बैतूल। किसी भी देश, समुदाय और इंसान के लिए उसकी संस्कृति सबसे महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि संस्कृति से ही उसकी पहचान होती है. जब बात संस्कृति को बचाने की हो तो समाज में अपने आप एकजुटताआ जती है. ऐसा ही कुछ नजारा बैतूल में देखने मिला, जहां आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से गांव में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पारिवारिक कार्यक्रमों में डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही जो भी प्रतिबंध का उल्लंघन करेगा, उस पर 10 हजार रुपए जुर्माने के साथ उसकी एफआईआर कराने का भी निर्णय लिया गया है. इस निर्णय की कॉपी एसडीएम को भी सौंप दी गई है. इसके पीछे ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने यह इसलिए किया है, ताकि आदिवासी संस्कृति सुरक्षित और संरक्षित हो सके.
ग्राम सभा में लिया निर्णय: जनपद पंचायत भीमपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत चोहटा पोपटी के ग्राम घोघरा में ग्राम सभा का आयोजन किया गया. इसमें ग्राम सभा अध्यक्ष एवं ग्रामीण जनों ने आदिवासियों की परंपरागत एवं अपनी संस्कृति सभ्यता को जीवित रखने के लिए डीजे सांऊड एवं बैंड को पूर्ण रूप से प्रतिबंध कर दिया है. इसमें सभी ग्राम सभा के सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भैंसदेही भीमपुर को प्रेषित किया है.
इसलिए लिया निर्णय: आदिवासियों की मूल संस्कृति देव नैतिक से उत्पन्न वाद्ययंत्रों एवं गीतों का धीरे-धीरे खत्म होना एवं कई बार समाज में लड़ाई जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इससे आने वाली पीढ़ियों पर बुरा असर पड़ता है. इसी को देखते हुए ग्राम सभा के अध्यक्ष राजाराम इवने एवं ग्रामवासियों ने फैसला किया कि शादी विवाह से लेकर बर्थडे, एवं सामाजिक कार्यों में डीजे साउंड एवं बैंड पूर्णरूप में प्रतिबंध कर दिया है.
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गांव को नशा मुक्त बनाना लक्ष्य: ग्राम सभा ने यह भी निर्णय लिया कि नशामुक्ति ग्राम बनाना का भी संकल्प लिया गया. यदि ग्राम सभा के निर्णय के खिलाफ कोई व्यक्ति इस प्रकार गतिविधि करता है तो अर्थ दंड 10,000 हजार रुपए एवं एफआईआर करने में ग्राम सभा सक्षम रहेगा. यदि कोई व्यक्ति डीजे साउंड एवं बैंड लगाना चाहेगा, तो संबंधित सरपंच ग्राम पंचायत एवं अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति लिखित रूप में लेनी पड़ेगी.