जबलपुर/अनूपपुर। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू होने के बावजूद जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. प्रदेश सरकार ने 22 साल पहले जनसंख्या नियंत्रण की नीति लागू की है, यहां तक कि राज्य स्तर और जिला स्तर पर भी कमेटियां गठित की गईं, लेकिन इस पर ईमानदारी से अमल नहीं हो रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि मध्यप्रदेश में संसाधन सीमित हैं और जनसंख्या अनियंत्रित हो गई है. जिसकी वजह से आने वाले समय में सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
मुख्य सचिव और तीन विभागों को नोटिस : याचिका में कहा गया है कि सभी कमेटियां फाइलों में ही चल रही हैं. याचिका में जनसंख्या नियंत्रण के लिए गठित कमेटियों की बैठक न होने पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. याचिका की सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, विधि विधायी विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस कर 4 सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं.
अनूपपुर में अपहरण व रेप में उम्रकैद : अनूपपुर विशेष न्यायाधीश अनूपपुर की न्यायालय ने रेप व अपहरण के मामले में 23 वर्षीय छोटू बंजारा पुत्र लल्ला सिंह बंजारा निवासी ग्राम नौगवां को आजीवन कारावास व जुर्माने को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपी 32 वर्षीय शंकर सिंह मार्को पुत्र खज्जू सिंह मार्को निवासी ग्राम बिजौरा को 5 वर्ष सश्रम कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है.
पीड़िता को 4 लाख देने के आदेश : जिला न्यायालय ने पीड़िता को को बतौर प्रतिकर चार लाख रुपये दिलाए जाने का भी आदेश दिया है. पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नारेन्द्रादास महरा ने की. जिला अभियोजन अधिकारी हेमन्त अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि 05 जनवरी 2019 को पीडिता ने थाना राजेन्द्रग्राम में लिखित आवेदन देते हुए बताया कि छोटू बंजारा निवासी नौगवां द्वारा उसके साथ रेप किया और जान से मारने की धमकी दी. वह घटना से चार दिन पहले अपनी बीमारी के इलाज के लिये राजेन्द्रग्राम अस्पताल आई थी.
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दो रात रोके रहा घटनास्थल पर : पीड़िता ने शिकायत में बताया कि वह वापस जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रही थी. उसी समय छोटू बंजारा आया और धमकाकर ग्राम बिजौरा शंकर सिंह के घर में ले गया. वहां दो रात मेरे साथ जबरन गलत काम किया. दूसरे दिन उसने कहा कि अब चली जाओ. लेकिन रिपोर्ट नहीं करना. नहीं तो तुम्हारे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा. उसने घर वापस आकर घटना की जानकारी माता-पिता को दी. इसके बाद केस दर्ज कराया.