घोड़ाडोंगरी(बैतूल)।हिमाचल प्रदेश के किन्नौर(betul girl died in himchal landsilde) में हुए लैंड स्लाइड में घोड़ाडोंगरी तहसील के पाथाखेड़ा की 27 वर्षीय प्रतीक्षा भी हादसे का शिकार हो गई. रविवार को जिस वक्त लैंड स्लाइड हुआ उस समय प्रतीक्षा अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी साथ ही मां को हिमाचल की खूबसूरती दिखा रही थी.उस समय करीब 1:30 बज रहा था. तभी अचानक कॉल कट हुआ इसके बाद दुबारा संपर्क नहीं हुआ. शाम 5 बजे परिजनों को प्रतीक्षा की मौत की खबर मिली.प्रतिक्षा की मौत की खबर सुनकर माता, पिता और परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है.
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में हुए लैंड स्लाइड प्रदेश की प्रतिक्षा की दर्दनाक मौत
प्रतीक्षा के पिता सुनील दीवाकर पाटिल वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) पाथाखेड़ा की तवा-1 खदान में अंडर मैनेजर है. सुनील पाटिल ने बताया उनकी बेटी बहुत ही होनहार थी. प्रकृति से इतना ज्यादा प्यार था कि चाहकर भी हम उसे हिमाचल प्रदेश जाने से नहीं रोक पाए.सोमवार को प्रतीक्षा घूमने के लिए नागपुर से हिमाचल गई थी.प्रतिक्षा प्राकृतिक सौंदर्य को मोबाइल में कैद कर मां से वीडियोकॉल पर बात कर रही थी. प्रतीक्षा की मौत की खबर से हमारें पैरों तले मानो जमीं खिसक गई है.
हिमाचल के किन्नौर में 9 पर्यटकों की मौत
रविवार दोपहर किन्नौर के सांगला-छितकुल रोड पर बटसेरी के पास चट्टाने गिरी.इसकी चपेट में सांगला की ओर जा रहे टेंपो ट्रैवलर आ गया. इसमें चालक समेत 12 लोग संवार थे. जिसमें से 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. जिसमें प्रतीक्षा भी शामिल है.
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हॉयर एजुकेशन के लिए दिया टीवीएस से किया था रिजाइन
किन्नौर लैंड स्लाइड का शिकार हुई प्रतीक्षा के पिता ने बताया उनकी बेटी ने आईआईटी खड़गपुर से बी-टेक, एम-टेक किया था. इसके बाद डीएचएल मुंबई और फिर पुणे में टीवीएस में जॉब किया था. 18 माह के हॉयर एजुकेशन के लिए स्पेन जाने के लिए प्रतिक्षा ने टीवीएस कंपनी से रिजाइन किया था. इसी बीच कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते स्पेन में एडमिशन नहीं मिला. प्रतीक्षा को प्रकृति से प्यार था. इसलिए वह अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों और विदेश घूमने जाती थी.
मां ने हिमाचल जाने को किया था मना
प्रतीक्षा के पिता ने बताया बेटी ने अपनी मां से हिमाचल प्रदेश घूमने जाने की बात कही थी. मां ने बारिश का मौसम होना बताकर घूमने जाने से मना कर दिया था. फिर बेटी ने मुझसे पूछा और कहा कि एडमिशन मिलते ही पढ़ाई के लिए विदेश चली जाउंगी. फिर घूमने को नहीं मिलेगा. पढ़ाई के लिए विदेश जाने की बात सुनकर मैने हिमाचल प्रदेश घूमने जाने को कह दिया. मुझे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस प्रकृति से मेरी बेटी को इतना प्यार था उसी प्रकृति की गोद में मेरी बेटी इतनी जल्दी हमेशा के लिए सो जाएगी.