बैतूल। कैंसर से बहन की मौत हो जाने के बाद एक परिवार हर साल उसकी याद में कैंसर शिविर (Betul Cancer Camp) आयोजित करता है. जी हां मध्यप्रदेश के बैतूल में शनिवार को कैंसर शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें में बड़ी संख्या में मरीज जांच और इलाज कराने पहुंचे. पिछले 7 सालों से इस शिविर का आयोजन हो रहा है. शिविर में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई अस्पतालों से डॉक्टर आते हैं. वहीं इस बार शिविर में शामिल होने प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी बैतूल पहुंचे.
कैंसर को लेकर जागरूकता: बैतूल के गर्ग परिवार की बेटी मधुलिका अग्रवाल का कैंसर की बीमारी से निधन हो गया था. बेटी की मौत से परिवार दुखी हो गया, मधुलिका तीन भाई की इकलौती बहन थी. तीनों ने निश्चय किया कि हमारी बहन तो चली गई लेकिन दूसरे की बहन बच जाए. इसी को लेकर बैतूल में निशुल्क कैंसर शिविर का आयोजन गर्ग परिवार ने शुरू किया. इस शिविर में मैमोग्राफी वेन भी आती है, जिससे महिलाएं मेमोग्राफी टेस्ट कराती हैं. ऐसे कई मरीज हैं जिन्होंने शिविर में जांच कराई और उनको कैंसर की बीमारी निकली. जिसके बाद उन्होंने समय रहते इलाज कर लिया, जिससे उनकी जिंदगी बच गई.
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कृषि मंत्री ने कहा जैविक खेती करें : शिविर में शामिल हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने कैंसर की बीमारी का अनुभव बताते हुए कहा कि जब मैं कक्षा 9वीं में पढ़ता था तो मेरी ताई को कैंसर हो गया था. उनका बहुत इलाज करवाया लेकिन उन्हें बचा नहीं सके. वो नजारा कभी भूल नहीं पाता हूं तभी से भगवान से प्रार्थना करता हूं कि किसी को ये बीमारी न हो. इसको लेकर हमने प्राकृतिक कृषि बोर्ड बनाया है. जिसके माध्यम से हम किसानों को जागरूक कर रहे हैं कि वे प्राकृतिक जैविक खेती की तरफ जाएं, गौ पालन करें, गोबर के खाद का उपयोग करें. कृषि मंत्री ने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. कैंसर नशीले पदार्थों से तो होता ही है लेकिन इसका एक मुख्य कारण पेस्टीसाइड और रासायनिक खाद भी है जिसका बहुत उपयोग हो रहा है. सरकार चाहती है कि किसान प्राकृतिक खेती करें जिससे कैंसर पर काबू पाया जा सके.