बैतुल। मध्यप्रदेश के बैतूल में इन दोनों एक लाइन मैन की जुगाड़ की बाइक चर्चाओं में है. प्रदूषण रहित और बिना पेट्रोल से चलने वाली इस बाइक को लोग देखने आ रहे हैं.
अगर आपसे कोई यह बोले कि मात्र 7 रुपये में 35 किलोमीटर बाइक चल सकती है तो आपको आश्चर्य होगा, लेकिन यह हकीकत है. यह कारनामा बैतूल जिले के रोंढा गांव के उषाकांत डिगरसे ने कर दिया है. उषाकांत डिगरसे को बाइक चलाने में महंगे पेट्रोल की झंझट से छुटकारा मिल गया है.
18 साल पुरानी बाइक को बना दी इलेक्ट्रिक बाइक
दरअसल बैतूल के बिजली विभाग में लाइनमैन के पद पर पदस्थ उषाकांत डिगरसे ने अपनी 18 साल पुरानी बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में तब्दील कर दिया है. उषाकांत ने इस बाइक में 12-12 वाल्ट की 4 बैटरी लगाकर उसमें कंडेसर लगाकर एक मोटर लगाई है, जिससे यह बाइक अब शानदार तरीके से चलने लगी है.
महीने में दो से ढाई हजार रुपए की होगी बचत
उषाकान्त का कहना है कि उनके पास एक 18 साल पुरानी बाइक थी, जिसका रजिस्ट्रेशन भी खत्म हो गया था. उसे अगर कबाड़ में बेचते तो बहुत कम पैसे मिलते, इसके अलावा पेट्रोल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही थी. इसी को लेकर उन्होंने अपनी बाइक में 28 हजार रुपये खर्च करके उसे इलेक्ट्रिक बाइक बना दिया है. 6 घंटे चार्ज करने पर एक यूनिट बिजली खर्च होती है, जिसका खर्च मात्र 7 रुपये आता है. इससे 35 किलोमीटर तक बाइक चलती है. चार्ज करने में एक यूनिट बिजली खर्च होती है. पहले जहां उन्हें बाइक चलाने में 80 से 100रुपए दिन का खर्च आता था. अब उन्हें दो से ढाई हजार रुपए महीने की बचत होने लगी है.
उषाकान्त अपने गांव रोंढा से अपने ऑफिस इसी बाइक से आते हैं. साथ में दयाराम पवार जो बिजली विभाग में नौकरी करते हैं, उनको भी साथ में लाते हैं. दयाराम पवार का कहना है कि इस इलेक्ट्रिक बाइक से जहां पेट्रोल के खर्च की बचत हो रही है. वहीं प्रदूषण का झंझट भी खत्म हो गया है. अगर नई इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने जाते तो वह 90 हजार से एक लाख रुपए के बीच में आती.