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खरीदी केंद्रों पर भूखे प्यासे ही उपज बेचने के लिए परेशान होते रहे किसान, लगी रही वाहनों की कतार - Line of tractors filled with crops in agar

केंद्र सरकार से आदेश के बाद समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज खरीदी जा रही है. लेकिन कोरोना संकट के बीच मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. खरीदी केंद्रों पर किसान भूखे प्यासे अपनी बारी का इंतजार करने हुए कतार में लगे हुए हैं.

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Published : Apr 21, 2020, 11:49 AM IST

आगर मालवा। सुसनेर में समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने सरकारी क्रय केद्रोंं पर पहुंचे किसानों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल 30- 30 किसानों को एक साथ मैसेज भेजकर क्रय केद्र पर बुला लिया गया, लेकिन व्यवस्ताएं उस तरके से नहीं की गईं. जिसकी वजह से क्रय केंद्रों पर किसानों की कतार लग गई. गर्मी के मौसम में किसान भूखे प्यासे अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर हैं. आधे किसानों को टोकन देकर दूसरे दिन आने को कहा गया.

सोमवार को अपनी उपज बेचने आए ग्राम बोरखेडी कांवल, छापरिया, लोधाखेडी, सेमली सहित कई अन्य गांवों के किसानों ने बताया कि, वे सुबह से अपनी उपज बेचने के लिए आए हैं, लेकिन शाम तक उनकी उपज खरीदी नहीं गई. जब उन्होंने खरीदी करने वाली संस्था से सम्पर्क किया, तो कहा गया कि किसानों की संख्या ज्यादा होने से अगले दिन उपज खरीदी जाएगी. ऐसे में किसान भूखे-प्यासे ही खरीदी केन्द्रों के बाहर अपनी उपज बेचने के लिए परेशान होते रहे.

एक केंद्र पर भेजे 30 किसानों को मैसेज, क्षमता 15 की

शासन की और से सुसनेर के 5 खरीदी केन्द्रों के लिए प्रत्येक केन्द्र पर उपज बेचने के लिए सोमवार को 30-30 किसानों को मैसेज किए गए. जबकि इन पांचों ही खरीदी केन्द्रों पर व्यवस्थाएं इतनी नहीं हैं. उपज तौलने और उसे ट्रकों में भरने के लिए हम्मालों की कमी है. साथ ही अन्य व्यस्थाएं भी नहीं हैं. एक खरीदी केन्द्र पर एक दिन में सिर्फ 15 किसानों की उपज तौलने की क्षमता है.

शुरू में 6 किसानों को किए जा रहे थे मैसेज

संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया था की, खरीदी केन्द्रों पर एक दिन में 6 से ज्यादा किसान अपनी उपज बेचने के लिए न पहुंचे, इसके लिए एक दिन में 6 किसानों को ही मैसेज किये जा रहे थे. 19 अप्रैल तक तो मैसेज की यह प्रक्रिया सही चलती रही, लेकिन सोमवार को जब एक साथ 30 किसानों को मैसेज किए गए तो व्यवस्था बिगड़ गई. हालांकि केन्द्रों ने अपनी क्षमता के अनुसार आधे किसानों की उपज खरीदी भी और बाकी को अलगे दिन के लिए टोकन दे दिया गया.

ये है अधिकारियों का कहना

संस्था प्रबधंक राणा छत्रपाल सिंह ने बताया कि, एक साथ 30-30 किसानों के खरीदी केन्द्रों पर पहुंचने से व्यवस्था बिगड़ गई है. इसके चलते शेष बचे किसानों को टोकन देकर अलगे दिन फसल बेचने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि खरीदी करने के लिए हमारे पास हम्मालों की कमी है. अन्य जिलों से हम्माल लाने के लिए प्रशासन से अनुमति देने की मांग की गई है.

खाद्य अधिकारी टीकाराम अहिवार के अनुसार अभी तक 6 किसानों को ही मैसेज किए जा रहे थे, इसमें से कुछ ही किसान उपज बेचने के लिए पहुंच रहे थे. लेकिन सोमवार को एक साथ 30 किसानों को मैसेज किए गए और वे सभी एक साथ उपज बेचने पहुंच गए, जिसकी वजह से व्यवस्था बिगड़ गई, जिसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.

आगर मालवा। सुसनेर में समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने सरकारी क्रय केद्रोंं पर पहुंचे किसानों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल 30- 30 किसानों को एक साथ मैसेज भेजकर क्रय केद्र पर बुला लिया गया, लेकिन व्यवस्ताएं उस तरके से नहीं की गईं. जिसकी वजह से क्रय केंद्रों पर किसानों की कतार लग गई. गर्मी के मौसम में किसान भूखे प्यासे अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर हैं. आधे किसानों को टोकन देकर दूसरे दिन आने को कहा गया.

सोमवार को अपनी उपज बेचने आए ग्राम बोरखेडी कांवल, छापरिया, लोधाखेडी, सेमली सहित कई अन्य गांवों के किसानों ने बताया कि, वे सुबह से अपनी उपज बेचने के लिए आए हैं, लेकिन शाम तक उनकी उपज खरीदी नहीं गई. जब उन्होंने खरीदी करने वाली संस्था से सम्पर्क किया, तो कहा गया कि किसानों की संख्या ज्यादा होने से अगले दिन उपज खरीदी जाएगी. ऐसे में किसान भूखे-प्यासे ही खरीदी केन्द्रों के बाहर अपनी उपज बेचने के लिए परेशान होते रहे.

एक केंद्र पर भेजे 30 किसानों को मैसेज, क्षमता 15 की

शासन की और से सुसनेर के 5 खरीदी केन्द्रों के लिए प्रत्येक केन्द्र पर उपज बेचने के लिए सोमवार को 30-30 किसानों को मैसेज किए गए. जबकि इन पांचों ही खरीदी केन्द्रों पर व्यवस्थाएं इतनी नहीं हैं. उपज तौलने और उसे ट्रकों में भरने के लिए हम्मालों की कमी है. साथ ही अन्य व्यस्थाएं भी नहीं हैं. एक खरीदी केन्द्र पर एक दिन में सिर्फ 15 किसानों की उपज तौलने की क्षमता है.

शुरू में 6 किसानों को किए जा रहे थे मैसेज

संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया था की, खरीदी केन्द्रों पर एक दिन में 6 से ज्यादा किसान अपनी उपज बेचने के लिए न पहुंचे, इसके लिए एक दिन में 6 किसानों को ही मैसेज किये जा रहे थे. 19 अप्रैल तक तो मैसेज की यह प्रक्रिया सही चलती रही, लेकिन सोमवार को जब एक साथ 30 किसानों को मैसेज किए गए तो व्यवस्था बिगड़ गई. हालांकि केन्द्रों ने अपनी क्षमता के अनुसार आधे किसानों की उपज खरीदी भी और बाकी को अलगे दिन के लिए टोकन दे दिया गया.

ये है अधिकारियों का कहना

संस्था प्रबधंक राणा छत्रपाल सिंह ने बताया कि, एक साथ 30-30 किसानों के खरीदी केन्द्रों पर पहुंचने से व्यवस्था बिगड़ गई है. इसके चलते शेष बचे किसानों को टोकन देकर अलगे दिन फसल बेचने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि खरीदी करने के लिए हमारे पास हम्मालों की कमी है. अन्य जिलों से हम्माल लाने के लिए प्रशासन से अनुमति देने की मांग की गई है.

खाद्य अधिकारी टीकाराम अहिवार के अनुसार अभी तक 6 किसानों को ही मैसेज किए जा रहे थे, इसमें से कुछ ही किसान उपज बेचने के लिए पहुंच रहे थे. लेकिन सोमवार को एक साथ 30 किसानों को मैसेज किए गए और वे सभी एक साथ उपज बेचने पहुंच गए, जिसकी वजह से व्यवस्था बिगड़ गई, जिसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.

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