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बेजान होते पौधों को बचाने के लिए 'खाकी वाले डॉक्टर' चढ़ा रहे ड्रिप

आगर-मालवा के कोतवाली में पौधों को हरा-भरा रखने के लिए प्लास्टिक की वेस्ट बॉटल का यूज कर ड्रिप सिस्टम की मदद से पानी दिया जा रहा है.

police officers watering trees by drip system
ड्रिप सिस्टम से दिया जा रहा पौधों को पानी
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Published : Jan 19, 2020, 9:00 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 9:42 PM IST

आगर-मालवा। जिले के कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक कमल सिंह राठौर और उनके साथियों ने एक अभिनव पहल की है. उन्होंने अस्पताल से निकलने वाले प्लास्टिक की वेस्ट बॉटल का यूज थाने में लगे पेड़-पौधों को जीवित रखने के लिए ड्रिप सिस्टम में किया है. थाना परिसर में लगे पेडों की सिंचाई अब ड्रिप सिस्टम से की जाती है.

ड्रिप सिस्टम से दिया जा रहा पौधों को पानी

कोतवाली परिसर में बारिश के समय ही पौधरोपण किया गया था. परिसर में ट्यूबवेल या कुएं जैसी व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं होने के चलते पौधों को जीवित रखना पुलिसकर्मियों के लिए चुनौती थी, लेकिन इस चुनौती से निपटने का उपाय उन्होंने ढूंढ़ निकाला है. कुछ दिनों तक जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था की गई थी, लेकिन ज्यादा परेशानी होने पर सब हताश होने लगे. इस बीच कमल सिंह ने पौधों को जीवित रखने के लिए ड्रिप सिस्टम तैयार करने के लिए साथियों से चर्चा की. जिसके बाद सभी ने मिलकर परिसर में मौजूद दर्जनों पौधों को ड्रिप लगाकर जीवित किया.

सभी पुलिसकर्मी जिला अस्पताल से अनुपयोगी प्लास्टिक बॉटल और आइवी सेट लेकर आए और सबको पौधों पर बांध दिया, जबकि बारी-बारी से सभी पुलिसकर्मी पौधों पर लगी बॉटल में पानी डालते हैं. पुलिसकर्मियों ने ये प्रयोग करीब एक माह पहले किया था, जिससे अब सभी पौधे हरे-भरे हो गए हैं. साथ ही पुलिसकर्मी पौधों को संरक्षित रखने के लिए समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों से राय लेकर उर्वरक भी देते रहते हैं.

आगर-मालवा। जिले के कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक कमल सिंह राठौर और उनके साथियों ने एक अभिनव पहल की है. उन्होंने अस्पताल से निकलने वाले प्लास्टिक की वेस्ट बॉटल का यूज थाने में लगे पेड़-पौधों को जीवित रखने के लिए ड्रिप सिस्टम में किया है. थाना परिसर में लगे पेडों की सिंचाई अब ड्रिप सिस्टम से की जाती है.

ड्रिप सिस्टम से दिया जा रहा पौधों को पानी

कोतवाली परिसर में बारिश के समय ही पौधरोपण किया गया था. परिसर में ट्यूबवेल या कुएं जैसी व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं होने के चलते पौधों को जीवित रखना पुलिसकर्मियों के लिए चुनौती थी, लेकिन इस चुनौती से निपटने का उपाय उन्होंने ढूंढ़ निकाला है. कुछ दिनों तक जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था की गई थी, लेकिन ज्यादा परेशानी होने पर सब हताश होने लगे. इस बीच कमल सिंह ने पौधों को जीवित रखने के लिए ड्रिप सिस्टम तैयार करने के लिए साथियों से चर्चा की. जिसके बाद सभी ने मिलकर परिसर में मौजूद दर्जनों पौधों को ड्रिप लगाकर जीवित किया.

सभी पुलिसकर्मी जिला अस्पताल से अनुपयोगी प्लास्टिक बॉटल और आइवी सेट लेकर आए और सबको पौधों पर बांध दिया, जबकि बारी-बारी से सभी पुलिसकर्मी पौधों पर लगी बॉटल में पानी डालते हैं. पुलिसकर्मियों ने ये प्रयोग करीब एक माह पहले किया था, जिससे अब सभी पौधे हरे-भरे हो गए हैं. साथ ही पुलिसकर्मी पौधों को संरक्षित रखने के लिए समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों से राय लेकर उर्वरक भी देते रहते हैं.

Intro:आगर मालवा
-- कोतवाली थाने पर पदस्थ प्रधान आरक्षक कमल सिंह राठौर तथा उनके अन्य साथी पुलिसकर्मियों ने एक अभिनव पहल की है। अस्पताल से निकलने वाली प्लास्टिक की वेस्टेज बाटल का उपयोग करते हुए थाना परिसर में लगे पौधों को जीवित रखने के लिए ड्रिप सिस्टम तैयार करते हुए अनुपयोगी सामग्री को उपयोगी बना दिया थाना परिसर में स्थित सैकड़ों पौधों की सिंचाई अब ड्रिप सिस्टम से की जाती है। पुलिसकर्मियों की इस पहल के बाद अब दर्जनों पौधे हरे-भरे दिखाई देते है।


Body:बता दें कि कोतवाली थाना परिसर में वर्षाकाल के समय पौधरोपण किया गया था परिसर में ट्यूबवेल या कुएं जैसी व्यवस्था सुचारू न होने से पौधों को जीवित रखना पुलिसकर्मियों के लिए चुनौती बन रहा था। थाने पर ही पदस्थ पर्यावरण प्रेमी प्रधान आरक्षक कमल सिंह राठौर एवं उनके अन्य साथियों को पौधे जीवित रखने की चिंता सताने लगी कुछ दिनों तक तो जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था जुटा ली लेकिन अधिक परेशानी आने पर सभी हताश होने लगे। इस बीच कमल सिंह राठौर ने पौधों को जीवित रखने के लिए ड्रिप सिस्टम तैयार करने के लिए साथियों से चर्चा की उसके बाद सभी ने मिलकर परिसर में मौजूद दर्जनों पौधों को ड्रिप लगाकर जीवित किया
बता दे कि सभी पुलिसकर्मी जिला अस्पताल से अनुपयोगी प्लास्टिक बॉटल व आइवी सेट लेकर आये और सभी को ऊपर से काटकर पौधों पर बांध दिया। बारी-बारी से सभी पुलिसकर्मी पौधों पर लगी बॉटल में पानी डालते है।
बता दे कि पुलिसकर्मियों द्वारा यह प्रयोग करीब एक माह पहले किया गया था वही अब सभी पौधे हरे-भरे होकर लहलहा रहे है।
बता दे कि पुलिसकर्मी पौधों को संरक्षित रखने के लिए समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों से राय लेकर समुचित मात्रा में देसी खाद व उर्वरक भी दिया जाता है।


Conclusion:कोतवाली थाने के प्रधान आरक्षक कमलसिंह राठौर ने बताया कि बड़ी संख्या में परिसर में पौधे पानी के अभाव में सुख रहे थे ऐसे में मैने और मेरे साथियों ने मिलकर इन पौधों को जीवित रखने के लिए ड्रीप सिस्टम लगाया है। 100 से अधिक पौधों को ड्रिप के जरिये पानी दिया जाता है।
Last Updated : Jan 19, 2020, 9:42 PM IST
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