बड़वानी। अमरकंटक से निकलकर बड़वानी जिले का राजघाट नर्मदा का आखिरी छोर माना जाता है. राजघाट से नर्मदा का सुंदर नजारा हर किसी का मनमोह लेता है. लॉकडाउन में तो इसका रंग और निखर आया है. जहां नर्मदा की लहरों में उमड़ते नजारे प्राकृतिक सुंदरता बिखेर रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन से यहां 40 दिनों से लोगों की आवाजाही बंद है, जिसका अच्छा असर नर्मदा के जलस्तर में हुआ है.
नर्मदा प्रदूषण नियमक बोर्ड के अनुसार नर्मदा का जल पहले की अपेक्षा कई गुना शुद्ध हो गया है. जिससे नर्मदा पिछले 25 साल पहले की तरह ही निर्मल, स्वच्छ व शुद्ध दिखाई देने लगी है.
![राजघाट पर उगते सूर्य का सुंदर नजारा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bar-02a-spacial-story-namami-devi-narmade-raw-7203820-hd_04052020182420_0405f_1588596860_14.jpg)
![ड्रोन से लिया गया नर्मदा नदी की तस्वीर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bar-02a-spacial-story-namami-devi-narmade-raw-7203820-hd_04052020182420_0405f_1588596860_345.jpg)
लॉकडाउन में न नर्मदा किनारे घाटों पर नहाने और कपड़े धोने वालो की भीड़ दिखाई दे रही है और न ही कारखानों और फैक्ट्रियों का गंदा पानी इसमें मिल रहा है. जिससे नर्मदा अपने पुराने स्वरूप में बह रही है.
![राजघाट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bar-02a-spacial-story-namami-devi-narmade-raw-7203820-hd_04052020182420_0405f_1588596860_498.jpg)
कुछ महीने पहले तक नर्मदा नदी में धार्मिक आस्था रखने वाले शृद्धालुओं का मन उसकी गंदगी देखकर आहत होता था. क्योंकि सरदार सरोवर बांध के चलते नर्मदा का बहाव रुकने से बाढ़ का पानी बीमारियों को जन्म दे रहा था. लेकिन लॉकडाउन के चलते इसमें सुधार हुआ. पानी की गंदगी अब खत्म होती जा रही है.