बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल के जिला अस्पताल परिसर (Betul District Hospital) में मरीज को ठीक करने का अजीब नजारा देखने को मिला, दरअसल अस्पताल में भर्ती एक मरीज को तांत्रिक झाड़-फूंक करके ठीक करने का दावा कर रहा था. जिसकी जानकारी मिलने पर पुलिस ने तांत्रिक को पकड़ा तो उसने कान पकड़कर माफी मांगी. बाद में पुलिस ने तांत्रिक को चेतावनी देने के बाद छोड़ दिया.
तांत्रिक ने किया पीलिया ठीक करने का दावा: बैतूल के जिला अस्पताल के चार नंबर वार्ड में दो दिन से भर्ती मरीज राजेश चौरेकर का पीलिया की बीमारी का उपचार चल रहा था, इस दौरान बुधवार को मरीज के पास एक तांत्रिक हेमराज सिंह पहुंचा और उसने झाडफूंक से पीलिया बीमारी ठीक करने का दावा करते हुए मरीज से 100 रुपए भी लिए. जिसके बाद तांत्रिक ने अस्पताल परिसर में ही मरीज के सिर के ऊपर थाली घुमाते हुए सरसों का तेल डालकर झाडफ़ूंक करना शुरू कर दिया.
तंत्र विद्या से झाड़ा पीलिया: मरीज की पत्नी देवकली चौरेकर का कहना है कि "मेरे पति बीमार हैं, डाक्टरों का कहना है कि उन्हें लीवर का प्रॉब्लम है. इसी बीच तांत्रिक हेमराज आया था उसने बोला कि मैं गारंटी से पीलिया झाड़ता हूं और इसके लिए उसने 100 रुपये भी लिए. बाद में उसने सरसों का तेल पानी में मिलाकर पीतल की थाली में घुमाया और वह पीला हो गया."
पुलिस ने दी हिदायत: बाद में इसकी जानकारी हॉस्पिटल चौकी को लगी तो पुलिस ने तांत्रिक की तलाश शुरू की, उसके मिलने के बाद उससे पूछताछ की गई, जिसमें उसने बताया कि "मैं पीलिया झाड़ता हूं और दवाई के लिए 100 लेता हूं." हालांकि पुलिस ने बाद में मरीज के पैसे वापिस करा दिए, और तांत्रिक से कान पकड़कर माफी मांगने को कहा. पुलिस ने तांत्रिक को चेतावनी देकर की अब दोबारा ऐसी गलती ना करने को कहा, इसके बाद उसने माफी मांगी, तब पुलिस ने उसे छोड़ा.
तांत्रिक अपनी पत्नी का इलाज कराने पहुंचा था अस्पताल: बता दें कि तांत्रिक हेमराज भी अपनी पत्नी का इलाज कराने जिला अस्पताल आया था, इस दौरान उसने वहां मरीज को पीलिया से पीड़ित देखा तो झाडफूंक करने लगा. हेमराज का कहना है कि "हम पीलिया झाड़ने का काम करते हैं और उसके बाद आयुर्वेदिक दवाई देते हैं. मंत्र से पीलिया निकाला जाता है और उसके बदले नारियल प्रसादी लेते हैं."
चार नंबर वार्ड में भर्ती मरीज को हेमराज नाम का तांत्रिक अस्पताल के बाहर ले गया और उसका पीलिया झाड़ रहा था, जिसकी सूचना मिलने पर उसे तलाशा और उसने जो 100 रुपये लिए थे वह मरीज को वापस करवाएं. उसे चेतावनी दी गई कि दोबारा जिला अस्पताल में इस तरह की हरकत ना करें.
- एसके वर्मा, चौकी प्रभारी