ETV Bharat / state

MP High Court भोपाल गैस त्रासदी मामले में ICMR के डिप्टी डायरेक्टर ने रखा पक्ष, अगली सुनवाई 5 दिसंबर को - धर्मांतरण के आरोपी की जमानत पर निर्णय

भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas tragedy) के संबंध में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान जस्टिस शील नागू व जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ के समक्ष इंडियन काउसिंल ऑफ मेडिकल रिर्सच (आईसीएमआर) के डिप्टी डायरेक्टर वर्चुअल रूप से (ICMR deputy director present MP High Court) उपस्थित हुए. उन्होंने युगलपीठ को बताया कि आवश्यकता के अनुसार डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्तियों के लिए आईसीएमआर ने केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण को दो पत्र लिखे हैं. युगलपीठ ने अगली सुनवाई 5 दिसंबर को निर्धारित (Next hearing on December5) करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण के सचिव तथा आईसीएमआर के डिप्टी डायरेक्टर को वर्चुअल रूप से उपस्थित रहने के आदेश जारी किये हैं.

MP High Court
भोपाल गैस त्रासदी मामले में ICMR के डिप्टी डायरेक्टर ने रखा पक्ष
author img

By

Published : Nov 30, 2022, 6:28 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 7:04 PM IST

जबलपुर/अनूपपुर/कटनी/दमोह । सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किये थे. इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किये थे. मॉनिटरिंग कमेटी को प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने तथा रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश थे. इसके बाद उक्त याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही है. याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंषाओं का परिपालन नहीं किये जाने के खिलाफ भी अवमानना याचिका दायर की गयी थी.

अवमानना याचिका में ये बातें कहीं : अवमानना याचिका में कहा गया था कि गैस त्रासदी के पीड़ित व्यक्तियों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने हैं. अस्पतालों में अवश्यकता के अनुसार उपकरण व दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. बीएमएचआरसी के भर्ती नियम का निर्धारण नहीं होने के कारण डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ स्थाई तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं. अवमानना याचिका में केंद्रीय परिवार कल्याण विभाग के सचिव रंजन भूषण, केंद्रीय रसायन व उर्वरक विभाग के सचिव आरती आहूजा, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, भोपाल गैस त्रासदी सहायत एव पुनर्वास विभाग के सचिव मोहम्मद सुलेमान, आईसीएमआर के वरिष्ट डिप्टी डायरेक्टर आर राम तथा बीएमएसआरसी के संचालक डॉ. प्रभा तथा एनआईआरई के संचालक राजनारायण तिवारी को अनावेदक बनाया गया था.

हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में नाराजगी जताई थी : पिछली सुनवाई के दौरान बीएमएचआरसी में डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति के संबंध में पारित आदेश का परिपालन नहीं होने पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की थी. युगलपीठ ने आईसीएमआर के चेयरमैन आर राम कृष्णन को वर्जुअर रूप से उपस्थित रहने के आदेश दिये थे. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान उन्होने उक्त जानकारी युगलपीठ को देते हुए हलफनामा भी पेश किया. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता काशी पटेल ने पैरवी की.

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देष

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने प्रदेश के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किये हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में बाल अपराधों के लिये गठित अदालतों में आरोपी या पीड़ित बच्चों के लिये दोस्ताना माहौल सहित 15 बिंदुओं का निर्धारण करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनका परिपालन सुनिश्चित करने के लिए देश के सभी हाईकोर्ट को निर्देश जारी किये थे. इसके अलावा प्रदेश में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में जज के पद रिक्त होने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि जज की नियुक्ति नहीं होने के कारण लम्बे समय तक प्रकरण लंबित रहते हैं.

स्वमेव जनहित याचिका पर सुनवाई : एक अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी प्रदेश के उच्च न्यायालयों को स्वमेव जनहित याचिका दायर करके मामले की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए थे. इसी परिप्रेक्ष्य में हाईकोर्ट ने यह जनहित याचिका दर्ज की थी. याचिका में मप्र सरकार के मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली के सचिव, महिला सशक्तिकरण विभाग भोपाल के आयुक्त, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली, मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग, मप्र पुलिस अकादमी, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पक्षकार बनाया गया है. युगलपीठ ने बुधवार को दोनों याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई की. याचिका पर अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता राजीव नयन मिश्रा ने पैरवी की.

दमोह धर्मांतरण के आरोपी की जमानत पर निर्णय सुरक्षित : दमोह में मिशनरी के बाल गृहों में धर्मांतरण के आरोपी डॉ.अजय लाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के साथ ही निर्णय सुरक्षित कर लिया है. न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य शासन की ओर से डॉ.अजय लाल को अग्रिम जमानत देने का विरोध किया गया. बता दें कि 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह में मिशनरी द्वारा संचालित बाल गृहों का दौरा किया था. निरीक्षण के बाद उन्होंने आधारशिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के सदस्य डॉ.अजय लाल सहित 10 लोगों के विरुद्ध धर्मांतरण की एफआइआर दर्ज करवाई थी.

Life imprisonment in rape case of minor in Anuppur
अनूपपुर में नाबालिग से रेप मामले में आजीवन कारावास

अनूपपुर में नाबालिग से रेप मामले में आजीवन कारावास : अनूपपुर विशेष न्यायाधीश ने रेप व पॉक्सो एक्ट के आरोपी 27 वर्षीय अमित सेन पुत्र रामबली सेन निवासी ग्राम रामपुर थाना गोहपारू जिला शहडोल को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई हैं. पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने की. जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि कक्षा 9वीं में पढ़ रही पीड़िता पैसे निकालने सेन्ट्रल बैंक की राजनगर शाखा में पहुंची तो अमित सेन उसे मिला. उसने बातचीत करते हुए पहचान बनाई और शादी करने की बात करते हुए पीड़िता को एक मकान में ले गया और रेप किया. इसके बाद फिर रेप किया. इस मामले में सजा सुनाई गई.

MP High Court बीएमसी के नाम परमिट पर संचालित बसों में टैक्स चोरी पर हाईकोर्ट सख्त, कई अफसरों को नोटिस जारी

हावाला कांड का फरार आरोपी गिरफ्तार : कटनी जिले के चर्चित करोड़ों रुपए का हवाला कांड में वर्षों से फरार चल रहे एक आरोपी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी जबलपुर में एक निजी कंपनी में काम करने लगा था. पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर कटनी लाई और मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया. कोतवाली थाना प्रभारी अजय बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में करोड़ों रुपए का हवाला कांड उजागर हुआ था. उसी मामले में एक्सेस बैंक में फर्जी तरीके खाते खोलने को लेकर बैंक का कर्मचारी मो. यासीन भी शामिल था. जिसे मामले में आरोपी बनाया गया था. घटना के बाद से यासीन फरार था और उसकी तलाश की जा रही थी.

जबलपुर/अनूपपुर/कटनी/दमोह । सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किये थे. इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किये थे. मॉनिटरिंग कमेटी को प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने तथा रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश थे. इसके बाद उक्त याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही है. याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंषाओं का परिपालन नहीं किये जाने के खिलाफ भी अवमानना याचिका दायर की गयी थी.

अवमानना याचिका में ये बातें कहीं : अवमानना याचिका में कहा गया था कि गैस त्रासदी के पीड़ित व्यक्तियों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने हैं. अस्पतालों में अवश्यकता के अनुसार उपकरण व दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. बीएमएचआरसी के भर्ती नियम का निर्धारण नहीं होने के कारण डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ स्थाई तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं. अवमानना याचिका में केंद्रीय परिवार कल्याण विभाग के सचिव रंजन भूषण, केंद्रीय रसायन व उर्वरक विभाग के सचिव आरती आहूजा, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, भोपाल गैस त्रासदी सहायत एव पुनर्वास विभाग के सचिव मोहम्मद सुलेमान, आईसीएमआर के वरिष्ट डिप्टी डायरेक्टर आर राम तथा बीएमएसआरसी के संचालक डॉ. प्रभा तथा एनआईआरई के संचालक राजनारायण तिवारी को अनावेदक बनाया गया था.

हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में नाराजगी जताई थी : पिछली सुनवाई के दौरान बीएमएचआरसी में डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति के संबंध में पारित आदेश का परिपालन नहीं होने पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की थी. युगलपीठ ने आईसीएमआर के चेयरमैन आर राम कृष्णन को वर्जुअर रूप से उपस्थित रहने के आदेश दिये थे. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान उन्होने उक्त जानकारी युगलपीठ को देते हुए हलफनामा भी पेश किया. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता काशी पटेल ने पैरवी की.

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देष

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने प्रदेश के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किये हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में बाल अपराधों के लिये गठित अदालतों में आरोपी या पीड़ित बच्चों के लिये दोस्ताना माहौल सहित 15 बिंदुओं का निर्धारण करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनका परिपालन सुनिश्चित करने के लिए देश के सभी हाईकोर्ट को निर्देश जारी किये थे. इसके अलावा प्रदेश में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में जज के पद रिक्त होने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि जज की नियुक्ति नहीं होने के कारण लम्बे समय तक प्रकरण लंबित रहते हैं.

स्वमेव जनहित याचिका पर सुनवाई : एक अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी प्रदेश के उच्च न्यायालयों को स्वमेव जनहित याचिका दायर करके मामले की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए थे. इसी परिप्रेक्ष्य में हाईकोर्ट ने यह जनहित याचिका दर्ज की थी. याचिका में मप्र सरकार के मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली के सचिव, महिला सशक्तिकरण विभाग भोपाल के आयुक्त, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली, मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग, मप्र पुलिस अकादमी, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पक्षकार बनाया गया है. युगलपीठ ने बुधवार को दोनों याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई की. याचिका पर अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता राजीव नयन मिश्रा ने पैरवी की.

दमोह धर्मांतरण के आरोपी की जमानत पर निर्णय सुरक्षित : दमोह में मिशनरी के बाल गृहों में धर्मांतरण के आरोपी डॉ.अजय लाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के साथ ही निर्णय सुरक्षित कर लिया है. न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य शासन की ओर से डॉ.अजय लाल को अग्रिम जमानत देने का विरोध किया गया. बता दें कि 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह में मिशनरी द्वारा संचालित बाल गृहों का दौरा किया था. निरीक्षण के बाद उन्होंने आधारशिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के सदस्य डॉ.अजय लाल सहित 10 लोगों के विरुद्ध धर्मांतरण की एफआइआर दर्ज करवाई थी.

Life imprisonment in rape case of minor in Anuppur
अनूपपुर में नाबालिग से रेप मामले में आजीवन कारावास

अनूपपुर में नाबालिग से रेप मामले में आजीवन कारावास : अनूपपुर विशेष न्यायाधीश ने रेप व पॉक्सो एक्ट के आरोपी 27 वर्षीय अमित सेन पुत्र रामबली सेन निवासी ग्राम रामपुर थाना गोहपारू जिला शहडोल को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई हैं. पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने की. जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि कक्षा 9वीं में पढ़ रही पीड़िता पैसे निकालने सेन्ट्रल बैंक की राजनगर शाखा में पहुंची तो अमित सेन उसे मिला. उसने बातचीत करते हुए पहचान बनाई और शादी करने की बात करते हुए पीड़िता को एक मकान में ले गया और रेप किया. इसके बाद फिर रेप किया. इस मामले में सजा सुनाई गई.

MP High Court बीएमसी के नाम परमिट पर संचालित बसों में टैक्स चोरी पर हाईकोर्ट सख्त, कई अफसरों को नोटिस जारी

हावाला कांड का फरार आरोपी गिरफ्तार : कटनी जिले के चर्चित करोड़ों रुपए का हवाला कांड में वर्षों से फरार चल रहे एक आरोपी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी जबलपुर में एक निजी कंपनी में काम करने लगा था. पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर कटनी लाई और मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया. कोतवाली थाना प्रभारी अजय बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में करोड़ों रुपए का हवाला कांड उजागर हुआ था. उसी मामले में एक्सेस बैंक में फर्जी तरीके खाते खोलने को लेकर बैंक का कर्मचारी मो. यासीन भी शामिल था. जिसे मामले में आरोपी बनाया गया था. घटना के बाद से यासीन फरार था और उसकी तलाश की जा रही थी.

Last Updated : Nov 30, 2022, 7:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.