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तीन माह की जुड़वा बेटियों को छोड़कर भागी मां, पिता जेल में है बंद

एक मां अपनी तीन माह की जुड़वा बेटियों को अकेला छोड़कर फरार हो गई, जबकि उसका पति जेल में बंद है. अब दोनों मासूम की देखरेख उसकी दादी कर रही है.

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बैतूल न्यूज
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Published : Jul 20, 2020, 12:23 PM IST

बैतूल। जिले के आठनेर थाना क्षेत्र के एक गांव में मां की ममता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक मां अपनी तीन माह की दो जुड़वा बच्चियों को अकेला छोड़कर घर से फरार हो गई, जबकि इन बच्चियों का पिता जेल में बंद है. मां के छोड़ने के बाद से बच्चियों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसकी दादी पर आ गई है.

जुड़वा बेटियों को छोड़कर भागी मां

ग्रामीणों ने बताया कि महिला का पति वर्तमान में अमरावती जेल में बंद है. बच्चियों के जन्म के समय अमरावती स्थित अस्पताल में उसका डॉक्टरों से विवाद हो गया था. जिसके बाद उसे जेल में बंद कर दिया गया. जिसकी किसी ने जमानत तक नहीं कराई. डिलीवरी के बाद महिला घर आ गई. लेकिन अब वह इन बच्चियों को छोड़कर चली गई है.

जब इस बात की जानकारी जनपद सदस्य तरुण साकरे को लगी तो वे तत्काल गांव पहुंचे. उन्होंने पूरी घटना की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी. जिसके बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बच्चियों की देख-रेख और उनके पापन-पोषण की व्यवस्था की. वहीं गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इन बच्चियों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है. जनपद सदस्य ने बच्चियों की दादी की आर्थिक मदद की.

बैतूल। जिले के आठनेर थाना क्षेत्र के एक गांव में मां की ममता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक मां अपनी तीन माह की दो जुड़वा बच्चियों को अकेला छोड़कर घर से फरार हो गई, जबकि इन बच्चियों का पिता जेल में बंद है. मां के छोड़ने के बाद से बच्चियों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसकी दादी पर आ गई है.

जुड़वा बेटियों को छोड़कर भागी मां

ग्रामीणों ने बताया कि महिला का पति वर्तमान में अमरावती जेल में बंद है. बच्चियों के जन्म के समय अमरावती स्थित अस्पताल में उसका डॉक्टरों से विवाद हो गया था. जिसके बाद उसे जेल में बंद कर दिया गया. जिसकी किसी ने जमानत तक नहीं कराई. डिलीवरी के बाद महिला घर आ गई. लेकिन अब वह इन बच्चियों को छोड़कर चली गई है.

जब इस बात की जानकारी जनपद सदस्य तरुण साकरे को लगी तो वे तत्काल गांव पहुंचे. उन्होंने पूरी घटना की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी. जिसके बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बच्चियों की देख-रेख और उनके पापन-पोषण की व्यवस्था की. वहीं गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इन बच्चियों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है. जनपद सदस्य ने बच्चियों की दादी की आर्थिक मदद की.

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