बड़वानी। विजय दिवस के मौके पर स्थानीय नगर पालिका परिषद में 1971 के युद्ध में शामिल रहे वीर सैनिकों का सम्मान किया गया. साथ ही युद्ध के प्रमुख अंशों के साथ शॉर्ट फिल्म दिखाई गई. वहीं उसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और युद्ध से संबंधित फोटो की प्रदर्शनी भी लगाई गई. साथ ही युद्ध के गवाह रहे जिले के सैनिकों ने अपने अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किए.
भारत की पाकिस्तान पर जीत के नायक रहे सैनिकों ने ईटीवी भारत के साथ साझा किए अनुभव - vijay diwas
बड़वानी में विजय दिवस पर मौके 1971 में हुए युद्ध के दौरान जिले से मातृभूमि की रक्षा के लिए तैनात सैनिकों का सम्मान किया गया. वहीं पाकिस्तान पर जीत के गवाह रहे मातृभूमि के वीर सपूतों ने ईटीवी भारत के साथ अपने खास अनुभव साझा किए.
विजय दिवस पर सैनिकों का किया गया सम्मान
बड़वानी। विजय दिवस के मौके पर स्थानीय नगर पालिका परिषद में 1971 के युद्ध में शामिल रहे वीर सैनिकों का सम्मान किया गया. साथ ही युद्ध के प्रमुख अंशों के साथ शॉर्ट फिल्म दिखाई गई. वहीं उसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और युद्ध से संबंधित फोटो की प्रदर्शनी भी लगाई गई. साथ ही युद्ध के गवाह रहे जिले के सैनिकों ने अपने अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किए.
Intro:बड़वानी। जिला मुख्यालय पर विजय दिवस के अवसर पर स्थानीय नगर पालिका परिषद में 1971 के युद्ध में शामिल रहे वीर सैनिकों का सम्मान किया गया, साथ ही युद्ध के प्रमुख अंशों के साथ शार्ट फिल्म दिखाई गई वहीं उसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और युद्ध से संबंधित फोटो की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
Body:ठीक 48 वर्ष पूर्व किन्हीं दो देशों के मध्य हुआ एकमात्र युद्ध जो केवल 13 दिनों में सिमट गया था और दुश्मन देश को हार का सामना करना पड़ा था। 1971 में भारत पाकिस्तान का युद्ध जिसमें देश के जांबाज़ लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था, वही 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण भी करना पड़ा था । इस युद्ध की परिणीति यह रही कि एक नए देश बांग्लादेश का उदय हुआ । इस युद्ध के बाद भारत विश्व के पटल पर एक नई शक्ति के रूप में स्थापित हुआ इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आयरन लेडी के रूप में पहचान मिली।
वन टू वन-1971 में युद्ध के साक्षी सैनिको के साथ
(राधेश्याम सोनी,सीताराम सोनी)
Conclusion:विजय दिवस पर 1965 व 1971 में युद्ध के दौरान बड़वानी से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए तैनात सैनिकों का सम्मान किया गया , वही पाकिस्तान पर जीत के गवाह रहे मातृभूमि के इन वीर सपूतों ने भारत के साथ अपने खास अनुभव सांझा किए।
Body:ठीक 48 वर्ष पूर्व किन्हीं दो देशों के मध्य हुआ एकमात्र युद्ध जो केवल 13 दिनों में सिमट गया था और दुश्मन देश को हार का सामना करना पड़ा था। 1971 में भारत पाकिस्तान का युद्ध जिसमें देश के जांबाज़ लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था, वही 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण भी करना पड़ा था । इस युद्ध की परिणीति यह रही कि एक नए देश बांग्लादेश का उदय हुआ । इस युद्ध के बाद भारत विश्व के पटल पर एक नई शक्ति के रूप में स्थापित हुआ इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आयरन लेडी के रूप में पहचान मिली।
वन टू वन-1971 में युद्ध के साक्षी सैनिको के साथ
(राधेश्याम सोनी,सीताराम सोनी)
Conclusion:विजय दिवस पर 1965 व 1971 में युद्ध के दौरान बड़वानी से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए तैनात सैनिकों का सम्मान किया गया , वही पाकिस्तान पर जीत के गवाह रहे मातृभूमि के इन वीर सपूतों ने भारत के साथ अपने खास अनुभव सांझा किए।