आगर-मालवा। जिले में इंदौर-कोटा राजमार्ग पर सुसनेर से 22 किलोमीटर दूर कंठाल नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, 46 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के शासन काल में इस पुल का निर्माण किया गया था. फिलहाल पुल के नीचले हिस्से में दरारे पड़ गई हैं, कुछ जगहों से सरिए नजर आने लगे हैं. पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए हादसे की आशंका बनी हुई है. कलेक्टर ने भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दी है. जिसके चलते भारी वाहनों को सुसनेर से जीरापुर माचलपुर होते हुए सोयत होकर कोटा की ओर निकाला जा रहा है.
भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध
ओवर लोड वाहन जिनका वजन 12 टन से अधिक होगा, उनका आवागमन पुल पर प्रतिबंधित किया है. हर रोज सुसनेर के मोडी चौराहे और सोयत में माचलपुर तिराहे पर पुलिस ने बैरिकेट्स लगाकर ट्रकों को रोका जा रहा है, उन्हें निर्देशित किया जा रहा है कि, आगे कंठाल ब्रिज जर्जर हो चुका है. इस प्रकार के निर्देश पुलिसकर्मी ट्रक चालकों को दे रहे हैं. इस कार्य में 8- 8 घंटे की तीन शिफ्टों में दो- दो पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इस तरह से कुल 12 पुलिसकर्मियों ने जिम्मेदारी संभाली है. कलेक्टर का यह आदेश 10 जनवरी से 5 फरवरी 2020 तक प्रभावी रहेगा.
चार माह से नहीं हुआ पुल का केमिकल ट्रीटमेंट
करीब तीन से चार माह पहले एमपीआरडीसी भोपाल से चीफ इंजीनियर मेंटेनेंस योगेंद्र बागोले और टेक्निकल एडवाइजर ने निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान एमपी आरडीसी के उज्जैन संभाग के सहायक महाप्रबंधक अभिषेक गोखरू को केमिकल ट्रीटमेंट का प्रस्ताव बनाकर भेजने का निर्देश दिया था. ऐसी गंभीर स्थिति के बाद भी, अभी तक पुल को दुरुस्त नहीं किया गया है. जिसमें कहीं न कहीं उच्च अधिकारियों की लापरवाही नजर आती हैं.