अलीराजपुर। जो सफर की तैयारी करते हैं, वही मंजिल को पार करते हैं. बस एक बार चलने का हौसला तो रखिए, ऐसे मुसाफिरों का रास्ते भी इंतजार करते हैं... इस लाइन को चरितार्थ किया है मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के जोबट की मुस्लिम समुदाय से आने वाली बॉक्सर खिलाड़ी शाहीन मकरानी ने. जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी की परवाह नहीं की. शाहीन ने अपने बुलंद हौसले और जज्बे से सपना पूरा किया और बॉक्सर खिलाड़ी बन गईं.
किसी के रूके से न रूकी शाहीन
बॉक्सर खिलाड़ी शाहीन ने बताया कि कक्षा 8वीं में उसने एक लड़के को बाक्सींग करते हुए देखा, उसे देखकर उसे भी ऐसा लगा जब ये लड़का खेल सकता है तो वो क्यूं नहीं, तब से ही उसने ये सपना देख लिया कि उसे बॉक्सर बनना है. उसके बाद उसने अपने परिवार को बिना बताए बॉक्सर बनने का सफर शुरू कर दिया. जब परिवारवालों को पता चला तो परिवार वालों ने उसे मना किया लेकिन शाहीन ने अपने मन में ठान लिया था कि उसे अपना मुकाम हासिल करना है उसने वही किया. शाहीन ने अपना बॉक्सर बनने के जनून को कम नहीं होने दिया और लगातार मेहनत जारी रखी. शाहीन के जज्बे के आगे परिवार भी नतमस्तक हो गया. समाज की बातों को दरकिनार करते हुए परिवार ने बेटी के सपने को पूरा करने में साथ दिया.
शाहीन का सपना देश का नाम रोशन करना
शाहीन ने सबसे पहले स्टेट खेला ओर फिर वो रूकी नहीं. हर चैंपियनशिप में उसने भाग लिया और अपने हुनर से लोगों को जवाब दिया. अब शाहीन का सपना है कि वो अपने भारत देश के लिए आगे ओर खेले ओर देश का नाम रोशन करें. अलीराजपुर जिले के जोबट शहर के रहने वाली शाहीन के पिता पेशे से एक ड्रायवर है. शाहीन की चार बहनें और एक भाई है. एक मध्यम परिवार से तालुक रखने वाली शाहीन का जुनून देख आज परिवार भी उस पर गर्व कर रहा है. उसकी मां शायरा बी ने बताया कि पहले तो उनको शाहीन का बाक्सींग करना पसंद नहीं आया, लेकिन जब शाहीन ने समझाया तो सबने उसका साथ दिया.
मुस्लिम समाज के लिए रोल मॉडल हैं शाहीन
शाहीन के कोच का कहना है कि शाहीन जैसी लड़की उन सबके लिए रोल मॉडल है जो आज घरों में रहकर अपने सपनों को दबा देती है. शाहीन ने काफी संघर्ष कर अपने सपने को पूरा किया है. उसकी हिम्मत काबिले तारिफ है. शाहीन आज भी बाक्सींग प्रशिक्षण लेती है और आगे की तैयारीयों में लगी हुई है.