बैतूल। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का भव्य समारोह रखा गया है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए बैतूल से ताप्ती नदी का जल और मिट्टी भेजी गई है. ताप्ती को सूर्यपुत्री कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने सूर्य कुल में जन्म लिया था. इस लिए भूमि पूजन के मौके पर बैतूल से पूण्य सलिला मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति मध्यप्रदेश और भारतीय जनता पार्टी की नमामि नर्मदे प्रकलप की और से मां तापी जल कलश बैतूल से रवाना किया गया.
इस कलश में ताप्ती सरोवर और शिवधाम बारह ज्योतिलिंग का जल भी समाहित किया गया है. जलकलश में रखा जल सेफ एक्सप्रेस के जरिये अयोध्या भेजा जा रहा है. जिसका उपयोग राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में किया जाएगा. आज समिति के सदस्यों ने बैतूल के मुलताई और बारहलिंग ताप्ती क्षेत्र में विधि विधान से ताप्ती जल का पूजन कर इसे कलश में एकत्रित कर रवाना किया.
माना जाता है कि बैतूल से निकलने वाली सूर्यपुत्री नदी ताप्ती के बारहलिंग स्थित स्थान पर 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम,लक्ष्मण और सीता ने विश्राम किया था. यहां एक ही स्थान पर 12 ज्योतिर्लिंग बने हुए है. समिति सदस्यों के मुताबिक भूमिपूजन कार्यक्रम में देशभर की पवित्र नदियों का जल समाहित किया जाना है.