बड़वानी। मध्यप्रदेश इस समय बाढ़ की चपेट में है. नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 34 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिन्हें खाली कराने का काम प्रशासन ने शुरू कर दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से नर्मदा के तटीय इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन के अधिकारी तैनात हैं.
भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र की नदियां नर्मदा में आकर मिल रही हैं, जिससे उसका जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. डूब प्रभावित गांव के लोग परेशान हो रहे हैं. बारिश के कहर से जनजीवन अस्तव्यत हो गया है. नर्मदा किनारे स्थित कुकरा गांव के लोगों ने गांव खाली कराने पर विरोध किया है. लोग घुटने तक पानी में दुकानें खोलकर बैठे हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि जब तक पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे. नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) ने मांग की है कि सरदार सरोवर बांध के गेट खोले जाएं. इधर नर्मदा का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे प्रशासन की सांसें फूलती नजर आ रही हैं. नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से खतरे के निशान से पानी 6 मीटर ऊपर है.