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सिम एक्टिवेट करने के बहाने अगूंठे की छाप लेकर लाखों रुपयों पर किया हाथ साफ

लोगों को बेवकूफ बनाकर उनके अंगूठे के निशान लेकर ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने अंगूठे के छाप के जरिए लाखों की ठगी की.

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Published : Apr 2, 2019, 9:21 PM IST

Updated : Apr 3, 2019, 12:04 AM IST

बड़वानी। जिला मुख्यालय पर ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां आरोपी ने लोगों को पता चले बगैर उनके अंगूठे के निशान से लाखों रुपए उड़ा लिए. पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार कर 90 हजार रुपए नगदी बरामद किया है.


धार जिले के छोटे से कस्बे में रहने वाला एक युवक जो कक्षा 12वीं तक पढ़ा है, लेकिन अपने दिमाग के जरिए उसने लोगों के लाखों रुपए उड़ा दिए. बड़वानी में सिम बेचने वाला भरत कुमरावत और उसका भाई सिम एक्टिवेशन के नाम पर लोगों के अंगूठे की छाप ग्लू स्टिक पर ले लेता था. गांव के गरीब और सीधे-साधे लोगों को जनधन योजना,विधवा पेंशन जैसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देता था.जब लोग अपना खाता खुलवाने आते तो आधार कार्ड और उनके अंगूठे की छाप ग्लू स्टिक पर ले लेता था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

जनधन योजना का लाभ बताकर कियोस्क सेंटर से खाता खुलवा देता था और कियोस्क का पहचान पत्र खाता नम्बर की छायाप्रति खाता धारकों को दे देता था. सीधे साधे ग्रामीण के खाते में जो पैसे आते थे, उनकी मर्चेंट आईडी, मोबाइल बैंकिंग और भीम आधार एप्लिकेशन के जरिए पैसा एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट और तीसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर एक चेन बनाते थे. साथ ही जिनका कियोस्क सेंटर जहां जिनका खाता रहता है वहा आधार नम्बर और अंगूठे की छाप फिंगर प्रिंट सेंसर मशीन पर लगाकर पैसे निकाल लेते थे.क्योकि थम्ब लगाने के बाद सिस्टम आधार नम्बर मांगता है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

बड़वानी। जिला मुख्यालय पर ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां आरोपी ने लोगों को पता चले बगैर उनके अंगूठे के निशान से लाखों रुपए उड़ा लिए. पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार कर 90 हजार रुपए नगदी बरामद किया है.


धार जिले के छोटे से कस्बे में रहने वाला एक युवक जो कक्षा 12वीं तक पढ़ा है, लेकिन अपने दिमाग के जरिए उसने लोगों के लाखों रुपए उड़ा दिए. बड़वानी में सिम बेचने वाला भरत कुमरावत और उसका भाई सिम एक्टिवेशन के नाम पर लोगों के अंगूठे की छाप ग्लू स्टिक पर ले लेता था. गांव के गरीब और सीधे-साधे लोगों को जनधन योजना,विधवा पेंशन जैसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देता था.जब लोग अपना खाता खुलवाने आते तो आधार कार्ड और उनके अंगूठे की छाप ग्लू स्टिक पर ले लेता था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

जनधन योजना का लाभ बताकर कियोस्क सेंटर से खाता खुलवा देता था और कियोस्क का पहचान पत्र खाता नम्बर की छायाप्रति खाता धारकों को दे देता था. सीधे साधे ग्रामीण के खाते में जो पैसे आते थे, उनकी मर्चेंट आईडी, मोबाइल बैंकिंग और भीम आधार एप्लिकेशन के जरिए पैसा एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट और तीसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर एक चेन बनाते थे. साथ ही जिनका कियोस्क सेंटर जहां जिनका खाता रहता है वहा आधार नम्बर और अंगूठे की छाप फिंगर प्रिंट सेंसर मशीन पर लगाकर पैसे निकाल लेते थे.क्योकि थम्ब लगाने के बाद सिस्टम आधार नम्बर मांगता है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

Intro:बड़वानी। जिला मुख्यालय पर ठगी का एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसने लोगो के अंगूठे के निशान से लोगो के लाखों रुपए की चपत लगा दी साथ ही सरकार के उस दावे को भी फैल कर दिया जिसमें बैंकिंग प्रणाली में फर्जीवाड़े से बचने के लिए जरूरी अंगूठे के निशान से व्यक्ति की पहचान के बिना उसकी निजता का हनन नही होगा


Body:जी हां बड़वानी से लगे धार जिले के छोटे से कस्बे निसरपुर में रहने वाले 12 तक पढ़े एक शातिर युवक और उसके भाई ने कानून की कमज़ोरी का फायदा उठाते हुए सरकारी तंत्र को सोचने पर मजबूर कर दिया कि खुद के अंगूठे के बगैर भी कोई लाखो रुपए की चपत लगा सकता है। बड़वानी में मोबाइल कम्पनी की सिम बेचने वाला भरत कुमरावत और उसका भाई धर्मेंद्र ग्रामीण इलाकों में सीधे साधे लोगो को जनधन योजना और विधवा पेंशन जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर उनका बैंक का खाता खुलवाने के नाम पर आधार कार्ड और उनके अंगूठे की छांप ग्लू स्टीक से ले लेता था और जनधन योजना का लाभ का लाभ बताकर कियोस्क सेंटर से खाता खुलवा देते थे और कियोस्क का पहचान पत्र खाता नम्बर की छायाप्रति खाताधारकों को दे देते थे और एटीएम और उसका लिफाफा खुद रख लेते थे और बाद में घटना को अंजाम देते थे। चूंकि आरोपी सिम बेचने का काम करता था लोगो को फ्री में सिम कार्ड देने के बहाने आधार नम्बर और फोटो लेकर सिम एक्टिवेशन करने का बोलकर अंगूठा ले लेता था और उनके नाम से बहुत सारी सिम एक्टिवेट कर रख लेता था । सीधे साधे ग्रामीण, घरेलू महिलाएं, निम्नवर्गीय मजदूर ,आदिवासी महिलाएं जिनके मनरेगा, जनधन एवं विधवा पेंशन को लेकर खाते में पैसा आता था , उनकी मर्चेंट आईडी,मोबाइल बैंकिंग व भीम आधार एप्लिकेशन के जरिए पैसा एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट और तीसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर एक चेन बनाते थे साथ ही जिनका कियोस्क सेंटर जहा जिनका खाता रहता है वहा आधार नम्बर और अंगूठे की छाप फिंगर प्रिंट सेंसर मशीन पर लगाकर पैसे निकाल लेते थे क्योकि थम्ब लगाने के बाद सिस्टम आधार नम्बर मांगता है उसके बाद आसानी से रुपया निकल जाता है इस तरह दोनो भाइयो ने सैकड़ो लोगो से करीब 10 लाख रुपए से अधिक की राशि की ठगी कर दी । पुलिस ने तीन लाख 90 हजार रुपए नगदी बरामद किए है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार आरोपी भरत को पता था कि इस तरह के फ्राड में कोई बड़ी सजा का प्रावधान नही है इसी बात से बेफिक्र होकर दोनो भाई आसानी से ठगी करते थे।


Conclusion:कियोस्क सेंटर एवं ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर पर भी आपका पैसा सुरक्षित नही है यह देश के ठेठ पिछड़े आदिवासी इलाके में रहने वाले कम पढ़े लिखे दो भाइयों ने कर दिखाया । सरकारी भीम एप्प हो या अन्य नेट बैंकिंग इतना ही नही आजकल हर जगह सरकार ने आम आदमी की पहचान उसका अंगूठा जिसके प्रयोग के बाद ही सरकारी सुविधाओं और योजनाओं के लाभ के साथ जोड़ा गया है उसे भी धता बता दिया है भरत और धर्मेंद्र ने ....
Last Updated : Apr 3, 2019, 12:04 AM IST
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