अनूपपुर। जनपद पंचायत बदरा की ग्राम पंचायत देवगवां निवासी दिवाकर चौधरी बचपन से ही नेत्रहीन है. दिवाकर के माता-पिता ने बताया कि हम अपने बच्चे को अपने ही गांव के स्कूल में नाम लिखवाने गए थे. लेकिन वहां के प्राचार्य ने बताया गया कि हम इस नेत्रहीन बालक को अपने विद्यालय में नहीं पढ़ा सकते. इसके लिए इसे आप नेत्रहीन स्कूल में ले जाए. हमारे इस विद्यालय में इस प्रकार के बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है.
- गरीबी का दंश झेल रहा दिवाकर का परिवार
ग्राम पंचायत देवगवां के निवासी दिवाकर के पिता दयाशंकर चौधरी ने बताया कि, मैं रोजाना काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं. मेरे पास इतना पैसे नहीं है कि मैं अपने बच्चे को बाहर के स्कूल में पढ़ा सकूं.
- शासन से नहीं मिला आज तक कोई लाभ
दिवाकर के पिता ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव को सब जानकारी है, लेकिन आज तक दिवाकर को किसी भी प्रकार का कोई आर्थिक मदद या महीने का पेंशन नहीं दिया गया, और ना ही मुझे किसी प्रकार का जानकारी दी गई कि मैं अपने बालक को कहीं जाकर नेत्रहीन स्कूल में पढ़ा सकूं.
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- दिवाकर ने प्रदेश के मुखिया से लगाई गुहार
नेत्रहीन बालक दिवाकर चौधरी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि मुझे आगे पढ़ाई करना है. इसलिए मामा जी से मेरा निवेदन है कि मेरा सहयोग करें, ताकि मैं पढ़ लिख कर अपने गांव और प्रदेश का नाम रोशन करु और अपने पैरों पर खड़ा हो सकूं.