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जलकुंभी निकालने की नगर पालिका ने नहीं ली सुध, माझी समाज ने खुद उठाया बीड़ा - removal of water hyacinth

आगर मालवा शहर के बीच स्थित ऐतिहासिक धरोहर रत्नसागर रातोड़िया तालाब में जलकुंभी की भरमार है, जिसे लेकर नगर पालिका कोई सुध नहीं ले रहा है. ऐसे में मछली पालन करने वाले माझी समाज ने खुद ही बीड़ा उठाते हुए तालाब से जलकुंभी निकालने का काम शुरू किया है.

Majhi society took out water hyacinth
जलकुंभी निकालते माझी समाज
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Published : Aug 12, 2020, 7:08 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 7:16 PM IST

आगर। शहर के मध्य स्थित ऐतिहासिक धरोहर रत्नसागर रातोड़िया तालाब में जलकुंभी की भरमार है, जिसे लेकर नगर पालिका कोई सुध नहीं ले रहा है. ऐसे में मछली पालन करने वाले माझी समाज के लोगों ने खुद ही तालाब की सफाई की. इस दौरान समाजजनों ने बिना किसी शासकीय मदद से तालाब में फैल रही जलकुंभी को काटा और तालाब की सफाई की.

माझी समाज के लोगों ने तालाब से निकाली जलकुंभी

बता दें ऐतिहासिक धरोहर रत्नसागर रातोड़िया तालाब में जलकुंभी फैल गई थी, जिससे लगातार तालाब में कीड़े और गंदगी ने भी जगह बना ली थी. जिसे देख यहां मछली पालन करने वाले माझी समाज के लोगों ने नगर पालिका से तालाब की सफाई और जलकुंभी निकालने की मांग की थी. इसके बावजूद भी नगर पालिका ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद समाजजनों ने खुद ही तालाब की सफाई का कार्य शुरू कर दिया है और अधिकांश हिस्से से जलकुंभी को निकाल लिया गया है.

ये भी पढ़े- आपदा को अवसर में बदलने में जुटे किसान, कोरोना काल में भी लहलहा रही खरीफ की फसल

पिछले साल भी इसी तरह से जलकुंभी ने रत्नसागर तालाब को अपनी चपेट में ले लिया था और जलकुंभी देखते ही देखते पूरे तालाब में फैल गई थी. जिसे नगर पालिका ने तात्कालिक रूप से समस्या का समाधान कर जलकुंभी निकलवाई थी, लेकिन समस्या का स्थायी निदान नहीं हो पया था. जिसके बाद उस समय भी माझी समाज के लोगों ने खुद ही जलकुंभी निकाली थी. माझी समाज के राहुल बाथम ने बताया कि समाज के 25 लोगों ने मिलकर रत्नसागर से जलकुंभी निकाली है. इसके लिए उन्होंने किसी और का सहयोग नहीं लिया है, साथ ही आगे अभी जलकुंभी निकालने का काम जारी है.

आगर। शहर के मध्य स्थित ऐतिहासिक धरोहर रत्नसागर रातोड़िया तालाब में जलकुंभी की भरमार है, जिसे लेकर नगर पालिका कोई सुध नहीं ले रहा है. ऐसे में मछली पालन करने वाले माझी समाज के लोगों ने खुद ही तालाब की सफाई की. इस दौरान समाजजनों ने बिना किसी शासकीय मदद से तालाब में फैल रही जलकुंभी को काटा और तालाब की सफाई की.

माझी समाज के लोगों ने तालाब से निकाली जलकुंभी

बता दें ऐतिहासिक धरोहर रत्नसागर रातोड़िया तालाब में जलकुंभी फैल गई थी, जिससे लगातार तालाब में कीड़े और गंदगी ने भी जगह बना ली थी. जिसे देख यहां मछली पालन करने वाले माझी समाज के लोगों ने नगर पालिका से तालाब की सफाई और जलकुंभी निकालने की मांग की थी. इसके बावजूद भी नगर पालिका ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद समाजजनों ने खुद ही तालाब की सफाई का कार्य शुरू कर दिया है और अधिकांश हिस्से से जलकुंभी को निकाल लिया गया है.

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पिछले साल भी इसी तरह से जलकुंभी ने रत्नसागर तालाब को अपनी चपेट में ले लिया था और जलकुंभी देखते ही देखते पूरे तालाब में फैल गई थी. जिसे नगर पालिका ने तात्कालिक रूप से समस्या का समाधान कर जलकुंभी निकलवाई थी, लेकिन समस्या का स्थायी निदान नहीं हो पया था. जिसके बाद उस समय भी माझी समाज के लोगों ने खुद ही जलकुंभी निकाली थी. माझी समाज के राहुल बाथम ने बताया कि समाज के 25 लोगों ने मिलकर रत्नसागर से जलकुंभी निकाली है. इसके लिए उन्होंने किसी और का सहयोग नहीं लिया है, साथ ही आगे अभी जलकुंभी निकालने का काम जारी है.

Last Updated : Aug 12, 2020, 7:16 PM IST
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