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Corruption Case Anuppur MP : अनूपपुर में करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में हाई कोर्ट में सरकार ने पेश की स्टेटस रिपोर्ट

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Published : Jul 28, 2022, 5:58 PM IST

अनूपपुर जिले की आदिवासी बाहुल्य बिजुरी नगर परिषद में करोड़ों का भ्रष्टाचार संबंधी मामले में सरकार ने जांच संबंधित स्टेटस रिपोर्ट जबलपुर हाई कोर्ट में पेश की है. सरकार की तरफ से जांच के लिए आठ सप्ताह का समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. कोर्ट की युगलपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए रेगुलर बेंच के समक्ष सोमवार को प्रस्तुत करने के आदेश जारी किये हैं. (Case of corruption worth crores in Anuppur) (Government put status report in High Court)

Case of corruption worth crores in Anuppur
अनूपपुर बिजुरी में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला

जबलपुर। अनूपपुर जिले की आदिवासी बाहुल्य बिजुरी नगर परिषद में करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बिजुरी निवासी राजेश द्धिवेदी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि बिजुरी नगर परिषद अविकसित है और बहुसंख्यक आबादी आदिवासी है. नगर परिषद बिजुरी द्वारा एवं अन्य अधिकारीयों की संरक्षण में 50 करोड़ रुपये की राशि से अधिक का भ्रष्टाचार होने संबंधित खबरें मीडिया में प्रकाशित हुई थीं.

याचिका में बताईं भ्रष्टाचार की परतें : याचिका में कहा गया है कि इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. नगर परिषद बिजुरी द्वारा नागरिकों को पीने के लिए काला पानी और गुणवत्ता विहीन सड़क, मनमाने तरीके से बिल बनाकर सरकार के खाते से भुगतान जैसे अनेक कार्यों में अनियमितताएं पाई गयी थीं. इतना ही नहीं पूर्व में किये गए ऑडिट रिपोर्ट्स में भी नगर परिषद बिजुरी द्वारा एक बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था.

दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई : याचिका के अनुसार भ्रष्टाचार और आदिवासियों डेवलपमेंट के लिए दिए गए पैसें का दुरुपयोग होते देख इस संबंध में कई बार संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय भोपाल मप्र तथा सह संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय शहडोल एवं आर्थिक अपराध शाखा भोपाल को पत्र लिखे गये. इस पर जांच के आदेश हुए और भ्रष्टाचार के संबंध में जांच प्रतिवेतन भी प्रस्तुत किये गये. इसके बावजूद दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

High Court News: OBC मामले को लेकर लगी सभी 63 याचिकाओं पर 1 अगस्त को होगी सुनवाई

सरकार ने कार्रवाई की जानकारी दी : याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि जांच में कुल 26 व्यक्ति दोषी पाये गये हैं. जिसमें 18 विभागीय लोगों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिये हैं. दोषी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ उनके वरिष्ठ अधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. इसके अलावा तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की गयी है. सरकार की तरफ से बताया गया कि विभागीय जांच जारी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी ने पक्ष रखा. (Case of corruption worth crores in Anuppur) (Government put status report in High Court)

जबलपुर। अनूपपुर जिले की आदिवासी बाहुल्य बिजुरी नगर परिषद में करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बिजुरी निवासी राजेश द्धिवेदी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि बिजुरी नगर परिषद अविकसित है और बहुसंख्यक आबादी आदिवासी है. नगर परिषद बिजुरी द्वारा एवं अन्य अधिकारीयों की संरक्षण में 50 करोड़ रुपये की राशि से अधिक का भ्रष्टाचार होने संबंधित खबरें मीडिया में प्रकाशित हुई थीं.

याचिका में बताईं भ्रष्टाचार की परतें : याचिका में कहा गया है कि इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. नगर परिषद बिजुरी द्वारा नागरिकों को पीने के लिए काला पानी और गुणवत्ता विहीन सड़क, मनमाने तरीके से बिल बनाकर सरकार के खाते से भुगतान जैसे अनेक कार्यों में अनियमितताएं पाई गयी थीं. इतना ही नहीं पूर्व में किये गए ऑडिट रिपोर्ट्स में भी नगर परिषद बिजुरी द्वारा एक बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था.

दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई : याचिका के अनुसार भ्रष्टाचार और आदिवासियों डेवलपमेंट के लिए दिए गए पैसें का दुरुपयोग होते देख इस संबंध में कई बार संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय भोपाल मप्र तथा सह संचालक शहरी प्रशासन और विकास निदेशालय शहडोल एवं आर्थिक अपराध शाखा भोपाल को पत्र लिखे गये. इस पर जांच के आदेश हुए और भ्रष्टाचार के संबंध में जांच प्रतिवेतन भी प्रस्तुत किये गये. इसके बावजूद दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

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सरकार ने कार्रवाई की जानकारी दी : याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि जांच में कुल 26 व्यक्ति दोषी पाये गये हैं. जिसमें 18 विभागीय लोगों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिये हैं. दोषी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ उनके वरिष्ठ अधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. इसके अलावा तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की गयी है. सरकार की तरफ से बताया गया कि विभागीय जांच जारी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी ने पक्ष रखा. (Case of corruption worth crores in Anuppur) (Government put status report in High Court)

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