बैतूल। गर्मी की तपन से जूझ रहे लोगों को पेयजल संकट से भी जूझना पड़ रहा है. मध्यप्रदेश के पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के गृह जिले में तो हालात काफी खराब हैं. यहां के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कुएं से निकलने वाला गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
पीएचई मंत्री जब मोदी सरकार के जलशक्ति मंत्रालय का प्रेजेंटेसन देख रहे थे, तो उसी समय सैकड़ों लोग पानी के लिए परेशान थे. यहां के ग्रामीण कमर में रस्सी बांध कर कुएं में उतरकर पानी ला रहे हैं. आठनेर ब्लॉक की बाकुड़ पंचायत के रेणुखापा गांव में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. 750 कि आबादी वाले इस गांव में 5 हैंड पंप, 5 कुंआ है.
5 हैंड पंप और 3 कुंआ सुख चुके हैं, केवल दो कुंए में पानी है. जो रात को 12 घंटे में जमा होता है. पानी के लिए ग्रामीण सुबह 4 बजे उठकर नंबर लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं.यहां जोखिम का आलम यह है कि एक व्यक्ति कमर में रस्सी बांध कर कुवे में उतरता है और फिर बाल्टी भर कर लोगों को देता है. बमुश्किल लोगो को दो से तीन गुंडी पानी मिल पाता है.जलसंकट ऐसा कि लोगों ने नहाना छोड़ दिया है. पांच दिन में एक बार लोग खाट पर बैठकर नहाते हैं और उसका जमा पानी का इस्तेमाल करते हैं. जिसके चलते गांव में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है.