बैतूल। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरी के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. हाई कोर्ट की सख्ती के बाद राज्य सरकार ने आखिरकार निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. हालांकि कांग्रेस एक दिन पहले ही अमला विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अब अमला सीट से अपना उम्मीदवार बदल सकती है.
हाई कोर्ट के आदेश के बाद निशा बांगरे ने लिखा था पत्र: जबलपुर हाई कोर्ट के आदेश के बाद निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि मुझे जल्द ही चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करना है. इसलिए विभाग उनके इस्तीफा के मामले में जल्द निर्णय ले ताकि वे जल्द ही चुनाव के लिए अपना नामांकन भर सके. जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को आदेशित किया था कि 23 अक्टूबर तक निशा बांगरी के इस्तीफा को लेकर निर्णय ले हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 27 अक्टूबर तक इस्तीफा को लेकर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया. इसमें छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरी का शासकीय सेवा से त्यागपत्र स्वीकार किया गया है.
कांग्रेस बदल सकती है आमला से उम्मीदवार: उधर निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार न होने की वजह से कांग्रेस ने एक दिन पहले ही अमला विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. कांग्रेस ने आमला सीट से मनोज मालवे को चुनाव मैदान में उतारा है. मनोज मालवे 2018 में भी इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे लेकिन वे भाजपा से हार गए थे. उन्हें भाजपा के डॉक्टर योगेश पंडाग्रे ने शिकस्त दी थी. निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस अब अपना प्रत्याशी बदल सकती है.
इस्तीफा को लेकर डिप्टी कलेक्टर को करना पड़ा संघर्ष: राज्य प्रशासनिक सेवा की जॉब छोड़ राजनीति के मैदान में कूदने की तैयारी कर रही निशा बांगरे आमला विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने की लंबे समय से तैयारी कर रही थीं. उन्होंने चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए राज्य सरकार को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था, लेकिन इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए निशा बांगरे को जमकर संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने आमला से लेकर भोपाल तक न्याय यात्रा भी निकाली और सीएम हाउस के सामने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दी. जिसके बाद उन्हें भोपाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. निशा बांगरी को एक दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था.