बड़वानी। कोरोना वायरस से डर और बेरोजगारी के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में मजदूरी पर गए श्रमिकों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. केंद्र सरकार की छूट के बाद देश भर में काम कर रहे मजदूर अपने घर वापस आ रहे हैं. इस दौरान कुछ लोगों की लापरवाही और बदइंतजामी के कराण मजदूरों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. सरकार के इतने साधनों और सुविधाओं के बाद भी मजदूर भेड़-बकरी की तरह घर भेजे जा रहे हैं.
मजदूरों को घर लौटने के लिए जद्दोजहत की तस्वीरें सामने आ रही हैं.बड़वानी से लगी महाराष्ट्र की सीमा जो कि सेंधवा से 16 किलोमीटर दूर बिजासन पर स्थित है. यहां से इन दिनों लॉकडाउन के चलते रोजोना हजारों की संख्या मजदूर अपने घर की ओर लौट रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार की ओर से इन मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा पर छोड़ा जा रहा है. जहां आगे जाने को लेकर मजदूरों का आए दिन सीमा पर हंगामा और चक्काजाम देखने को मिल रहा है. वहीं सोशल डिस्टेंस के नियमों की भी सरेआम धज्जियां उड़ रही है.
बिजासन घाट क्षेत्र होने से तथा यहां पर कोई वाहनों का स्टाफ ना होने से किसी प्रकार के खाने पीने के साधन की सुविधा नहीं है, जिसके चलते मजदूर खाने पीने को तरस रहे हैं. यही स्थिति जिला प्रशासन के गले की हड्डी बनी हुई है, मजदूर अपने घर जाने के लिए जो साधन सुविधा मिल रही है उससे सफर के लिए तैयार है. हालांकि प्रशासन मजदूरों को उनके नियत स्थान तक छोड़ने के लिए वाहनों की व्यवस्था कर रहा है फिर भी मजदूरों केअनुपात में वाहन कम पड़ रहे हैं.