शहडोल : चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शनिवार 2 अप्रैल से हो रही है जिसे लेकर जगह-जगह माता के मंदिरों में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, तो वहीं इस नवरात्र में पुण्य लाभ लेने के लिए लोग भी पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं. पंडितों की मानें तो इस बार 25 साल बाद नवरात्रि का ऐसा पर्व आ रहा है कि पूरी नवरात्रि 9 दिन की है, कोई तिथि क्षीण नहीं हो रही है इसलिये ये नवरात्र बहुत ही पुण्यदायक माना गया है. इस नवरात्रि में अलग-अलग राशि के जातक अपने राशि के मुताबिक कुछ विशेष कार्य करके इस पुण्य लाभ कमा सकते हैं. Navratri worship method
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक ये नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो रही है. इस साल नवरात्र में दो सबसे बड़े संयोग बन रहे हैं. पहला संयोग ये कि पूरी नवरात्रि 9 दिन की है, कोई तिथि क्षीण नहीं हो रही है, दूसरा पांच ग्रहों का संयोग है. इन कारणों से ये चैत्र नवरात्रि बड़ी शुभ मानी गई है. वर्ष 2022 में चैत्र नवरात्रि का त्यौहार 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल 2022 तक मनाया जाएगा. दसवें दिन 11 अप्रैल 2022 को नवरात्रि पर्व का पारण किया जाएगा.
मेष राशि : जो मेष राशि के जातक हैं, उनके लिए ये नवरात्रि बहुत शुभ मानी जाएगी. मेष राशि वाले जातक अगर व्रत ना भी करें तो प्रतिपदा, पंचमी और नवमी के दिन मां का दर्शन अगर प्राप्त कर लें वहां पर हथेली फैलाकर प्रणाम कर लें तो इन जातकों के लिए शुभ रहेगा.
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वृषभ राशि : वृष राशि में वर्तमान में राहु की दृष्टि पड़ रही है ऐसे जातक के लिए जरूरी है कि नवरात्रि के 9 दिन मां को स्नान कराएं, हो सके तो व्रत कर लें, अगर व्रत नहीं करते हैं तो शाम के समय आरती में शामिल होकर ताली बजाएं, हथेली फैलाकर प्रणाम कर लें जितने भी उनके ऊपर बलायें और राहु की दशा चल रही है, दुख चल रही है उसमें शांति मिलेगी और शुभ समय रहेगा.
मिथुन राशि : मिथुन राशि वालों के लिए हानिकारक रहेगा, 5 ग्रहों का संयोग होने से बुध ग्रह जो मालिक है मिथुन राशि का वो कमजोर हो रहा है, ऐसे जातक के लिए सबसे जरूरी है कि इस नवरात्र में हो सके तो जवारा बोयें, उसमें सिंचन करें, उसमें हल्दी का छीटा मारें और अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो प्रतिपदा पंचमी और नवमी के दिन व्रत रहकर के मां का दर्शन प्राप्त करें तो मिथुन राशि वालों के लिए भी उत्तम रहेगा.
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कर्क राशि : कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा बहुत मजबूत है. कर्क राशि वालों के लिए सबसे उत्तम रहेगा व्रत ना करें पूजन ना करें हवन ना करें दर्शन का लाभ नहीं भी ले पाते हैं तब भी कर्क राशि वालों के लिए सभी ग्रह उत्तम रहेंगे और ऐसे जातक के लिए शुभ माना गया है .
सिंह राशि : सिंह राशि का स्वामी सूर्य है. यह जो पांच ग्रह जो एक साथ नवरात्रि में मिल रहे हैं उसके कारण सूर्य थोड़ा सा कमजोर होने के कारण इस राशि वालों के लिए दिक्कत जा रही है ऐसे जातक नवरात्रि में मां का दर्शन प्राप्त करें और हवन पूजन करें या 9 दिन हर दिन सुबह के समय मां को स्नान कराएं, लाल फूल चढ़ाएं, या वहां पर मां के पास जा करके लेट करके हथेली फैलाकर के प्रार्थना करें तो ऐसे जातक के लिए भी बहुत शुभ माना जाएगा.
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कन्या राशि : कन्या राशि वालों के लिए भी यह नवरात्रि बहुत शुभ मानी जाएगी. इसका स्वामी बुध है और बुध थोड़ा कमजोर है, फिर भी एक साथ शुक्र और मंगल की दृष्टि पड़ने के कारण कन्या राशि वालों के लिए भी शुभ रहेगा ऐसे जातक नवरात्रि में मां का दर्शन प्राप्त करें और उनका श्रृंगार समर्पित करके वहां पर किसी चीज का भोग लगा दें, फल मीठा चढ़ा दें और वहां पर जाकर दर्शन प्राप्त करें इस राशि वालों के लिए भी उत्तम रहेगा .
तुला राशि : तुला राशि वालों के लिए बहुत जरूरी है कि 9 दिन व्रत अवश्य करें शाम के समय एक समय फलाहार या दुग्ध आहार सेवन करें, मां के दर्शन 9 दिन करें, और जो बूढ़े वृद्ध रोगी है जिन की राशि तुला है ऐसे राशि वाले सफेद सिंघाड़े के आटे की पूरी बना करके किसी गरीब कन्या को एक दो या चार जितनी व्यवस्था हो सके उतना उनको अपने हाथ से खिलाएंगे तो ऐसे जातक के लिए भी यह नवरात्रि शुभ हो जाएगी
वृश्चिक राशि : वृश्चिक राशि वालों के लिए बहुत शुभ समय है वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और 5 ग्रहों का नेतृत्व यानी स्वामी मंगल कर रहा है ऐसे जातक के लिए नवरात्रि बहुत शुभ मानी गई है ऐसे जातक नवरात्रि में मां का दर्शन प्राप्त कर ले या आरती में शामिल हो जाएं या मां के नाम का जयकारा कर लें तो इतने में ही उनका बहुत बड़ा कल्याण होगा.
धनु और मकर राशि : धनु राशि और मकर राशि एक साथ दोनों राशियों में धनु राशि और मकर राशि में शनि की साढ़ेसाती चल रही है ऐसे जातक के लिए आवश्यक है कि जवारा बोयें, उसमें सिंचन करें, अगर नहीं बो पाते हैं तो कहीं पर भी देवी मंदिर में जाकर के जवारा का दर्शन करें या एक टोकनी में काली मिट्टी, गोबर का खाद मिलवा करके किसी के द्वारा वहां जवारा बोयें, उसे हर दिन सिंचित करें वहां हर दिन दर्शन लाभ लें, वहां जवारा के पास दीपक जला दें 9 दिन तक,और उस दीपक को 9 दिन तक जलता देखे जितने घंटे देख सके उतना देखें, ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होगा धनु राशि वाले और मकर राशि वालों के लिए बहुत समय उत्तम हो जाएगा शुभ रहेगा, कहीं से भी बुरे ग्रहों की दृष्टि नहीं पड़ेगी.
कुंभ राशि : कुंभ राशि वालों के लिए भी यह नवरात्र बहुत शुभ है लेकिन ऐसे जातक ध्यान रखें कि पीला फूल मां की चरणों में जाकर समर्पित करें वहां पर हाथ जोड़े और ओम नमो देव्यै नमः मंत्र का जाप करें तो कुंभ राशि वालों के लिए भी सही रहेगा.
मीन राशि : मीन राशि वालों के लिए सबसे उत्तम है कि 9 दिन का व्रत करें और मां के श्रृंगार के लिए लाल चुनरी का दान करें और अगर लाल चुन्नी का दान नहीं कर सकते हैं तो एक लड़की, दो लड़की या पांच लड़की को खिचड़ी बनाकर कन्या भोज कराऐं उनके चरण धोएं, आशीर्वाद लें तो आपके लिए बहुत शुभ होगा.
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