अशोकनगर। कोरोना महामारी के चलते जिले के लोगों में अभी दहशत बनी हुई है लेकिन चंदेरी तहसील में फिल्म शूटिंग के लिए कलेक्टर ने लुधियाना की एक इंडस्ट्रीज को शूटिंग की परमिशन दे दी है. इसके बाद चंदेरी के लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली है.
कलेक्टर ने दी शूटिंग की अनुमति
जिले में प्रशासन के एक आदेश ने खुद जिला कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. एक ओर जनता की सुरक्षा का हवाला देते हुए कोरोना कर्फ्यू की सख्ती तो वहीं दूसरी ओर वेब सीरीज की शुटिंग की अनुमति. बहरहाल इसके पीछे कारण कुछ भी रहा हो लेकिन इस अनुमति के बाद सोशल मीडिया पर जनता भी प्रशासन की जमकर आलोचना कर रही है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पत्र
अशोकनगर जिले में कोरोना कर्फ्यू को 17 मई तक बढ़ाया गया था लेकिन जिले की चंदेरी तहसील में 17 के अगले दिन से एक वेब सीरीज की शूटिंग की अनुमति दे दी गई है. इस अनुमति का आदेश पत्र जहां सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, वहीं इस पर लोग प्रशासन को आड़े हाथों भी ले रहे हैं. इस फैसले से जनता के बीच प्रशासन की छवि बिगड़ गई है. वहीं आक्रोशित लोगों का कहना है कि क्या नियम-कायदे सिर्फ आम जनता के लिए हैं.
चंदेरी में हुई है कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग
चंदेरी फिल्म इंडस्ट्री के नाम से भी जानी जा रही है. यहां स्त्री, सुई-धागा और कलंक जैसी कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. इसके अलावा यहां कुछ फिल्में के आंशिक भाग भी शूट हुए हैं. हालांकि उस दौर में कोरोना महामारी का प्रकोप नहीं था. अब जब इस कोरोना महामारी का दूसरा चरण इतने भयावह रूप से आया, तब से जिले सहित चंदेरी नगरी में भी कोरोना कर्फ्यू लगाया जा चुका है. इसके मद्देनजर पुलिस और प्रशासन लगातार सख्ती कायम रखी हुई है. काफी हद तक जनता ने इसका पालन भी किया है, लेकिन अब प्रशासन के आदेश का पालन करने वाली जनता आक्रोशित है.
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प्रशासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश
चंदेरी में प्रशासन ने एक वेब सीरीज अजमेर की शूटिंग की अनुमति दे दी है, जिसे लेकर जनता के बीच प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है. जनता की माने तो जब शादियों की अनुमति नहीं है, दुकानें खोलने पर डंडे, जुर्माना जैसी सजा दी जा रही है तो ऐसे में वेबी सीरीज की शूटिंग को अनुमति क्यों दी गई. चेंदरी वासियों का कहना है कि शूटिंग में सैकड़ों लोग आएंगे. संक्रमण के दौर में इस तरह लोगों का आना महामारी को बढ़ावा देना है. यह उचित नहीं है. प्रशासन जनता के साथ भेदभाव कर रहा है.