ETV Bharat / state

युवा स्वाभिमान योजना: ट्रेनिंग के बाद भी नहीं मिला प्रमाण पत्र, नौकरी के लिए अयोग्य बता रही संस्थाएं

युवा स्वाभिमान योजना के तहत बैतूल की लताई नगर पालिका में ट्रेनिंग ले चुके कई अभ्यार्थियों को कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला है. जिसकी वजह से इन्हें सभी जगहों पर नौकरी के लिये अयोग्य करार दिया जा रहा है.

युवा स्वाभिमान योजना
author img

By

Published : Aug 19, 2019, 8:04 PM IST

बैतूल। लताई नगर पालिका में युवा स्वाभिमान योजना के तहत ट्रेनिंग ले चुके कई अभ्यार्थियों को कोई प्रमाण पत्र और स्टाइपिंन की राशि नहीं मिली है. जिसकी वजह से यह युवा अगर कहीं भी रोजगार के लिए जाते हैं तो कोई भी संस्था प्रमाण पत्र या अनुभव प्रमाण पत्र की मांग करती है. ट्रेनिंग के बाद भी इन युवाओं को नौकरी के लिये अयोग्य बता दिया जाता है. फरवरी से शुरू की गई इस योजना के तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवा अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.

युवा स्वाभिमान योजना में ट्रेनिंग के बाद भी नहीं मिला प्रमाण पत्र

प्रदेश सरकार की युवा स्वाभिमान योजना मजाक बनने लग गई है. इस योजना में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर, डेटा इंट्री, शिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग के साथ शासकीय कार्यों को करना भी सिखाया जाता है. योजना के तहत ट्रेनिंग के दौरान इन युवाओं को 4 हजार रुपये मानदेय के रूप मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है. वहीं ट्रेनिंग के बाद इन युवाओं को कोई प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जा रहा है.

युवाओं का कहना है कि यदि सरकार को उनका भविष्य बनाना है, तो ट्रेनिंग के बाद प्रमाण पत्र के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए. नहीं तो इस प्रकार की योजना का कोई लाभ उन्हें नहीं मिलने वाला. वहीं मुलताई सीएमओ राहुल शर्मा ने कहा कि युवा स्वाभिमान योजना के तहत 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है और नगर पालिका में शासकीय कार्य भी करवाये जाते हैं और हर महीने स्टाइपिंन दी जा रही है. हालांकि उन्होंने प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की बात को माना है.

बैतूल। लताई नगर पालिका में युवा स्वाभिमान योजना के तहत ट्रेनिंग ले चुके कई अभ्यार्थियों को कोई प्रमाण पत्र और स्टाइपिंन की राशि नहीं मिली है. जिसकी वजह से यह युवा अगर कहीं भी रोजगार के लिए जाते हैं तो कोई भी संस्था प्रमाण पत्र या अनुभव प्रमाण पत्र की मांग करती है. ट्रेनिंग के बाद भी इन युवाओं को नौकरी के लिये अयोग्य बता दिया जाता है. फरवरी से शुरू की गई इस योजना के तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवा अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.

युवा स्वाभिमान योजना में ट्रेनिंग के बाद भी नहीं मिला प्रमाण पत्र

प्रदेश सरकार की युवा स्वाभिमान योजना मजाक बनने लग गई है. इस योजना में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर, डेटा इंट्री, शिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग के साथ शासकीय कार्यों को करना भी सिखाया जाता है. योजना के तहत ट्रेनिंग के दौरान इन युवाओं को 4 हजार रुपये मानदेय के रूप मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है. वहीं ट्रेनिंग के बाद इन युवाओं को कोई प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जा रहा है.

युवाओं का कहना है कि यदि सरकार को उनका भविष्य बनाना है, तो ट्रेनिंग के बाद प्रमाण पत्र के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए. नहीं तो इस प्रकार की योजना का कोई लाभ उन्हें नहीं मिलने वाला. वहीं मुलताई सीएमओ राहुल शर्मा ने कहा कि युवा स्वाभिमान योजना के तहत 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है और नगर पालिका में शासकीय कार्य भी करवाये जाते हैं और हर महीने स्टाइपिंन दी जा रही है. हालांकि उन्होंने प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की बात को माना है.

Intro:बैतूल ।। प्रदेश सरकार की युवा स्वाभिमान योजना मजाक बनने लग गई है । इस योजना में युवाओ को हुनरमंद बनाने के लिए कई प्रकार ट्रेनिंग दी जाती है । इस योजना के तहत युवाओ को कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री और सिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग दी जाती है । लेकिन ट्रेनिंग के बाद इन युवाओं को ना तो कोई प्रमाण पत्र दिए जा रहे है और ना ही हर महीने मिलने वाली स्टाइपिंन की राशि समय पर दी जा रही है । ऐसे में कैसे होगा युवा स्वाभिमान का सपना साकार, गौरतलब है कि युवाओ को स्वरोजगार से जोड़ने का वादा कर कांग्रेस पार्टी प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई है। फरवरी से शुरू की गई इस योजना के तहत केवल युवाओ को ट्रेनिग का झुनझुना ही थमाया गया है जबकि इस योजना के तहत मिलने वाले मानदेय और रोजगार का कही कोई ता पता नही है ।




Body:दरअसल युवा स्वाभिमान योजना को लागू किये जाने की पीछे सरकार की मंशा यह थी की युवाओ को हुनरमंद बनाया जा सके । योजना के तहत युवाओ को कंप्यूटर ऑपरेटर, डेटा इंट्री, शिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग के साथ साथ शासकीय कार्यो को करना सिखाया जाता है । ट्रेनिंग के दौरान इन युवाओं को 4 हजार रुपये मानदेय के रूप में हर महीने दिए जाते है । लेकिन हकीकत कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है ।

मुलताई नगर पालिका में युवा स्वाभिमान योजना के तहत ट्रेनिंग पा चुके कई अभ्यार्थियों का कहना है कि इस योजना ने उनके भविष्य का मजाक बनाकर रख दिया है । अभ्यार्थियों के मुताबिक ट्रेनिंग के बाद उन्हें किसी प्रकार का भी कोई प्रमाण पत्र या अनुभव प्रमाण पत्र नही दिया जा रहा है । यदि वे रोजगार के लिए कही जाते है तो कोई भी संस्था प्रमाण पत्र या अनुभव प्रमाण पत्र की मांग करती है । जिसके चलते ही उन्हें किसी भी तरह का कोई रोजगार उन्हें नही मिल पा रहा है और वे अब अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है । यही नही इन अभ्यार्थियों को हर महीने दिए जाने वाले 4 हजार रुपये भी कईयो को महीनों से नही मिले है । प्रमाण पत्र पास न हो पाने की वजह से युवाओ को बैंक लोन मिलने में भी परेशानी आ रही है।

युवाओ का कहना है कि यदि सरकार को उनका भविष्य बनाना है तो ट्रेनिंग के बाद प्रमाण पत्र के साथ साथ रोजगार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए । नही तो इस प्रकार की योजना का कोई लाभ उन्हें नही मिलने वाला ।


Conclusion:विभागीय अधिकारियों की माने तो युवा स्वाभिमान योजना के तहत 3 माह की ट्रेनिंग दी जाती है और नगर पालिका में शासकीय कार्य भी करवाये जाते है और हर महीने स्टाइपिंन दी जा रही है प्रमाण पत्र नही दिए जाने बात को जरूर काबुल रहे है ।

बाइट -- वर्षा धोबारे ( अभ्यार्थी )
बाइट -- रूपा देशमुख ( अभ्यार्थी )
बाइट -- अंकित सोनी ( अभ्यार्थी )
बाइट -- राहुल शर्मा ( सीएमओ, मुलताई )
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.