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सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसे टाइगर का नहीं लगा सुराग, ड्रोन और कैमरे से निगरानी, VIDEO VIRAL - सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसे बाघ का नहीं लगा सुराग

सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसे टाइगर का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. निगरानी के लिए 4 टीमें बनाई गई है. ड्रोन और कैमरे से बाघ पर निगरानी रखी जा रही है.

tiger enter at satpura power plant
सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसा टाइगर
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Published : Jun 4, 2023, 5:43 PM IST

सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसे बाघ का नहीं लगा सुराग

बैतूल। जिले के सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसे टाइगर का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. वन विभाग ने टाइगर की निगरानी के लिए 4 टीमें बनाई है. ड्रोन और कैमरे से निगरानी की जा रही है. वहीं सोशल मीडिया पर टाइगर का एक वीडियो वायरल हो रहा है. स्थानीय लोग इसे सारणी का वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं. हालांकि वन विभाग ने इस वायरल वीडियो को सारणी का होने से इंकार किया है.

बाघ की निगरानी में चूक: सारणी के रिहायशी क्षेत्र में घूम रहे टाइगर ने वन विभाग की मुश्किलें बढ़ा रखी है. कई कोशिशों के बावजूद वन विभाग टाइगर को जंगल की ओर खदेड़ने में नाकाम साबित हुआ है. जबकि टाइगर पर नजर रखने के लिए विभाग ने 4 टीमें बना रखी है. इसके अलावा दिन में ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है, जबकि रात में नाइट विजन कैमरा लगा रखा है. फिर भी यह टाइगर कैमरे में कैद होने के बजाय वन विभाग की टीम को चकमा देकर शान से घूम रहा है. शुक्रवार शाम को सीएचपी में बाघ की मौजूदगी मिली. जहां वन विभाग के आला अफसर पहुंचे. इसके बाद बाघ पर कड़ी निगरानी रखी. रात करीब 9 बजे कोल हैंडलिंग प्लांट से निकलकर बाघ कब सीडब्ल्यू पंप हाउस तरफ जा पहुंचा, इसकी विभाग को भनक तक नहीं लगी. प्लांट में बाघ की मौजूदगी से अफरा तफरी मच गई. देर रात तक टॉर्च और बैटरी की मदद से वन विभाग की टीम पावर प्लांट के अंदर बाघ को तलाशते रहे लेकिन सफलता नहीं मिली. वहीं शनिवार को दिन और रात में भी टाइगर की सर्चिंग जारी रही.

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बाघ की मौजूदगी: सारणी वन विभाग के एसडीओ जेएस धारवे ने बताया कि बाघ कहां है इसकी मूवमेंट नहीं मिल रही. निगरानी के लिए 4 टीमें लगा रखी है. बाघ को कैद करने के लिए कैमरे लगाए गए हैं. वन विभाग द्वारा दिन में ड्रोन और रात में नाइट विजन कैमरे से टाइगर पर नजर रखी जा रही है. इसके अलावा 4 अलग-अलग टीमें गठित की गई है. फिलहाल टाइगर की मूवमेंट कोल हैंडलिंग प्लांट, एबी-टाइप के राखड़ नाले, पुराने गैस गोडाउन के पीछे मिल रही है. इन्हीं चिन्हित स्थानों पर विभाग द्वारा नाइट विजन कैमरा लगाए गए हैं. गैस गोडाउन के पीछे वाले हिस्से में ऊंची-ऊंची घाट और घनी झाड़ियां हैं, यहां पर्याप्त पानी है. इस क्षेत्र का वातावरण काफी ठंडा रहता है. यहां गाय, भैंस काफी मात्रा में चरने आते हैं जो आसानी से बाघ का शिकार भी बन जाते हैं. यहां मिले पशुओं के कंकाल से अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ की मौजूदगी इस क्षेत्र में बनी रहती हैं.

सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसे बाघ का नहीं लगा सुराग

बैतूल। जिले के सतपुड़ा पॉवर प्लांट में घुसे टाइगर का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. वन विभाग ने टाइगर की निगरानी के लिए 4 टीमें बनाई है. ड्रोन और कैमरे से निगरानी की जा रही है. वहीं सोशल मीडिया पर टाइगर का एक वीडियो वायरल हो रहा है. स्थानीय लोग इसे सारणी का वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं. हालांकि वन विभाग ने इस वायरल वीडियो को सारणी का होने से इंकार किया है.

बाघ की निगरानी में चूक: सारणी के रिहायशी क्षेत्र में घूम रहे टाइगर ने वन विभाग की मुश्किलें बढ़ा रखी है. कई कोशिशों के बावजूद वन विभाग टाइगर को जंगल की ओर खदेड़ने में नाकाम साबित हुआ है. जबकि टाइगर पर नजर रखने के लिए विभाग ने 4 टीमें बना रखी है. इसके अलावा दिन में ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है, जबकि रात में नाइट विजन कैमरा लगा रखा है. फिर भी यह टाइगर कैमरे में कैद होने के बजाय वन विभाग की टीम को चकमा देकर शान से घूम रहा है. शुक्रवार शाम को सीएचपी में बाघ की मौजूदगी मिली. जहां वन विभाग के आला अफसर पहुंचे. इसके बाद बाघ पर कड़ी निगरानी रखी. रात करीब 9 बजे कोल हैंडलिंग प्लांट से निकलकर बाघ कब सीडब्ल्यू पंप हाउस तरफ जा पहुंचा, इसकी विभाग को भनक तक नहीं लगी. प्लांट में बाघ की मौजूदगी से अफरा तफरी मच गई. देर रात तक टॉर्च और बैटरी की मदद से वन विभाग की टीम पावर प्लांट के अंदर बाघ को तलाशते रहे लेकिन सफलता नहीं मिली. वहीं शनिवार को दिन और रात में भी टाइगर की सर्चिंग जारी रही.

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बाघ की मौजूदगी: सारणी वन विभाग के एसडीओ जेएस धारवे ने बताया कि बाघ कहां है इसकी मूवमेंट नहीं मिल रही. निगरानी के लिए 4 टीमें लगा रखी है. बाघ को कैद करने के लिए कैमरे लगाए गए हैं. वन विभाग द्वारा दिन में ड्रोन और रात में नाइट विजन कैमरे से टाइगर पर नजर रखी जा रही है. इसके अलावा 4 अलग-अलग टीमें गठित की गई है. फिलहाल टाइगर की मूवमेंट कोल हैंडलिंग प्लांट, एबी-टाइप के राखड़ नाले, पुराने गैस गोडाउन के पीछे मिल रही है. इन्हीं चिन्हित स्थानों पर विभाग द्वारा नाइट विजन कैमरा लगाए गए हैं. गैस गोडाउन के पीछे वाले हिस्से में ऊंची-ऊंची घाट और घनी झाड़ियां हैं, यहां पर्याप्त पानी है. इस क्षेत्र का वातावरण काफी ठंडा रहता है. यहां गाय, भैंस काफी मात्रा में चरने आते हैं जो आसानी से बाघ का शिकार भी बन जाते हैं. यहां मिले पशुओं के कंकाल से अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ की मौजूदगी इस क्षेत्र में बनी रहती हैं.

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