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प्रदेश में आसमान से बरस रही आफत, नर्मदा नदी की चपेट में 34 गांव, रेस्क्यू जारी

बड़वानी में भारी बारिश जारी है. नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से 34 गांव प्रभावित हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से नर्मदा के तटीय इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन के अधिकारी तैनात किए गये हैं.

MP में बारिश का कहर जारी,
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Published : Aug 9, 2019, 10:10 AM IST

Updated : Aug 9, 2019, 11:15 AM IST

बड़वानी। मध्यप्रदेश इस समय बाढ़ की चपेट में है. नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 34 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिन्हें खाली कराने का काम प्रशासन ने शुरू कर दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से नर्मदा के तटीय इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन के अधिकारी तैनात हैं.

प्रदेश में आसमान से बरस रही आफत

भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र की नदियां नर्मदा में आकर मिल रही हैं, जिससे उसका जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. डूब प्रभावित गांव के लोग परेशान हो रहे हैं. बारिश के कहर से जनजीवन अस्तव्यत हो गया है. नर्मदा किनारे स्थित कुकरा गांव के लोगों ने गांव खाली कराने पर विरोध किया है. लोग घुटने तक पानी में दुकानें खोलकर बैठे हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि जब तक पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे. नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) ने मांग की है कि सरदार सरोवर बांध के गेट खोले जाएं. इधर नर्मदा का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे प्रशासन की सांसें फूलती नजर आ रही हैं. नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से खतरे के निशान से पानी 6 मीटर ऊपर है.

बड़वानी। मध्यप्रदेश इस समय बाढ़ की चपेट में है. नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 34 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिन्हें खाली कराने का काम प्रशासन ने शुरू कर दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से नर्मदा के तटीय इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन के अधिकारी तैनात हैं.

प्रदेश में आसमान से बरस रही आफत

भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र की नदियां नर्मदा में आकर मिल रही हैं, जिससे उसका जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. डूब प्रभावित गांव के लोग परेशान हो रहे हैं. बारिश के कहर से जनजीवन अस्तव्यत हो गया है. नर्मदा किनारे स्थित कुकरा गांव के लोगों ने गांव खाली कराने पर विरोध किया है. लोग घुटने तक पानी में दुकानें खोलकर बैठे हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि जब तक पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे. नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) ने मांग की है कि सरदार सरोवर बांध के गेट खोले जाएं. इधर नर्मदा का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे प्रशासन की सांसें फूलती नजर आ रही हैं. नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से खतरे के निशान से पानी 6 मीटर ऊपर है.

Intro:बड़वानी जिले में नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जो कि खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर तक है फिलहाल नर्मदा का जलस्तर 129 मीटर तक पहुंच गया है। एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने नर्मदा किनारे के 34 गांवों को खाली कराने का काम शुरू कर दिया है सुरक्षा की दृष्टि से नर्मदा के तट इलाकों में एनडीआरएफ , एसडीआरएफ और जिला प्रशासन तैनात है ।



Body:मध्य प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के चलते जल स्तर में इजाफा हुआ है इसके पीछे भारी बारिश के चलते मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की 1 नदियों का पानी नर्मदा में आकर मिल रहा है जिसके चलते नर्मदा का जलस्तर बढ़ रहा है लेकिन अभी प्रदेश से ओंकारेश्वर बांध तथा इंदिरा सागर बांध से पानी छूटना बाकी है जिससे और ज्यादा जलस्तर में बढ़ोतरी होगी नर्मदा किनारे के गांव खाली कराने में अब प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है कुकरा डूब प्रभावित ग्रामीणों के साथ साथ नर्मदा बचाओ आंदोलन भी गांव खाली कराने को लेकर विरोध दर्ज करा रहा है लोग घुटने घुटने तक के पानी में अपनी दुकानें खोलकर बैठे हैं इसी विरोध के चलते प्रशासन को अपने कदम पीछे करना पड़ रहे हैं कार्यकर्ताओं कहना है जब तक पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक डूब जाना उचित नहीं है इसलिए फिलहाल सरदार सरोवर बांध के गेट खोल देना चाहिए इसी मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन शुरू कर दिया है।
बाइट01-दयाराम केवट-डूब प्रभावित
बाइट02-राहुल यादव- एनबीए कार्यकर्ता
बाइट03-अभयसिंह ओहरिया-एसडीएम


Conclusion:बड़वानी जिले में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा नदी का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे जिला प्रशासन की सांसें फूलती नजर आ रही है एक और डूब प्रवाहित है कि जो अपना मूल गांव छोड़ने के लिए तैयार नहीं है वही दूसरी ओर नर्मदा बचाओ आंदोलन ने नर्मदा किनारे राजघाट स्थित कुकरा मूल गांव में सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
Last Updated : Aug 9, 2019, 11:15 AM IST
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