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चंदेरी हस्तशिल्प को नई पहचान दिलाने के लिए आगे आईं राज्यपाल, बुनकरों से मिलीं आनंदीबेन पटेल

चंदेरी हस्तशिल्प को अब नई पहचान दिलाने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आगे आई हैं. चंदेरी पहुंचकर उन्होंने कई बुनकरों से मुलाकात की.

बुनकारों से बात करती आनंदीबेन पटेल
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Published : May 2, 2019, 3:36 PM IST

अशोकनगर। चंदेरी हस्तशिल्प को अब नई पहचान दिलाने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आगे आई हैं. बुधवार को राज्यपाल चंदेरी पहुंचीं. उनके साथ अहमदाबाद में क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए काम रही रही एनजीओ की महिला सदस्य भी मौजूद रहीं. जहां उन्होंने 6 से 7 बुनकरों के यहां जाकर कई तरह की चंदेरी साड़ी, सूट, दुपट्टा सहित अन्य शिल्पकला की डिजाइन देखी. जिन्हें अब एनजीओ अपने स्तर पर प्रमोशन कर नया प्लेटफॉर्म दिलाएगी.


एनजीओ हस्तशिल्प के क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को सीधे बाजार में ग्राहकों से जोड़ने के लिए काम कर रही है. प्रमोशन के बाद डिमांड आने पर सीधे बुनकरों को बाजार से जोड़ने के लिए अपनी संस्था के माध्यम से मार्केट में आएगी. इसके लिए एनजीओ सर्वे करने के अलावा चंदेरी हस्तशिल्प की प्रदर्शनियां भी लगवाएगी.

बुनकारों से बात करती आनंदीबेन पटेल


चंदेरी हस्तशिल्प उद्योग के बाजार में सीधे जुड़े नहीं होने के कारण उन्हें अपनी मेहनत के हिसाब से फायदा नहीं मिलता. बाजार में जुडने से बिचौलियों को मिलने वाला फायदा भी उन्हें मिलेगा. साथ ही बाजार में बिकने वाले नकली चंदेरी कपड़ों के बजाय असली चंदेरी लोगों तक पहुंचेगा.


एनजीओ की महिला सदस्याएं पहले ही चंदेरी पहुंच गई थीं. इसके बाद करीब 9.15 बजे हेलीकॉप्टर से राज्यपाल चंदेरी पहुंचीं. चंदेरी पहुंचने के बाद करीब 2.15 बजे तक वे 6 बुनकरों के निवास पर गईं.

अशोकनगर। चंदेरी हस्तशिल्प को अब नई पहचान दिलाने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आगे आई हैं. बुधवार को राज्यपाल चंदेरी पहुंचीं. उनके साथ अहमदाबाद में क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए काम रही रही एनजीओ की महिला सदस्य भी मौजूद रहीं. जहां उन्होंने 6 से 7 बुनकरों के यहां जाकर कई तरह की चंदेरी साड़ी, सूट, दुपट्टा सहित अन्य शिल्पकला की डिजाइन देखी. जिन्हें अब एनजीओ अपने स्तर पर प्रमोशन कर नया प्लेटफॉर्म दिलाएगी.


एनजीओ हस्तशिल्प के क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को सीधे बाजार में ग्राहकों से जोड़ने के लिए काम कर रही है. प्रमोशन के बाद डिमांड आने पर सीधे बुनकरों को बाजार से जोड़ने के लिए अपनी संस्था के माध्यम से मार्केट में आएगी. इसके लिए एनजीओ सर्वे करने के अलावा चंदेरी हस्तशिल्प की प्रदर्शनियां भी लगवाएगी.

बुनकारों से बात करती आनंदीबेन पटेल


चंदेरी हस्तशिल्प उद्योग के बाजार में सीधे जुड़े नहीं होने के कारण उन्हें अपनी मेहनत के हिसाब से फायदा नहीं मिलता. बाजार में जुडने से बिचौलियों को मिलने वाला फायदा भी उन्हें मिलेगा. साथ ही बाजार में बिकने वाले नकली चंदेरी कपड़ों के बजाय असली चंदेरी लोगों तक पहुंचेगा.


एनजीओ की महिला सदस्याएं पहले ही चंदेरी पहुंच गई थीं. इसके बाद करीब 9.15 बजे हेलीकॉप्टर से राज्यपाल चंदेरी पहुंचीं. चंदेरी पहुंचने के बाद करीब 2.15 बजे तक वे 6 बुनकरों के निवास पर गईं.

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