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भेड़-बकरी की तरह ठूस-ठूस कर छात्रों को कराया शैक्षणिक भ्रमण - government school of barwani

बड़वानी में बजट कम होने की वजह से शैक्षणिक भ्रमण के लिए 69 छात्र-छात्राओं को लोडिंग वाहन में ले जाया गया.

academic tour of 69 students
69 छात्रों का शेक्षणिक भ्रमण
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Published : Jan 15, 2020, 10:56 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 11:33 PM IST

बड़वानी। शैक्षणिक भ्रमण के लिए मिडिल स्कूल से स्कूली छात्र-छात्राओं को लोडिंग वाहन में ले जाया गया. इस लोडिंग वाहन में 69 बच्चे थे, जिन्हें भेड़-बकरी की तरह ठूस-ठूस कर ले जाया गया. शासन के इस कार्यक्रम के लिए बजट के नाम पर मात्र 3 हजार रुपये दिये जाते हैं, जिसके चलते शासकीय स्कूल प्रबंधन ने छात्र-छात्राओं को लोडिंग वाहन में ले जाया गया. प्रबंधन ने ये भी नहीं सोचा कि अगर हादसा होता है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

ठूस-ठूस कर छात्रों को कराया शैक्षणिक भ्रमण

शासन अगर इस कार्यक्रम के लिए राशि ज्यादा कर दे तो स्कूल प्रबंधन को भी इस तरह का जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा.

बड़वानी। शैक्षणिक भ्रमण के लिए मिडिल स्कूल से स्कूली छात्र-छात्राओं को लोडिंग वाहन में ले जाया गया. इस लोडिंग वाहन में 69 बच्चे थे, जिन्हें भेड़-बकरी की तरह ठूस-ठूस कर ले जाया गया. शासन के इस कार्यक्रम के लिए बजट के नाम पर मात्र 3 हजार रुपये दिये जाते हैं, जिसके चलते शासकीय स्कूल प्रबंधन ने छात्र-छात्राओं को लोडिंग वाहन में ले जाया गया. प्रबंधन ने ये भी नहीं सोचा कि अगर हादसा होता है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

ठूस-ठूस कर छात्रों को कराया शैक्षणिक भ्रमण

शासन अगर इस कार्यक्रम के लिए राशि ज्यादा कर दे तो स्कूल प्रबंधन को भी इस तरह का जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा.

Intro: बड़वानी के समीप मिडिल स्कूल कुंडिया में शैक्षणिक भ्रमण के अंतर्गत आस- पास की खोज कार्यक्रम के लिए स्कूली छात्र - छात्राओं को लोडिंग वाहन आयशर में ले जाया गया। हालाँकि छात्रों को भेड़ बकरी की तरह आयशर में ठूस कर ले जाने पर बस शिक्षिका द्वारा कम बजट होना बताया गया। Body:शासन की आस पास खोज कार्यक्रम से बच्चो तो खुश हैं परंतु इस कार्यक्रम के लिये बजट ऊंट के मुंह मे जीरे समान बजट प्रस्तावित है इसके लिए मात्र 3000 रुपये दिये जाते हैं जिसके चलते शासकीय स्कूल प्रबंधन ने लोडिंग वाहन का विकल्प चुना। लोडिंग वाहन जो भारी अथवा अन्य सामग्री लोडिंग कार्य कर करती है परंतु सबकुछ जानकर बजट की मजबूरी में बच्चो को लोडिंग वाहन में ले जाया जा रहा है अगर बड़ा हादसा होता है बच्चो की सुरक्षा की जिमेदारी किसकी होगी हालांकि स्कूली बच्चे शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम से बहुत खुश है और आस पास खोज जैसे कार्यक्रम से बच्चो में उत्साह देखेते बनता है पर इस कार्यक्रम की राशि अगर शासन बड़ा दे तो शिक्षक को भी जानबूझकर नियम की उल्लंघन नही करना पड़े मात्र तीन हजार की राशि मे सवारी वाली वाहन करना स्कूल को संभव नही पर अगर कोई हादसा होता है बड़ी अनहोनी होगी और बच्चो की सुरक्षा इन भ्रमण से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं अधिकांश शाला में कम बजट के कारण लोडिंग वाहन का विकल्प चुना हैं
बाइट - रानु पटेल - शिक्षिका माध्यमिक शाला कुंडिया
बाइट02-ज्योत्सना शर्मा- प्रधान पाठिका

Conclusion: बड़वानी विकासखंड के मिडिल स्कूल,कुंडिया में स्टॉफ व विद्यार्थियों को शैक्षिक भ्रमण हेतु शासन की योजनांतर्गत आस - पास की खोज के तहत भ्रमण के लिए जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर बावनगजा भ्रमण के लिये 69 छात्र - छात्राओं को लोडिंग वाहन आयशर में ले जाया गया वहीं कारण पूछने पर कम बजट की बात कहकर बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया गया। ईटीवी भारत मध्यप्रदेश।
Last Updated : Jan 15, 2020, 11:33 PM IST
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