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केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किया हवाई सर्वे, बाढ़ प्रभावित इलाकों की जानी स्थिति, अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा-निर्देश

2 दिन पहले अशोकनगर जिले में आई बाढ़ का हवाई सर्वे करने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे. इस दौरान उन्होंने हेलीकॉप्टर से पूरे जिले का मुआयना किया. बाद में अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

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केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किया हवाई सर्वे
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Published : Aug 8, 2021, 4:37 PM IST

Updated : Aug 8, 2021, 4:55 PM IST

अशोकनगर। श्योपुर, गुना और अशोकनगर में बाढ़ से काफी तबाही मची. हजारों लोग बेघर हो गए, कई लोग तेज बहाव में बह गए. इस बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करने निकले. हेलीकॉप्टर से उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति जानी. सर्वे के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अशोकनगर के नेहरू महाविद्यालय पर बने हेलीपैड पर उतरे. जहां उन्होंने महाविद्यालय में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में बाढ़ से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई. इस दौरान मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, बृजेंद्र सिंह यादव, क्षेत्रीय विधायक जजपाल सिंह जज्जी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किया हवाई सर्वे

संभाग स्तर पर बनेंगे मॉनिटरिंग सेंटर

हवाई सर्वे के बाद सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें ये तय किया गया है कि संभाग स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेंटर बनाया जाएगा और तीन चरणों में गुना, अशोकनगर, श्योपुर सहित पूरे ग्वालियर संभाग में बाढ़ से हुए नुकसान पर राहत कार्य शुरू होगा. मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि 50-60 वर्षों में ऐसी बारिश पहले कभी नहीं हुई है. श्योपुर, गुना और अशोकनगर में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगेंगे स्वास्थ्य शिविर

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि बाढ़ के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत महामारी की संभावना को लेकर रहती है. इसलिए किसी भी तरह के स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए पहले से तैयारी की जाएगी. जो भी गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. वहां स्वास्थ्य केंद्र लगाए जाएंगे ताकि महामारी न फैल पाए.

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फसलों के सर्वे कराने के निर्देश

पूरे संभाग के लिए एक डिजास्टर प्लान तैयार किया गया है. जिसे तीन भागों में बांटा जाएगा. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि जितने भी नदी, तालाब और दूसरे जल स्रोत हैं, उनके जलस्तर को हर 2 घंटे में मापने और मौसम का पूर्वानुमान एक डैश बोर्ड पर हर जिले और ग्वालियर संभाग में होगा. इस आधार पर संभावित खतरे पर पहले से तैयारियां की जा सकेंगी. बाढ़ के कारण भारी मात्रा में सोयाबीन और दूसरी फसलों को नुकसान हुआ है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने निर्देश दिया कि परिस्थितियों के सामान्य होते ही इसका सर्वे किया जाए, राज्य और केंद्र दोनों से संयुक्त मदद के लिए प्लान तैयार किया जाए.

बचाव कार्य को सराहा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि उन्होंने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा कर मदद मांगी थी. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सबसे पहले 7 हेलीकॉप्टर की मांग की थी, जो खराब मौसम के कारण काम नहीं कर पाए. इसके अलावा आर्मी फोर्स एवं NDRF-SDRF की टीम को तत्काल बचाव कार्य पर लगाया गया. सिंधिया ने सभी के कार्य की जमकर सराहना की.

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सिंधिया ने आकंड़े भी किए जारी

बैठक के बाद मीडिया के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तैयारी के साथ आए. उनका कहना था कि इस बार जो बारिश हुई है वह लगभग पिछली 8 अगस्त की तुलना में 160% ज्यादा हुई. करीब 55 हजार लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए. सभी तरह के प्रयासों से लगभग 29 हजार लोगों की जान बचाई गई है. इस दौरान 2 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, 15 से 20 पशुओं के बह जाने की सूचना है. जबकि 500 से ज्यादा मकान ढह जाने की जानकारी मिली है.

अशोकनगर। श्योपुर, गुना और अशोकनगर में बाढ़ से काफी तबाही मची. हजारों लोग बेघर हो गए, कई लोग तेज बहाव में बह गए. इस बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करने निकले. हेलीकॉप्टर से उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति जानी. सर्वे के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अशोकनगर के नेहरू महाविद्यालय पर बने हेलीपैड पर उतरे. जहां उन्होंने महाविद्यालय में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में बाढ़ से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई. इस दौरान मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, बृजेंद्र सिंह यादव, क्षेत्रीय विधायक जजपाल सिंह जज्जी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किया हवाई सर्वे

संभाग स्तर पर बनेंगे मॉनिटरिंग सेंटर

हवाई सर्वे के बाद सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें ये तय किया गया है कि संभाग स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेंटर बनाया जाएगा और तीन चरणों में गुना, अशोकनगर, श्योपुर सहित पूरे ग्वालियर संभाग में बाढ़ से हुए नुकसान पर राहत कार्य शुरू होगा. मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि 50-60 वर्षों में ऐसी बारिश पहले कभी नहीं हुई है. श्योपुर, गुना और अशोकनगर में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगेंगे स्वास्थ्य शिविर

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि बाढ़ के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत महामारी की संभावना को लेकर रहती है. इसलिए किसी भी तरह के स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए पहले से तैयारी की जाएगी. जो भी गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. वहां स्वास्थ्य केंद्र लगाए जाएंगे ताकि महामारी न फैल पाए.

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फसलों के सर्वे कराने के निर्देश

पूरे संभाग के लिए एक डिजास्टर प्लान तैयार किया गया है. जिसे तीन भागों में बांटा जाएगा. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि जितने भी नदी, तालाब और दूसरे जल स्रोत हैं, उनके जलस्तर को हर 2 घंटे में मापने और मौसम का पूर्वानुमान एक डैश बोर्ड पर हर जिले और ग्वालियर संभाग में होगा. इस आधार पर संभावित खतरे पर पहले से तैयारियां की जा सकेंगी. बाढ़ के कारण भारी मात्रा में सोयाबीन और दूसरी फसलों को नुकसान हुआ है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने निर्देश दिया कि परिस्थितियों के सामान्य होते ही इसका सर्वे किया जाए, राज्य और केंद्र दोनों से संयुक्त मदद के लिए प्लान तैयार किया जाए.

बचाव कार्य को सराहा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि उन्होंने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा कर मदद मांगी थी. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सबसे पहले 7 हेलीकॉप्टर की मांग की थी, जो खराब मौसम के कारण काम नहीं कर पाए. इसके अलावा आर्मी फोर्स एवं NDRF-SDRF की टीम को तत्काल बचाव कार्य पर लगाया गया. सिंधिया ने सभी के कार्य की जमकर सराहना की.

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सिंधिया ने आकंड़े भी किए जारी

बैठक के बाद मीडिया के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तैयारी के साथ आए. उनका कहना था कि इस बार जो बारिश हुई है वह लगभग पिछली 8 अगस्त की तुलना में 160% ज्यादा हुई. करीब 55 हजार लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए. सभी तरह के प्रयासों से लगभग 29 हजार लोगों की जान बचाई गई है. इस दौरान 2 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, 15 से 20 पशुओं के बह जाने की सूचना है. जबकि 500 से ज्यादा मकान ढह जाने की जानकारी मिली है.

Last Updated : Aug 8, 2021, 4:55 PM IST
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