अशोकनगर। जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में उपचार के दौरान बच्चे बदलने का मामला सामने आया है. मामला सामने आते ही स्वास्थ्य अमले में हड़कंप मच गया. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ इसे अस्पताल की लापरवाही न बताते हुए निजी मामला बता रहे है. हालांकि बाद में उन्होंने मामले की जांच कराने की बात भी कही है. (Boy got back after strong opposition)
एसएनसीयू वार्ड में भर्ती था बच्चाः मिला जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में शंकर कॉलोनी निवासी वर्षा सेन की डिलिवरी 31 दिसंबर को हुई थी. नवजात की हालत नाजुक थी.इस कारण नवजात बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था. जहां केवल दूध पिलाने के लिए मां को बच्चा मिल पाता था. 2 दिन पहले एसएनसीयू में जब परिजन अपना बच्चा लेने पहुंचे, तो उन्हें बेटे की जगह बेटी थमा दी गई. जिसका विरोध करते हुए परिवार के लोगों ने बेटी लेने से इंकार कर दिया. उनका कहना था कि स्टॉफ के लोगों ने हमें बेटे की जगह बेटी दे दी. (Child was admitted in SNCU ward)
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लड़का वापस मंगाकर परिजनों को सौंपाः एसएनसीयू के कर्मचारियों और अधिकारियों को जब यह जानकारी लगी तो उन्होंने मामले को दबाने का प्रयास करते हुए परिजनों पर दबाव बनाया. लेकिन बाद में एसएनसीयू प्रवंधन ने परिजनों को शाम को उनका बेटा ले जाने की बात कही. बाद में पीड़ित परिजनों से प्रबंधन द्वारा कहा गया कि जिस व्यक्ति को बेटी हुई थी वह बेटे को लेकर अपने गांव संदोह चला गया. इसके बाद अस्पताल से कर्मचारियों ने गांव जाकर बच्चे को वापस मंगवाकर परिजनों को सौंपा. हालांकि बाद में मामला मीडिया तक पहुंचा. जिसमें अब स्वास्थ्य अधिकारी जांच कराने की बात कह रहे हैं. (Boy brought back and handed over to relatives)
गंभीर मामले को निजी बता रहे सीएमएचओः दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. नीरज छारी का कहना है, कि जब महिला का बच्चा बदला था, तो उसे सीएमएचओ या सिविल सर्जन से शिकायत करना थी.जैसे ही हमारे संज्ञान में मामला आया हमने एसएनसीयू प्रभारी से बात की तो उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं होने की बात कही. सीएमएचओ का कहना है कि यह उनका निजी मामला हो सकता है. लेकिन फिर भी हम मामले की जांच कराएंगे. (Cmho telling the serious matter private)