बैतूल। ताप्ती सरोवर में बारिश के पानी के साथ गंदा पानी भी पहुंचता है. वर्तमान में सरोवर में पानी की ज्यादा आवक हो रही है, सरोवर के जलमार्ग के किनारे स्थित घरों से निकलने वाला गंदा पानी और कचरा सरोवर में पहुंच रहा है. कचरा सरोवर में नहीं पहुंचे, इसके लिए नगर पालिका ने लोहे की जालियां लगाई हैं. लेकिन गंदे पानी को रोका जाए, इसका कोई उपाय नहीं है.
हर साल ताप्ती सरोवर में गंदे पानी की आवक रोकने के लिए सीवरेज लाइन बनाने की मांग उठती है. नगरवासियों की मांग को नगर पालिका परिषद ने गंभीरता से लेते हुए सीवरेज लाइन के लिए राशि स्वीकृत कर दी है. 6 करोड़ 72 लाख रुपए की लागत से बनने वाली सीवरेज लाइन के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के साथ ठेकेदार से अनुबंध भी हो चुका है. सीवरेज लाइन का ठेका सारथी कंस्ट्रक्शन ने लिया है.
नगर पालिका ने ठेकेदार को सीवरेज लाइन का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 18 महीने की समय सीमा दी है. ठेकेदार ने अनुबंध करने के साथ सीवरेज लाइन के लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया है. पिछले तीन दिनों से ठेकेदार के कर्मचारी ताप्ती सरोवर में आने वाले जलमार्ग क्षेत्र का सर्वे कर रहे हैं. जिससे अब सीवरेज लाइन का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है. सीवरेज लाइन बनने से ताप्ती सरोवर में गंदे पानी की आवक रूक जाएगी. जिससे सरोवर में बारिश के समय साफ पानी ही पहुंचेगा.
आपको बता दें, नगरवासियों ने सीवरेज लाइन का कार्य प्राथमिकता से कराने की मांग की है. नगरवासियों का कहना है कि, ताप्ती सरोवर सभी की आस्था का केंद्र है. सरोवर में बारिश के पानी के साथ गंदा पानी पहुंचने से धार्मिक भावनाए आहत होती हैं. सीवरेज लाइन बनने से सरोवर में साफ पानी पहुंचेगा, जिससे साल भर ताप्ती सरोवर का पानी भी साफ रहेगा.
जानकारी के अनुसार ताप्ती सरोवर में ताप्ती वार्ड, पटेल वार्ड और इंदिरा गांधी वार्ड में स्थित घरों का गंदा पानी पहुंचता है. वर्तमान में इन वार्डों के 1 हजार 773 घरों का गंदा पानी सरोवर के जलमार्ग में जमा हो रहा है. सीवरेज लाइन का ठेका लेने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी तीनों वार्डों में जाकर सर्वे कर रहे हैं. वर्तमान में रेलवे स्टेशन और रेलवे पटरी के दूसरी ओर सर्वे कार्य किया जा रहा है.
ताप्ती सरोवर में गंदे पानी की आवक रोकने के लिए सीवरेज लाइन बनाई जानी है. वर्तमान में ताप्ती सरोवर में जिन जलमार्गों से पानी आ रहा है, उसके स्वरूप में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होगा. घरों से निकलने वाले गंदे पानी को जलमार्ग में जाने से रोकने के लिए पाइप लाइन बिछाई जाएगी. सीवरेजलाइन का डीपीआर बनाने के दौरान किए गए सर्वे के अनुसार तीन वार्ड में कुल 22.50 किमी पाइप लाइन बिछाई जानी है. अब ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा सर्वे किया जा रहा है. जिससे पाइप लाइन की लंबाई में कम, ज्यादा हो सकती है. पाइप लाइन से गंदा पानी फिल्टर प्लांट तक आएगा. जहां पानी को फिल्टर करके अन्य उपयोग में लिया जाएगा और सरोवर में केवल बारिश का पानी ही पहुंचेगा.
वहीं घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सरोवर के जलमार्ग में जाने से रोकने के लिए पाइप लाइन बिछाई जाएगी. रेलवे स्टेशन से दूसरी ओर बने मकानों से निकलने वाले पानी को जमा करने के लिए रेलवे गेट के पास सम्पवेल बनाया जाएगा. सम्पवेल से मुख्य पाइप लाइन जोड़ी जाएगी. मुख्य पाइप लाइन नगर पालिका परिसर में बनने वाले फिल्टर प्लांट से जुड़ेगी, जिसके बाद फिल्टर प्लांट में पानी को शुद्ध किया जाएगा. सीवर लाइन निर्माण की वित्तीय स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा.