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बैतूल का एक ऐसा स्कूल जहां डांस स्टेप्स के बीच होती है पढ़ाई, इस तरीके को देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान - बैतूल बच्चे म्यूजिक मस्ती पढाई

बैतूल में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां स्कूल में पढ़ाई के साथ म्यूजिक और डांस भी कराया जाता है. इस स्कूल में बच्चे गाना गाकर और डांस स्टेप्स के साथ मजे से पढ़ाई करते हैं (Betul government school student study with dancing). इससे बच्चों को पहाड़ा याद करने में आसानी होती है.

betul government school student study with dancing
बैतूल सरकारी स्कूल में डांस के साथ बच्चे करते हैं पढ़ाई
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Published : Nov 18, 2022, 6:18 PM IST

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में एक सरकारी स्कूल की पढ़ाई बड़े ही चर्चा में है. असल में इस स्कूल में पढ़ाई का तरीका कुछ अलग है. यहां के बच्चे नाचते हुए पढ़ाई करते हैं. एक समाजसेवी ने 10 तक के पहाड़े को आदिवासी लोकगीत में गाया है और अब यह गाना इस स्कूल के बच्चों को पढ़ाने में उपयोग किया जा रहा है.

डांस के साथ बच्चे कर रहे पढ़ाई: बैतूल के केलापुर गांव का शासकीय मिडिल स्कूल में बच्चे डांस करते हुए पढ़ाई कर रहे हैं. इस स्कूल में 78 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल टाइम में म्यूजिक पर बच्चे और टीचर थिरकते दिखाई देते हैं. मस्ती के साथ बच्चे गोंडी डांस के स्टेप भी कर रहे हैं. गाना बज रहा है, 2 एकम 2 दो दुनी 4, इस गाने पर बच्चे डांस कर रहे हैं. नजारा यहां रोजाना रहता है. ये बच्चे सिर्फ डांस नहीं कर रहे, बल्कि ये पढ़ाई भी कर रहे हैं. पढ़ाई का यह नया तरीका समाजसेवी राजेश सरियाम ने लाया है(Betul children study with dance fun). राजेश सरियाम ने बच्चों को आसानी से 10 तक का पहाड़ा याद हो जाए इसको लेकर आदिवासी लोकगीत के रूप में 10 तक का पहाड़ा तैयार किया है.

पहाड़ा याद करने का एक नया तरीका: राजेश ने धुन के आधार पर आदिवासी जनजाति गोंडी के डांस स्टेप भी बना लिए हैं. स्कूली समय में म्यूजिक पर बच्चे और उनके साथ उनकी टीचर भी नाचती हुई नजर आती हैं. इस दौरान गोंडी भाषा में गाना बजता है. जिसमें पहाड़ा रहता है गाने के साथ बच्चे पहाड़े को रिपीट करते हैं. म्यूजिकल पहाड़े से बच्चों को पहाड़ा याद करने में आसानी हो रही है.

इस स्कूल में डांस स्टेप्स के बीच पढ़ाई

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ऐसे सिखाने में होती है सरलता: गतिविधि आधारित शिक्षा को लेकर टीचर संध्या रघुवंशी बताती हैं कि, "बच्चों को गतिविधि आधारित शिक्षण कराते हैं. बहुत सारी गतिविधि हम मिलकर बच्चों के साथ करते हैं, जिससे बहुत सी चीजें बच्चों को सिखाने में सरलता होती है. इस स्कूल में 3 टीचर हैं(Betul government school student study with dancing). प्राथमिक और माध्यमिक क्लास में गतिविधि आधारित पढ़ाई को अपना लिया गया है. गतिविधि के माध्यम से बच्चों को कई विषयों का ज्ञान दिया जाता है, इसमें हाथों के इशारों, नृत्य कला और चीजों को पहचान कर समझने का गुर सिखाया जाता है." केलापुर स्कूल में जिस तरह बच्चों को गतिविधि आधारित शिक्षा दी जा रही है, अगर ऐसी शिक्षा सभी सरकारी स्कूलों में दी जाए तो शिक्षा का स्तर सुधर सकता है और बच्चे भी स्कूलों में मौज मस्ती के साथ पढ़ाई कर सकते हैं.

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में एक सरकारी स्कूल की पढ़ाई बड़े ही चर्चा में है. असल में इस स्कूल में पढ़ाई का तरीका कुछ अलग है. यहां के बच्चे नाचते हुए पढ़ाई करते हैं. एक समाजसेवी ने 10 तक के पहाड़े को आदिवासी लोकगीत में गाया है और अब यह गाना इस स्कूल के बच्चों को पढ़ाने में उपयोग किया जा रहा है.

डांस के साथ बच्चे कर रहे पढ़ाई: बैतूल के केलापुर गांव का शासकीय मिडिल स्कूल में बच्चे डांस करते हुए पढ़ाई कर रहे हैं. इस स्कूल में 78 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल टाइम में म्यूजिक पर बच्चे और टीचर थिरकते दिखाई देते हैं. मस्ती के साथ बच्चे गोंडी डांस के स्टेप भी कर रहे हैं. गाना बज रहा है, 2 एकम 2 दो दुनी 4, इस गाने पर बच्चे डांस कर रहे हैं. नजारा यहां रोजाना रहता है. ये बच्चे सिर्फ डांस नहीं कर रहे, बल्कि ये पढ़ाई भी कर रहे हैं. पढ़ाई का यह नया तरीका समाजसेवी राजेश सरियाम ने लाया है(Betul children study with dance fun). राजेश सरियाम ने बच्चों को आसानी से 10 तक का पहाड़ा याद हो जाए इसको लेकर आदिवासी लोकगीत के रूप में 10 तक का पहाड़ा तैयार किया है.

पहाड़ा याद करने का एक नया तरीका: राजेश ने धुन के आधार पर आदिवासी जनजाति गोंडी के डांस स्टेप भी बना लिए हैं. स्कूली समय में म्यूजिक पर बच्चे और उनके साथ उनकी टीचर भी नाचती हुई नजर आती हैं. इस दौरान गोंडी भाषा में गाना बजता है. जिसमें पहाड़ा रहता है गाने के साथ बच्चे पहाड़े को रिपीट करते हैं. म्यूजिकल पहाड़े से बच्चों को पहाड़ा याद करने में आसानी हो रही है.

इस स्कूल में डांस स्टेप्स के बीच पढ़ाई

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ऐसे सिखाने में होती है सरलता: गतिविधि आधारित शिक्षा को लेकर टीचर संध्या रघुवंशी बताती हैं कि, "बच्चों को गतिविधि आधारित शिक्षण कराते हैं. बहुत सारी गतिविधि हम मिलकर बच्चों के साथ करते हैं, जिससे बहुत सी चीजें बच्चों को सिखाने में सरलता होती है. इस स्कूल में 3 टीचर हैं(Betul government school student study with dancing). प्राथमिक और माध्यमिक क्लास में गतिविधि आधारित पढ़ाई को अपना लिया गया है. गतिविधि के माध्यम से बच्चों को कई विषयों का ज्ञान दिया जाता है, इसमें हाथों के इशारों, नृत्य कला और चीजों को पहचान कर समझने का गुर सिखाया जाता है." केलापुर स्कूल में जिस तरह बच्चों को गतिविधि आधारित शिक्षा दी जा रही है, अगर ऐसी शिक्षा सभी सरकारी स्कूलों में दी जाए तो शिक्षा का स्तर सुधर सकता है और बच्चे भी स्कूलों में मौज मस्ती के साथ पढ़ाई कर सकते हैं.

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