिर्फ अपना बचपन भिंड की गलियों में गुजारा, बल्कि अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से ली है. अटल बिहारी की गंभीरता, उनका काव्य, देशप्रेम और जनसेवा सभी के लिए मिसाल है, जिसे हर कोई जानता है, लेकिन उनके बचपन के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं.
भिंड की गलियों में बिताए चार साल
अटल बिहारी के बचपन के साथी और मकान मालिक के भतीजे छोटे लाल मिश्रा ने बताया कि जब वे आठ साल के थे तो भिंड आए थे. जहां प्रारंभिक शिक्षा के लिए भिंड के गर्ल्स स्कूल वाली गली में एक किराए के मकान में रहते थे. वे करीब चार साल वन खंडेश्वर मंदिर के पास रत्नाकर मिश्रा के मकान में किराए पर रहे.
अलट बिहारी थे एक होनहार छात्र
छोटे लाल मिश्रा आज ज्यादा सुन या बोल नहीं पाते, उनके पोते राहुल ने बताया कि वे हमेशा अटल बिहारी को याद करते हैं. वे यहां दो बार रहने आए, लेकिन उनसे कभी किराया नहीं मांगा गया. वे उस समय गली में अर्बन एस्टेट बालक स्कूल में पढ़ते थे, जो आज शासकीय कन्या शाला है. अटल बिहारी वाजपेयी एक होनहार छात्र थे, प्रारंभिक स्कूली शिक्षा के बाद आगे पढ़ने के लिए वे ग्वालियर चले गए. जिसके बाद कभी उनका भिंड में परिवार से मिलना नहीं हुआ. एक बार ग्वालियर में उनसे मुलाकात हुई, लेकिन राजनेता बनने के बाद दोबारा मिलने का मौका नहीं मिला.
भिंड में आज भी मौजूद हैं अलट जी की यादें
भिंड में आज भी उनका घर उसी हालत में है, जहां उनकी यादें संजोकर रखी गई है. रत्नाकर मिश्रा का परिवार उस घर को एक हेरिटेज स्पॉट के तौर पर जीर्णोद्धार करने का विचार कर रहे हैं. जिससे उस घर का महत्व बढ़ सके. साथ ही उसमें रखा सामान आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सके.