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अशोकनगर जिला अस्पताल में नहीं है पावर बैकअप, बिजली जाने पर मोबाइल की रोशनी में होता है इलाज

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Published : Mar 1, 2020, 9:05 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 9:39 PM IST

अशोकनगर जिला अस्पताल में लाइट जाने से मरीज और उनके परिजनों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता. अस्पताल में लाइट जाने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते नर्स और स्टाफ को मोबाइल की रोशनी में सारे काम करने पड़ते हैं.

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लाइट जाने पर नहीं हैं कोई वैकल्पिक व्यवस्था

अशोकनगर। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में लाइट जाने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रामा सेंटर में ही प्रसूति बार्ड सहित ओटी सेंटर बना हुआ है. जिनमे लाइट जाने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. नर्स और स्टाफ को मोबाइल की रोशनी में सारे काम करना पड़ते हैं. जिससे कभी भी अंधेरे में कोई भी गलती किसी मरीज का जान तक ले सकती है.

लाइट जाने पर नहीं हैं कोई वैकल्पिक व्यवस्था

सबसे ज्यादा परेशानी नवजात बच्चों ओर महिलाओं को हो रही है. अपने परिजन का इलाज करवाने आई शबनम बानो का कहना है कि, हम रात में सिस्टर को ढूंढ रहे थे, लेकिन लाइट जाने की बजह से कुछ भी दिखाई नही दे रहा था.

इस मामले में सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा का कहना है कि, 'अस्पताल में जनरेटर को चलाने वाला कहीं चला गया था, इसलिए परेशानी हुई. हमने उसको लाइट जाने पर बुलाया, जब तक वो आया तब तक लाइट भी आ गई थी'

मामले की जानकारी कलेक्टर मंजू शर्मा को लगी, तो वो जिला अस्पताल पहुंची. जहां मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर ने कहा कि, उन्हें जिला अस्पताल में काफी अव्यवस्थाएं देखने को मिली हैं. कलेक्टर ने कहा कि, सिविल सर्जन की बातें बहाने जैसी लगती हैं, जो क्षमा योग्य नहीं है. इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

अशोकनगर। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में लाइट जाने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रामा सेंटर में ही प्रसूति बार्ड सहित ओटी सेंटर बना हुआ है. जिनमे लाइट जाने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. नर्स और स्टाफ को मोबाइल की रोशनी में सारे काम करना पड़ते हैं. जिससे कभी भी अंधेरे में कोई भी गलती किसी मरीज का जान तक ले सकती है.

लाइट जाने पर नहीं हैं कोई वैकल्पिक व्यवस्था

सबसे ज्यादा परेशानी नवजात बच्चों ओर महिलाओं को हो रही है. अपने परिजन का इलाज करवाने आई शबनम बानो का कहना है कि, हम रात में सिस्टर को ढूंढ रहे थे, लेकिन लाइट जाने की बजह से कुछ भी दिखाई नही दे रहा था.

इस मामले में सिविल सर्जन हिमांशु शर्मा का कहना है कि, 'अस्पताल में जनरेटर को चलाने वाला कहीं चला गया था, इसलिए परेशानी हुई. हमने उसको लाइट जाने पर बुलाया, जब तक वो आया तब तक लाइट भी आ गई थी'

मामले की जानकारी कलेक्टर मंजू शर्मा को लगी, तो वो जिला अस्पताल पहुंची. जहां मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर ने कहा कि, उन्हें जिला अस्पताल में काफी अव्यवस्थाएं देखने को मिली हैं. कलेक्टर ने कहा कि, सिविल सर्जन की बातें बहाने जैसी लगती हैं, जो क्षमा योग्य नहीं है. इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Mar 1, 2020, 9:39 PM IST
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