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VIDEO: पानी के लिए रस्सी बांधकर कुएं में उतर रहे हैं लोग, मंत्री सुखदेव पांसे के जिले में बुरा हाल - पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे

मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी और जलसंकट सबसे बड़ी समस्या बन गई है. पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के गृहजिले के हालात यह है कि लोग में रस्सी डालकर पानी लेने के लिए उतरते हैं.

कुएं में पानी लेने उतरता युवक
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Published : Jun 12, 2019, 6:36 PM IST

बैतूल। गर्मी की तपन से जूझ रहे लोगों को पेयजल संकट से भी जूझना पड़ रहा है. मध्यप्रदेश के पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के गृह जिले में तो हालात काफी खराब हैं. यहां के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कुएं से निकलने वाला गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.


पीएचई मंत्री जब मोदी सरकार के जलशक्ति मंत्रालय का प्रेजेंटेसन देख रहे थे, तो उसी समय सैकड़ों लोग पानी के लिए परेशान थे. यहां के ग्रामीण कमर में रस्सी बांध कर कुएं में उतरकर पानी ला रहे हैं. आठनेर ब्लॉक की बाकुड़ पंचायत के रेणुखापा गांव में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. 750 कि आबादी वाले इस गांव में 5 हैंड पंप, 5 कुंआ है.

बैतूल में जलसंकट


5 हैंड पंप और 3 कुंआ सुख चुके हैं, केवल दो कुंए में पानी है. जो रात को 12 घंटे में जमा होता है. पानी के लिए ग्रामीण सुबह 4 बजे उठकर नंबर लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं.यहां जोखिम का आलम यह है कि एक व्यक्ति कमर में रस्सी बांध कर कुवे में उतरता है और फिर बाल्टी भर कर लोगों को देता है. बमुश्किल लोगो को दो से तीन गुंडी पानी मिल पाता है.जलसंकट ऐसा कि लोगों ने नहाना छोड़ दिया है. पांच दिन में एक बार लोग खाट पर बैठकर नहाते हैं और उसका जमा पानी का इस्तेमाल करते हैं. जिसके चलते गांव में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है.

बैतूल। गर्मी की तपन से जूझ रहे लोगों को पेयजल संकट से भी जूझना पड़ रहा है. मध्यप्रदेश के पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के गृह जिले में तो हालात काफी खराब हैं. यहां के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कुएं से निकलने वाला गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.


पीएचई मंत्री जब मोदी सरकार के जलशक्ति मंत्रालय का प्रेजेंटेसन देख रहे थे, तो उसी समय सैकड़ों लोग पानी के लिए परेशान थे. यहां के ग्रामीण कमर में रस्सी बांध कर कुएं में उतरकर पानी ला रहे हैं. आठनेर ब्लॉक की बाकुड़ पंचायत के रेणुखापा गांव में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. 750 कि आबादी वाले इस गांव में 5 हैंड पंप, 5 कुंआ है.

बैतूल में जलसंकट


5 हैंड पंप और 3 कुंआ सुख चुके हैं, केवल दो कुंए में पानी है. जो रात को 12 घंटे में जमा होता है. पानी के लिए ग्रामीण सुबह 4 बजे उठकर नंबर लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं.यहां जोखिम का आलम यह है कि एक व्यक्ति कमर में रस्सी बांध कर कुवे में उतरता है और फिर बाल्टी भर कर लोगों को देता है. बमुश्किल लोगो को दो से तीन गुंडी पानी मिल पाता है.जलसंकट ऐसा कि लोगों ने नहाना छोड़ दिया है. पांच दिन में एक बार लोग खाट पर बैठकर नहाते हैं और उसका जमा पानी का इस्तेमाल करते हैं. जिसके चलते गांव में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है.

Intro:बैतूल ।।

गर्मी की तपन से जूझ रहे लोगो को पेयजल संकट से भी जूझना पड़ रहा है । मध्यप्रदेश के पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के गृह जिले में तो हालात जानलेवा बन गए है । यहां के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कुवे से निकलने वाला गंदा पानी पीने को मजबूर है । पीएचई मंत्री जब मोदी सरकार के जलशक्ति मंत्रालय का प्रेजेंटेसन देख रहे थे तो उसी समय सैकड़ो लोग पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे थे । यहां के ग्रामीण कमर में रस्सी बांध कर कुवे में उतरकर पानी ला रहे है ।


Body:ये तश्वीर मंत्री पांसे की विधानसभा से सटी कांग्रेस विधायक धरमु सिंग का इलाका है । आठनेर ब्लॉक की बाकुड़ पंचायत के रेणुखापा गांव में ग्रामीण बून्द बून्द पानी के लिए तरस रहे है । 750 कि आबादी वाले इस गांव में 5 हैंड पंप 5 कुवे है । जिसमे 5 हैंड पंप और 3 कुवे सुख चुके है केवल दो कुवे में पानी है जो रात के 12 घंटे में जमा होता है ग्रामीण सुबह 4 बजे उठकर कुवे पर नंबर लगाकर बारी का इंतजार करते है ।

यहां जोखिम का आलम यह है कि एक व्यक्ति कमर में रस्सी बांध कर कुवे में उतरता है और फिर बाल्टी भर कर लोगो को देता है और फिर लोग पानी खीचकर गुंडिया भरते है । बमुश्किल लोगो को दो से तीन गुंडी पानी मिल पाता है । हालात इतने डराने वाले है कि लोगो ने नहाना छोड़ दिया है । पांच दिन में एक बार खटिया पर बैठकर नहा रहे है । खटिया के नीचे एक बर्तन रखा जाता है और ऊपर बैठकर लोग नहाते है नहाने वाला पानी उस बर्तन में जमा हो जाता है उस पानी से लोग कपड़े और बर्तन धोते है । जिसके चलते गांव में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है ।


Conclusion:पानी के लिए जान जोखिम से भरे इस जतन पर अफसर खामोस है । वे सिर्फ भरोसा जाता रहे है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा । ऐसे में सवाल यही है कि पानी का अधिकार देने का ढिंढोरा पीट रहे मंत्री के जिले में यह हालात है तो फिर दूसरे जिलों में क्या हालात होंगे ।

बाइट -- जगोती धुर्वे ( ग्रामीण )
बाइट -- गीतेश तायवाड़े ( कुवे में उतारने वाला युवक )
बाइट -- रामोता बाई ( ग्रामीण )
बाइट -- तरुण कुमार पिथोड़े ( कलेक्टर )
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