बड़वानी। मुंबई से अयोध्या रामलला के दर्शन के लिए अपने दो साथियों के साथ पैदल यात्रा पर निकली मुस्लिम युवती आज बड़वानी के जुलवानिया पहुची. कंधे पर केसरिया ध्वज, पीठ पर राम मंदिर की तस्वीर और जय श्री राम का नारा लिखा हुआ बैनर के साथ मुख में राम नाम, राम भक्ति में लीन महाराष्ट्र के मुंबई की रहने वाली शबनम शेख की इन दिनों खूब चर्चा में हैं.
सनातनी मुस्लिम हैं शबनम: शबनम का एक ही उद्देश्य है रामलला के दर्शन करना. खास बात ये है कि वो अपने आप को सनातनी मुस्लिम बताती हैं, शबनम शेख की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने तीन पुलिसकर्मी को शबनम की सुरक्षा में तैनात किया है, इन तीन पुलिसकर्मियों में एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है.
सीरियल का जीवन पर गहरा असर: शबनम शेख का कहना कि वो बचपन से ही रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक सीरियल्स को देखते हुई बड़ी हुई हैं, वे राम को आदर्श मानती हैं. उन्होंने अपने नाम के आगे सनातनी मुस्लिम लगाने का विचार सुबुही खान (वकील, विचारक, कार्यकर्ता, लेखक और प्रेरक वक्ता) से प्रेरित होकर लिया है. शबनम का कहना है कि "शुरुआत में यह कैम्पेनिंग का हिस्सा था, बचपन में मेरे पापा हम चारों भाई-बहनों को रामायण और महाभारत से जुड़े तथ्यों को बताने के लिए क्विज खिलाया करते थे. पहला ऐसा मौका है जब मैं अयोध्या पैदल यात्रा करते हुए जा रही हूं, लेकिन इससे पहले भी मैं अयोध्या और मथुरा जा चुकी हूं."
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सूरज ढलते ही रुकते है तीनों पैदल यात्री: शबनम ने बताया कि अयोध्या जाना उवके लिए कोई नई बात नहीं है, यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर बात करते हुए शबनम बताती है कि जब सूरज ढलता है और अंधेरा होता है तो मन में थोड़ा डर तो पैदा होता है, इसलिए शाम होते ही हम अपनी यात्रा को विराम दे देते हैं. टेंट बांधकर किसी मंदिर या धर्मशाला में एक जगह पर रुक जाते हैं, फिर अगली सुबह सूरज की पहली किरण के साथ यात्रा शुरू कर देते हैं. पदयात्रा के दौरान सफर में कई लोगों से प्यार और आशीर्वाद मिल रहा है.
शबनम बनीं कौमी एकता की मिसाल: खुद को सनातनी बताने वाली मुस्लिम युवती का हिन्दू धर्म के प्रति झुकाव और भगवान श्री राम के लिए शृद्धा के चलते मुंबई से पैदल चलकर अयोध्या रामलला के दर्शन करने को लेकर शबनम खूब सुर्खियां बटोर रही है साथ ही कौमी एकता का परिचय भी दे रही है।