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बैतूल की बेटी का दर्द, सुसाइड नोट में लिखा आरोपियों को मत छोड़ना, तीन गिरफ्तार

बैतूल में गैंगरेप की शिकार 8वीं की छात्रा की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसने गैंगरेप करने वालों की प्रताड़ना से तंग आकर खुद को जला लिया था, जिसमें वह 95 फीसदी तक झुलस गयी थी. मृतका ने अपने बयान में नामजद आरोपियों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था.

betul
बैतूल की निर्भया
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Published : Feb 27, 2020, 12:02 AM IST

बैतूल। कभी शांति का टापू कहे जाने वाले हृदय प्रदेश में बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहें. कुछ ऐसा ही मामला बैतूल के देहगांव में सामने आया है. जहां एक गैंगरेप पीड़िता ने दुराचारियों की धमकी से तंग आकर खुद को आग लगा ली. जिसकी नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर अपराध के इस सिलसिले पर कब तक पूर्ण विराम लगेगा. बैतूल में नाबालिग के साथ जो हुआ वह हैरान करने वाला है.

बैतूल की निर्भया

तीन आरोपियों ने डेढ़ महीने पहले नाबालिग के साथ गैंगरेप किया था, उसके बाद से ही आरोपी उसे धमका रहे थे. जिससे तंग आकर उसने मंगलवार रात खुद को आग के हवाले कर दिया. नाबालिग को गंभीर हालत में इलाज के लिए बैतूल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए नागपुर रेफर किया था, जहां बैतूल की निर्भया जिंदगी की जंग हार गई. पीड़िता ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें आरोपियों की जानकारी है, सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

शुरु हो गई सियासत

पीड़िता जब तक जिंदा थी, तब तक किसी ने उसकी सुध नहीं ली, पर जब वह नहीं रही तो सब सांप निकल जाने के बाद लकीर पीट रहे हैं. जो आज सवाल कर रहे हैं, इनके जमाने में भी महिलाओं की स्थिति ऐसी ही थी, सुनिए बीजेपी विधायक कृष्णा गौर क्या कह रही हैं. कृष्णा गौर ने कहती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्थ हो चुकी है. तो वही पिछली सरकार में भी ऐसे ही आश्वासन दिए जाते थे और अब भी ऐसे ही आश्वासन मिल रहे हैं. गृह मंत्री बाला बच्चन आरोपियों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं. वे कहते है कि हम कोशिश करते हैं कि ऐसी घटनाएं न घटे, लेकिन इस घटना आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी.

एडिशनल एसपी श्रद्धा जोशी ने बताया कि गैंगरेप पीड़िता के मौत से पहले दिए बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़िता की जिंदगी की कीमत पर आरोपी तो गिरफ्तार हो गए, पर सवाल ये है कि आखिर कब तक बेटियां जान देती रहेंगी, बेटियों को आत्मसम्मान के साथ जीने का माहौल मिलेगा या नहीं या इसी तरह हर मौत पर सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटते रह जाएंगे.

बैतूल। कभी शांति का टापू कहे जाने वाले हृदय प्रदेश में बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहें. कुछ ऐसा ही मामला बैतूल के देहगांव में सामने आया है. जहां एक गैंगरेप पीड़िता ने दुराचारियों की धमकी से तंग आकर खुद को आग लगा ली. जिसकी नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर अपराध के इस सिलसिले पर कब तक पूर्ण विराम लगेगा. बैतूल में नाबालिग के साथ जो हुआ वह हैरान करने वाला है.

बैतूल की निर्भया

तीन आरोपियों ने डेढ़ महीने पहले नाबालिग के साथ गैंगरेप किया था, उसके बाद से ही आरोपी उसे धमका रहे थे. जिससे तंग आकर उसने मंगलवार रात खुद को आग के हवाले कर दिया. नाबालिग को गंभीर हालत में इलाज के लिए बैतूल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए नागपुर रेफर किया था, जहां बैतूल की निर्भया जिंदगी की जंग हार गई. पीड़िता ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें आरोपियों की जानकारी है, सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

शुरु हो गई सियासत

पीड़िता जब तक जिंदा थी, तब तक किसी ने उसकी सुध नहीं ली, पर जब वह नहीं रही तो सब सांप निकल जाने के बाद लकीर पीट रहे हैं. जो आज सवाल कर रहे हैं, इनके जमाने में भी महिलाओं की स्थिति ऐसी ही थी, सुनिए बीजेपी विधायक कृष्णा गौर क्या कह रही हैं. कृष्णा गौर ने कहती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्थ हो चुकी है. तो वही पिछली सरकार में भी ऐसे ही आश्वासन दिए जाते थे और अब भी ऐसे ही आश्वासन मिल रहे हैं. गृह मंत्री बाला बच्चन आरोपियों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं. वे कहते है कि हम कोशिश करते हैं कि ऐसी घटनाएं न घटे, लेकिन इस घटना आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी.

एडिशनल एसपी श्रद्धा जोशी ने बताया कि गैंगरेप पीड़िता के मौत से पहले दिए बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़िता की जिंदगी की कीमत पर आरोपी तो गिरफ्तार हो गए, पर सवाल ये है कि आखिर कब तक बेटियां जान देती रहेंगी, बेटियों को आत्मसम्मान के साथ जीने का माहौल मिलेगा या नहीं या इसी तरह हर मौत पर सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटते रह जाएंगे.

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