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अशोकनगर नगर पालिका वार्डों का हुआ आरक्षण, 13 वार्ड हुए अनारक्षित - वार्डों का आरक्षण

अशोकनगर नगर पालिका में आगामी चुनाव को देखते हुए वार्डों का आरक्षण किया गया, ये कार्य कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर अभय वर्मा की मौजूदगी में किया गया. इस दौरान जिले के 13 वार्डों को अनारक्षित किया गया है.

Collectorate hall
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष
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Published : Jul 29, 2020, 4:20 PM IST

अशोकनगर। नगर पालिका में आने वाले आगामी चुनाव को देखते हुए वार्डों का आरक्षण किया गया है. जो जिले में परिसीमन के कारण नगर पालिका के आरक्षण का कार्य रुका हुआ था. उसे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर अभय वर्मा की मौजूदगी में संपन्न किया गया है. इस प्रक्रिया में नगर पालिका परिषद पर महिला अध्यक्ष का कब्जा रहा है. इसके साथ ही 11 वार्डों में भी महिलाएं पार्षद रही हैं, लेकिन आरक्षण प्रक्रिया में केवल पुरुष की मौजूदगी राजनीति की धुरी पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है. इस दौरान कोई महिला पार्षद उपस्थित नहीं थी.

13 वार्ड हुए अनारक्षित

आरक्षण प्रक्रिया के बाद 13 वार्ड अनारक्षित किए गए हैं, जिसमें सामान्य वर्ग के लोग भी चुनाव लड़ सकेंगे. वहीं कुछ वार्ड महिला वर्ग के लिए आरक्षित थे, जिसे भी अनारक्षित कर दिया गया है.

पिछड़ा वर्ग के लिए 6 वार्ड हुए आरक्षित

शहर के 22 वार्डों में से 6 वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं. इन छह वार्डों में से तीन वार्ड महिलाओं के लिए है, जबकि वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए अनारक्षित रहेंगे, यानी इन वार्डों में पिछड़ा वर्ग के पुरुष के साथ महिलाएं भी चुनाव लड़ सकेंगी.

अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए वार्ड आरक्षित नहीं

बता दें कि आरक्षण जनगणना 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया गया है. शहर की कुल जनसंख्या उस समय 81,828 थी, इसी आधार पर 22 वार्डों में जनसंख्या को विभाजित किया गया. इस दौरान अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या नगर पालिका क्षेत्र में एक हजार 63 है, जो अनुपात के आधार पर 1.30 फीसदी है. इसलिए नियमानुसार अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए कोई वार्ड आरक्षित नहीं किया गया है.

अशोकनगर। नगर पालिका में आने वाले आगामी चुनाव को देखते हुए वार्डों का आरक्षण किया गया है. जो जिले में परिसीमन के कारण नगर पालिका के आरक्षण का कार्य रुका हुआ था. उसे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर अभय वर्मा की मौजूदगी में संपन्न किया गया है. इस प्रक्रिया में नगर पालिका परिषद पर महिला अध्यक्ष का कब्जा रहा है. इसके साथ ही 11 वार्डों में भी महिलाएं पार्षद रही हैं, लेकिन आरक्षण प्रक्रिया में केवल पुरुष की मौजूदगी राजनीति की धुरी पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है. इस दौरान कोई महिला पार्षद उपस्थित नहीं थी.

13 वार्ड हुए अनारक्षित

आरक्षण प्रक्रिया के बाद 13 वार्ड अनारक्षित किए गए हैं, जिसमें सामान्य वर्ग के लोग भी चुनाव लड़ सकेंगे. वहीं कुछ वार्ड महिला वर्ग के लिए आरक्षित थे, जिसे भी अनारक्षित कर दिया गया है.

पिछड़ा वर्ग के लिए 6 वार्ड हुए आरक्षित

शहर के 22 वार्डों में से 6 वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं. इन छह वार्डों में से तीन वार्ड महिलाओं के लिए है, जबकि वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए अनारक्षित रहेंगे, यानी इन वार्डों में पिछड़ा वर्ग के पुरुष के साथ महिलाएं भी चुनाव लड़ सकेंगी.

अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए वार्ड आरक्षित नहीं

बता दें कि आरक्षण जनगणना 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया गया है. शहर की कुल जनसंख्या उस समय 81,828 थी, इसी आधार पर 22 वार्डों में जनसंख्या को विभाजित किया गया. इस दौरान अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या नगर पालिका क्षेत्र में एक हजार 63 है, जो अनुपात के आधार पर 1.30 फीसदी है. इसलिए नियमानुसार अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए कोई वार्ड आरक्षित नहीं किया गया है.

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