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बड़वानी: स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले को मिला 88वां स्थान, लेकिन वार्ड नंबर दस का है बुरा हाल

देशभर में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बड़वानी भले ही 88वें नम्बर और प्रदेशभर की नगरपालिका में 7वें नम्बर पर आ गया है. लेकिन वार्ड नंबर 10 का बुरा हाल है.

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Published : Mar 7, 2019, 2:24 PM IST

बड़वानी। देशभर में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बड़वानी भले ही 88वें नम्बर और प्रदेशभर की नगरपालिका में 7वें नम्बर पर आ गया है. लेकिन वार्ड नंबर 10 का बुरा हाल है.

वार्ड 10 का नाम हगरिया फलिया से बदल कर शांति नगर रखा गया था. लेकिन वार्ड के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है. यहां के रहवासियों के मुताबिक सड़क,बिजली,पानी,स्कूल,आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है.

barwani
बता दें कि करीब 300 महिला, पुरुष और बच्चों की बस्ती में सबसे चौकाने वाली बात सामने आई है. लोगों का कहना है कि अभी कुछ दिन पहले ही वार्ड में बिजली के खंभे लगे है. लेकिन लोगों के 1100 रुएय का बिल थमाया गया है. वहीं सीएमओ का इस मामले में कहना है कि जल्द ही वार्ड को हर सुविधा दी जाएगी.

बड़वानी। देशभर में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बड़वानी भले ही 88वें नम्बर और प्रदेशभर की नगरपालिका में 7वें नम्बर पर आ गया है. लेकिन वार्ड नंबर 10 का बुरा हाल है.

वार्ड 10 का नाम हगरिया फलिया से बदल कर शांति नगर रखा गया था. लेकिन वार्ड के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है. यहां के रहवासियों के मुताबिक सड़क,बिजली,पानी,स्कूल,आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है.

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बता दें कि करीब 300 महिला, पुरुष और बच्चों की बस्ती में सबसे चौकाने वाली बात सामने आई है. लोगों का कहना है कि अभी कुछ दिन पहले ही वार्ड में बिजली के खंभे लगे है. लेकिन लोगों के 1100 रुएय का बिल थमाया गया है. वहीं सीएमओ का इस मामले में कहना है कि जल्द ही वार्ड को हर सुविधा दी जाएगी.
Intro:EXCLUSIVE SPECIAL STORY
बड़वानी। जिला मुख्यालय पर नगरपालिका अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 10 के रहवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर है वही नॉनिहलो का भविष्य अंधकारमय है। सरकार वर्तमान में लोगो के जीवनस्तर में सुधार के लिए तमाम योजनाओं को संचालित कर रही है किंतु लालफीताशाही के चलते जरूरतमंदों को उनका लाभ नही मिल पा रहा है। जिला मुख्यालय के ही ऐसे हाल है कि ठेठ आजादी के बाद हाल ही में इस वार्ड में बिजली नसीब हुई है । यहाँ के रहवासी आज भी शौच के लिए खुली जगह पर जाते है क्योंकि इस वार्ड में एक भी शौचालय नही है।


Body:आज हम बड़वानी शहर के नगरीय निकाय अंतर्गत वार्ड 10 के हगरिया फलिया जिसका लोगो ने नाम बदलकर शांति नगर कर दिया है किंतु मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर रहवासियों के मन मे प्रशासन के प्रति अशांति है। देश का कोई पहला ऐसा नगरपालिका या नगरपरिषद का वार्ड होगा जहा सड़क,बिजली,पानी,स्कूल,आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। जी सुनने में जरूर आश्चर्य होगा किन्तु आज हम जो दिखाने जा रहे वह सरकार के विकास के वादों पर तमाचा साबित होने वाला है क्योंकि जिम्मेदार भी स्वीकार कर रहे है वार्ड 10 की बदहाल स्थिति का, वार्ड क्रमांक 10 का एक फलिया जहाँ प्रधानमंत्री के सपनो का स्वच्छ भारत की पोल खोल रहा है , आज देश भर में हुए स्वस्छ सर्वेक्षण 2019 में बड़वानी जरूर 88 वे नम्बर एवं प्रदेश भर की नगरपालिका में 7 वे नम्बर पर आ गया है किंतु इस वार्ड की सच्चाई स्वस्छ सर्वेक्षण के सर्वे की भी पोल खोलती नजर आ रही है।
करीब 300 महिला,पुरुष और बच्चों की बस्ती जिसे हगरिया फलिया के नाम से जाना जाता है और यह बसा है जिला मुख्यालय पर न कि किसी बीहड़ जंगल मे किन्तु यहाँ के रहवासी तो उसी के समान जीवन गुजर कर रहे है।
करीब तीन से चार पीढ़ियों से निवासरत यहा के बाशिंदों बिजली की राह देख रहे थे जिनको 10 दिन पहले बिजली नसीब हुई थी जो हेकड़ी डाल कर एक बल्ब जला रहे है , इनके घरों में रोशनी जो जरूर आ गई किन्तु बिजली के बिल होश उड़ा रहे है ,फलिए के हर रहवासी के यहां 1140 रुपए का बिल दिया गया है। जो बिजली के खम्बे लगाए है उनसे आगे बिजली ही नही गई है। करीब 30 बच्चे है जो आंगनबाड़ी और स्कूल से वंचित है साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने भी कभी इस और कूच नही किया। झोपड़ियों में रहने को मजबूर यहा के लोगो के लिए प्रधानमंत्री आवास तो बेईमानी है यहाँ के लोग डिब्बा लेकर शौचालय जाने को मजबूर है ,महात्मा गांधी के सपनो को पंख देने वाले देश के प्रधानमंत्री के समग्र स्वच्छ भारत की सच्चाई इस वार्ड में देखने को मिलती है जहा एक भी घर शौचालय नही बना है नहाने के लिए जरूर कपड़ो से ढका स्नानघर है। पानी के लिए भी नगरपालिका से एक टेंकर तीसरे दिन आता है और जो टँकी बनी है वह लोहे की बनी होकर जंग खा रही है । खण्डवा-बड़ौदा हाइवे से लगे इस वार्ड तक पहुचने के लिए बरसात में कढ़ी मशक्कत करना पड़ती है हालांकि नई परिषद ने विधानसभा चुनाव के पूर्व मतदान के बहिष्कार के चलते एक कच्चा पुलिया जरूर बना कर इतिश्री कर ली है लेकिन मूलभूत सुविधाओं की कमी सुरसा के मुख की तरह सीना ताने खड़ी है।
बाइट01-सजन बाई
बाइट02-प्यारसिंह
बाइट03-रुखड़ी बाई
बाइट04-कुशलसिंह डुडवे-सीएमओ



Conclusion:देश मे शायद ही किसी जिला मुख्यालय के वार्ड की इतनी बदतर स्थिति होगी जितनी बड़वानी शहर के वार्ड क्रमांक 10 की है जहाँ शासन की किसी योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। लोग आजादी के बाद वार्ड में पहुची बिजली का आज भी हेकड़ी डालकर बिजली का उपयोग कर रहे है। जंग लगी पानी की टँकी से पानी पीने को मजबूर है बच्चे आंगनबाड़ी और स्कूल से दूर है,सड़क का पता नही और बाहर शौच के लिए मजबूर है।
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