बड़वानी। देश में एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी अपना जन्मदिन गुजरात के सरदार सरोवर बांध पर तितलियां उड़ाकर मना रहे हैं. वही गुजरात सरकार ने तय गाइड लाइन के पहले बांध को भरकर मोदी जी को जन्मदिन का तोहफा दिया. लेकिन इससे मध्यप्रदेश के करीब 172 गांवों में जलप्रलय की स्थिति नजर आ रही है. जिन गांवों को सरकार डूब से बाहर बता रही हैं वे भी धीरे-धीरे डूबते जा रहे हैं. ऐसे हालातों में नर्मदा बचाओं आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर पीएम मोदी के जन्मदिन को धिक्कार दिवस के रुप में मना रही हैं.
नर्मदा घाटी में उचित पुनर्वास और विस्थापन की मांग को लेकर पिछले 34 सालों से अनवरत आंदोलन कर रही नर्मदा बचाओ आंदोलन मेधा पाटकर के नेतृत्व में पीएम के जन्मदिन को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. उन्होनें सरदार सरोवर बांध को लेकर ईटीवी भारत से भारत से खास चर्चा भी की.
मेधा पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर बांध के भरने के चलते प्रदेश के 172 गांवों में जलभराव और कई गांव फिर से डूबने की कगार पर हैं. कई ऐसे गांव भी हैं जो नर्मदा नदी के बैक वाटर के चलते डूब रहे हैं. जबकि सर्वे के दौरान इनकों को डूब से बाहर बताया गया था. साथ ही कई मकान, खेत, खलिहान बिना मुआवजे के डूब चुके है. पीड़ित लोग अपने पुनर्वास और विस्थापन कि मांग को लेकर सड़को पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन सरकार इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है. यही वजह है कि हम पीएम मोदी का जन्मदिन धिक्कार दिवस के रुप में मना रहे हैं.