बड़वानी। हाल ही में आने वाले मानसून और देशभर में फैली कोरोना महामारी के बीच बड़वानी में जिला प्रशासन ने मौसमी बीमारियों से निपटने की तैयारी कर ली है. बारिश के दस्तक देते ही डेंगू-मलेरिया जैसी घातक बीमारियां भी दस्तक दे देती हैं. एक ओर तेजी से फैल रही महामारी कोरोना ने जहां प्रशासन को व्यस्त रखा है, वहीं अब इन मौसमी बीमारियों की समस्या भी खड़ी हो गई है. ऐसे में मौसमी बीमारियों के प्रभाव से रहवासियों को बचाने के लिए बड़वानी में नगर पालिका और शासकीय मलेरिया शाखा ने पूरी तैयारी कर ली है.
जिला प्रशासन के लिए दोहरी चुनौती
जब कोरोना महामारी के लक्षण मौसम जनित बीमारियों से मेल खाते हों तो जिला प्रशासन के लिए दोहरी चुनौती से कम नहीं है, बारिश का मौसम. स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार बताते हैं कि वर्तमान में कोरोना के साथ डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी गई है.
कोरोना से बचाव के लिए जहां किल कोरोना अभियान का सर्वे किया जा रहा है, इसी दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा मौसमी बीमारियों की भी जांच की जा रही है. जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते मलेरिया रोधी सप्ताह भी कोरोना की जांच के साथ समाप्त हुआ है. वहीं अब डेंगू के लक्षणों का पता करने और उसके बचाव को लेकर आदिवासी भाषाओं में रिकार्डिंग की जा रही जिससे जिले के हर एक वर्ग को आसानी से समझाया जा सके.
चलाई जा रही मुहिम
गांवों में प्रचार-प्रसार कर जनजागृति मुहिम चलाई जा रही है. जिसके लिए ग्रामीणों की बोली में गानों की रिकॉर्डिंग कर उन्हें सुनाई जा रहीं हैं. साथ ही सामुदायिक केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और उपस्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है. वहीं कोरोना के साथ मौसमी बीमारियों के लक्षण भी पता कर उनके इलाज के लिए भी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. ANM और आशा कार्यकर्ता गांव और प्रभावित गांव के अलावा निजी संस्थाओं में लार्वा की जांच कर रही हैं. इसके लिए डेमोप्स दवा और गम्बूसिया मछली का भी पर्याप्त मात्रा में स्टॉक है.
पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का स्टॉक
सिविल सर्जन डॉ रमेश चोयल ने बताया कि मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए दवाइयों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. वहीं पिछले कुछ दिनों में जनजागरण और प्रचार-प्रसार के चलते मलेरिया और डेंगू के मरीज नहीं के बराबर आए हैं. पिछले साल जून में मलेरिया के 4 और डेंगू के 8 मरीज जिले भर से मिले थे. वहीं इस साल अब तक महज मलेरिया के 4 मरीज ही सामने आए हैं.
नगरीय अमला भी जुटा
मौसम जनित बीमारियों से बचाव के नगरीय अमला भी जुटा है. नगर निगम CMO कुशल सिंह डोडवे भी शहर में मैदान संभाले हुए हैं और कोरोना के साथ-साथ डेंगू-मलेरिया बीमारी न पनपे इसलिए शहर की कॉलोनी और मोहल्लों में खड़े रहकर सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव करवा रहे हैं. इसके अलावा शहर में डेमोफस, फिनाइल औक फागिंग मशीन द्वारा मौसमी बीमारी और कोरोना महामारी से निपटने में स्वास्थ्यकर्मी जुटे हुए हैं.
CMO कुशल सिंह डोडवे ने बताया कि नगर पालिका के 230 कर्मचारियों के साथ अमला शहर में बने कंटेनमेंट एरिया और कई जगहों पर दो-तीन बार दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं. इसके अलावा साफ-सफाई पर ध्यान दे रहे हैं. बीमारियों की जागरूकता के लिए हो रहे उचित प्रचार-प्रसार के चलते नागरिकों का भी सहयोग मिल रहा है. नगर पालिका के पास फिलहाल दो फागिंग मशीन, छह पेट्रोल से चलने वाले पिट्टू पम्प और ट्रैक्टर के जरिए दवाई के छिड़काव की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
बड़वानी जिले में कोरोना महामारी के साथ-साथ बारिश में होने वाली बीमारियों से लड़ने के लिए जिलास्तर पर अस्पताल प्रशासन और नगर पालिका ने कमर कस ली है. नगर पालिका द्वारा बारिश को ध्यान में रखते हुए और कोरोना के मिलते-जुलते लक्षणों के चलते शहरभर में सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव कराया जा रहा है. साथ ही फागिंग मशीन से केमिकल युक्त धुंआ छोड़कर मच्छरों को पनपने नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य अमला भी ग्रामीण क्षेत्रों में मैदानी स्तर पर जुटा हुआ है. बड़वानी जिले के लिए राहत वाली बात यह है कि बीते सालों में बारिश जनित रोगों में काफी कमी आई है.