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उपज मंडी में व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, बड़ी संख्या में मंडी पहुंचे किसान

जिले की उपज मंडी में व्यापारी और मंडी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी, जिसके बाद किसानों ने चैन की सांस ली और काफी संख्या में फसल लेकर मंडी पहुंचे.

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Published : Oct 7, 2020, 4:27 PM IST

Traders and mandi employees end their strike, large number of farmers reached mandi
मंडी में व्यापारी और मंडी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल की खत्म, काफी संख्या में मंडी पहुंचे किसान

अशोकनगर। जिले की कृषि उपज मंडी में व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है. जिसके बाद काफी संख्या में किसान आज अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे, जहां फसलों की नीलामी बोली शुरू हो गई.

बता दें कृषि उपज मंडी में व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की हड़ताल के चलते नीलामी 15 दिन से बंद थी. जिसके कारण किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा था, आलम यह था कि किसानों को अपनी फसल के सही दाम नहीं मिल रहे थे. दरअसल मंडी बंद होने के कारण किसानों को अपनी फसल बाहर बेचना पड़ रहा था, लेकिन आज हड़ताल खत्म होने के बाद काफी संख्या में किसान मंडी पहुंचे और अपनी फसलें बेची.

किसानों का कहना है कि मंडी बंद होने के कारण वर्तमान में सोयाबीन का भाव 3,600 से 3,700 चल रहा है, लेकिन जब मंडी बंद थी तो उन्हें मंडी के बाहर फसल बेचना पड़ रहा था. जिसके कारण प्रति कुंटल पर 400 से 500 का नुकसान हो रहा था, किसानों ने बताया कि यही समय है,जब फसलों की कटाई, बुआई के पैसे देना पड़ते हैं. हालांकि मंडी खुलने से किसान अगली फसल लगाने की तैयारी कर सकते हैं.

वहीं हड़ताल पर गए व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की मांगों को स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है. जिसके बाद उन्होंने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी, और फिर से मंडी सुचारू रूप से शुरू हो गई.

अशोकनगर। जिले की कृषि उपज मंडी में व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है. जिसके बाद काफी संख्या में किसान आज अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे, जहां फसलों की नीलामी बोली शुरू हो गई.

बता दें कृषि उपज मंडी में व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की हड़ताल के चलते नीलामी 15 दिन से बंद थी. जिसके कारण किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा था, आलम यह था कि किसानों को अपनी फसल के सही दाम नहीं मिल रहे थे. दरअसल मंडी बंद होने के कारण किसानों को अपनी फसल बाहर बेचना पड़ रहा था, लेकिन आज हड़ताल खत्म होने के बाद काफी संख्या में किसान मंडी पहुंचे और अपनी फसलें बेची.

किसानों का कहना है कि मंडी बंद होने के कारण वर्तमान में सोयाबीन का भाव 3,600 से 3,700 चल रहा है, लेकिन जब मंडी बंद थी तो उन्हें मंडी के बाहर फसल बेचना पड़ रहा था. जिसके कारण प्रति कुंटल पर 400 से 500 का नुकसान हो रहा था, किसानों ने बताया कि यही समय है,जब फसलों की कटाई, बुआई के पैसे देना पड़ते हैं. हालांकि मंडी खुलने से किसान अगली फसल लगाने की तैयारी कर सकते हैं.

वहीं हड़ताल पर गए व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की मांगों को स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है. जिसके बाद उन्होंने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी, और फिर से मंडी सुचारू रूप से शुरू हो गई.

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