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Reality Check: अधूरा काम, जिला अस्पताल में स्वीकृत हुए oxygen plant, लेकिन नहीं हुए तैयार - स्वास्थ्य विभाग

जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऑक्सीजन प्लांट बनाने के निर्देश दिए थे. इनमें एक सरकार की ओर से और दो टेवा (Teva) कंपनी की ओर से लगाए जाने थे, लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में कुछ और ही सामने आया.

oxygen plant
ऑक्सिजन प्लांट
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Published : Jun 4, 2021, 9:59 AM IST

Updated : Jun 4, 2021, 10:54 AM IST

भिंड। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. सबसे ज्यादा मौतें ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट बनाने के निर्देश दिए थे. इनमें से 1 मध्य प्रदेश सरकार की ओर से और अन्य दो टेवा (Teva) कंपनी की ओर से लगाए जाने हैं. सरकार की ओर से स्वीकृत मिलने के डेढ़ महीने बाद भी प्लांट सिर्फ स्ट्रक्चर निर्माण तक ही सीमित रहा. अब तक इस प्लांट के लिए मशीनरी तक नही आई है.

रियलिटी चेक

अधिकारियों के पास नहीं है संतोषजनक जवाब
मामले के बारे में कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कोरोना प्रभारी मंत्री OPS भदौरिया से सवाल किए गए, लेकिन उनके इसका कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं था. मंत्री ने हर बार सिर्फ स्ट्रक्चर खड़े किए जाने की बात कहते हुए बात को टाल दी. टेवा (Teva) कंपनी की ओर से 2 ऑक्सीजन प्लांट लगाई जानी है, जो एक प्लांट 25 बेड के लिए पर्याप्त सप्लाई देगा. वहीं, दूसरा प्लांट 100 बेड की आपूर्ति करेगा. मौके पर पहुंचे ईटीवी भारत ने इसके रीऐलिटी चेक में पाया कि सरकार की ओर से स्वीकृत प्लांट आज भी अधूरा है. वहीं, जब टेवा (Teva) कंपनी की ओर से लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट पर निगाह डाली, तो इसका स्ट्रक्चर लगभग पूरा हो चुका है. वहीं मशीन तो आ चुकी है, लेकिन अब तक उसकी फिटिंग नहीं शुरू हुई है.

जिला अस्पताल में लगेगा 1 हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र

स्ट्रक्चर तैयार, मशीनरी वर्क बाकी
कॉन्ट्रैक्टर ने इसमें बताया कि स्ट्रक्चर का काम पूरा हो चुका है, सिर्फ पेंटिंग का काम बचा है, जो एक या दो दिन में पूरा हो जाएगा. मशीन शुरू करने के लिए टेक्नीशियन अपना काम करेंगे. उसके बाद ऑक्सिजन की गुणवत्ता की टेस्टिंग होगी और इसे क्लीनचिट मिलते ही सप्लाई शुरू हो जाएगी, लेकिन इसमें कितना समय लग जाएगा ये अभी नहीं कहा जा सकता है.

भिंड। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. सबसे ज्यादा मौतें ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट बनाने के निर्देश दिए थे. इनमें से 1 मध्य प्रदेश सरकार की ओर से और अन्य दो टेवा (Teva) कंपनी की ओर से लगाए जाने हैं. सरकार की ओर से स्वीकृत मिलने के डेढ़ महीने बाद भी प्लांट सिर्फ स्ट्रक्चर निर्माण तक ही सीमित रहा. अब तक इस प्लांट के लिए मशीनरी तक नही आई है.

रियलिटी चेक

अधिकारियों के पास नहीं है संतोषजनक जवाब
मामले के बारे में कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कोरोना प्रभारी मंत्री OPS भदौरिया से सवाल किए गए, लेकिन उनके इसका कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं था. मंत्री ने हर बार सिर्फ स्ट्रक्चर खड़े किए जाने की बात कहते हुए बात को टाल दी. टेवा (Teva) कंपनी की ओर से 2 ऑक्सीजन प्लांट लगाई जानी है, जो एक प्लांट 25 बेड के लिए पर्याप्त सप्लाई देगा. वहीं, दूसरा प्लांट 100 बेड की आपूर्ति करेगा. मौके पर पहुंचे ईटीवी भारत ने इसके रीऐलिटी चेक में पाया कि सरकार की ओर से स्वीकृत प्लांट आज भी अधूरा है. वहीं, जब टेवा (Teva) कंपनी की ओर से लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट पर निगाह डाली, तो इसका स्ट्रक्चर लगभग पूरा हो चुका है. वहीं मशीन तो आ चुकी है, लेकिन अब तक उसकी फिटिंग नहीं शुरू हुई है.

जिला अस्पताल में लगेगा 1 हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र

स्ट्रक्चर तैयार, मशीनरी वर्क बाकी
कॉन्ट्रैक्टर ने इसमें बताया कि स्ट्रक्चर का काम पूरा हो चुका है, सिर्फ पेंटिंग का काम बचा है, जो एक या दो दिन में पूरा हो जाएगा. मशीन शुरू करने के लिए टेक्नीशियन अपना काम करेंगे. उसके बाद ऑक्सिजन की गुणवत्ता की टेस्टिंग होगी और इसे क्लीनचिट मिलते ही सप्लाई शुरू हो जाएगी, लेकिन इसमें कितना समय लग जाएगा ये अभी नहीं कहा जा सकता है.

Last Updated : Jun 4, 2021, 10:54 AM IST
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