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खबर का असर: कलेक्टर ने दिया भरोसा तो ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का फैसला वापस लिया

ग्रामीणों की समस्या की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद चुनाव आयोग के जिले के पर्यवेक्षक और जिला कलेक्टर अपने दल-बल के साथ गांव का दौरा करने पहुंचे और ग्रामीणों की समस्या सुनी.

ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का किया फैसला
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Published : Apr 21, 2019, 11:01 PM IST

बालाघाट। परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या सुलझाने का कलेक्टर ने भरोसा दिया है. जिसके बाद मतदान बहिष्कार की चेतावनी दे रहे ग्रामीणों ने एक बार फिर से मतदान करने का फैसला लिया है.

परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र बीते 35 सालों से पानी की समस्या से जूझ रहा है. जिसके चलते क्षेत्र के परेशान लोगों ने लोकसभा चुनाव 2019 के बहिष्कार का ऐलान किया था. आक्रोशित ग्रामीणों ने चुनाव प्रचार-प्रसार में लगे वाहनों पर प्रतिबंध लगाते हुए राजनैतिक प्रचार पर रोक लगा दी थी. लोगों ने काले कपड़ों पर बैनर लिखकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया था.

ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का किया फैसला

ग्रामीणों की समस्या की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद चुनाव आयोग के जिले के पर्यवेक्षक और जिला कलेक्टर अपने दल-बल के साथ गांव का दौरा करने पहुंचे और ग्रामीणों की समस्या सुनी. साथ ही जल्द निराकरण करने का आश्वासन भी दिया. जिसके बाद गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने की जिद छोड़कर मतदान करने का शपथ ली है. कलेक्टर के आश्वासन के बाद गांव में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार को लेकर बैनर-पोस्टर भी लगा दिए गए हैं.

बुढ़िया गांव और टाकाबर्रा गांव के लोगों ने संयुक्त बैठक ली गई. आचार संहिता समाप्त होने के बाद जलाशय का अपूर्ण कार्य के संदर्भ में 5 मई को जिला कार्यालय में बैठक लेकर कानूनी तरीके से जलाशय निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर किया जाएगा. जहां देशभर में लोकसभा चुनाव अंतिम चरम में है, वहीं लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए गांव-गांव में घूमकर प्रचार कर रहे वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर गांव वालों को समझाइश जा रही है.

बालाघाट। परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या सुलझाने का कलेक्टर ने भरोसा दिया है. जिसके बाद मतदान बहिष्कार की चेतावनी दे रहे ग्रामीणों ने एक बार फिर से मतदान करने का फैसला लिया है.

परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र बीते 35 सालों से पानी की समस्या से जूझ रहा है. जिसके चलते क्षेत्र के परेशान लोगों ने लोकसभा चुनाव 2019 के बहिष्कार का ऐलान किया था. आक्रोशित ग्रामीणों ने चुनाव प्रचार-प्रसार में लगे वाहनों पर प्रतिबंध लगाते हुए राजनैतिक प्रचार पर रोक लगा दी थी. लोगों ने काले कपड़ों पर बैनर लिखकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया था.

ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का किया फैसला

ग्रामीणों की समस्या की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद चुनाव आयोग के जिले के पर्यवेक्षक और जिला कलेक्टर अपने दल-बल के साथ गांव का दौरा करने पहुंचे और ग्रामीणों की समस्या सुनी. साथ ही जल्द निराकरण करने का आश्वासन भी दिया. जिसके बाद गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने की जिद छोड़कर मतदान करने का शपथ ली है. कलेक्टर के आश्वासन के बाद गांव में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार को लेकर बैनर-पोस्टर भी लगा दिए गए हैं.

बुढ़िया गांव और टाकाबर्रा गांव के लोगों ने संयुक्त बैठक ली गई. आचार संहिता समाप्त होने के बाद जलाशय का अपूर्ण कार्य के संदर्भ में 5 मई को जिला कार्यालय में बैठक लेकर कानूनी तरीके से जलाशय निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर किया जाएगा. जहां देशभर में लोकसभा चुनाव अंतिम चरम में है, वहीं लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए गांव-गांव में घूमकर प्रचार कर रहे वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर गांव वालों को समझाइश जा रही है.

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