बड़वानी। जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर कुकरा राजघाट स्थित नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर जा पहुंचा हैं, जबकि मई महीने में गर्मी के कारण नर्मदा के जल स्तर में काफी कमी आती है. बीते कुछ सालों में स्थिति इतनी गंभीर थी कि जलधारा के बीच बना पुराना घाट भी दिखाई देने लगता था.
बांध से निकासी बंद, नहर का पानी छोड़ने से बढ़ा जल स्तर
इस बार बारिश से पहले ही नर्मदा नदी के जल स्तर में व्यापक बढ़ोतरी दिखाई देने लगी हैं. वर्तमान में जल स्तर खतरे के निशान 123.280 मीटर से ऊपर होकर 125 मीटर हो गया हैं. पिछले वर्ष गुजरात में अधिक बारिश होने के चलते पानी की डिमांड कम रही. फिलहाल बांध से पानी की निकासी पूर्णतः बंद है. दूसरी ओर नर्मदा के ऊपरी कछार में बने ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर बांध से पानी छोड़ा जा रहा हैं, जिसके चलते नर्मदा के जल स्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही हैं. इंदिरा सागर बांध की मुख्य नहरों के मेंटनेंस का कार्य होने से भी पानी नहरों से नर्मदा में छोड़ा जा रहा है.
कुकरा स्थित राजघाट पर नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि अप्रैल और मई के महीने में जल स्तर काफी कम रहता हैं. नर्मदा के ऊपरी कछार से पानी छोड़ने और सरदार सरोवर बांध से पानी रोके जाने से यह स्थिति निर्मित हुई है. प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुराने पुल से आवागमन अवरुद्ध कर दिया है. वहीं पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई हैं.
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सरदार सरोवर बांध से पानी की निकासी बंद होने, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी दिखाई दे रही हैं. प्रशासन ने बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर पुराने पुल से आवागमन बंद कर दिया है. साथ ही पुलिस भी मुस्तैद कर दी हैं.