खजुराहो (मनोज कुमार सोनी) : विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो मंदिरों के साथ ही वास्तुकला, मूर्तिकला और शिल्पकला के लिए विख्यात है. यही कारण है दुनियाभर के पर्यटक यहां खिंचे आते हैं. विश्व के हर कोने से आने वाले पर्यटकों को गाइड करने के लिए यहां कई भाषाओं में महारत हासिल करने वाले अधिकृत गाइड तैनात हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो अधिकृत गाइड नहीं हैं लेकिन ये किसी मामले में कम नहीं हैं. कई लोग जो बहुत कम पढ़े-लिखे हैं लेकिन इनकी विदेशी भाषाओं पर अच्छी पकड़ हैं. इनकी मासूमियत व संवाद कला को देखकर विदेशी पर्यटक प्रभावित हो जाते हैं.
छोटा-मोटा काम करने वाले भी विदेशी भाषाएं बोलते हैं
खजुराहो में सब्जी बेचने वाले, रिक्शा-टैक्सी चालक के अलावा छोटी-मोटी दुकान चलाने वाले भले ही कम पढ़े-लिखे हों या अनपढ़ हों लेकिन ये लोग दुनिया की कई भाषाओं में पर्यटकों से संवाद करने का हुनर रखते हैं. ये अनपढ़ लोग भी विदेशी पर्यटकों को यहां की संस्कृति, भाषा, रहनसहन, खानपान के अलावा खजुराहो के मंदिरों के बारे में गहराई से जानकारी देते हैं. ऐसे ही दो शख्स हैं राम और राजकुमार. राम और राजकुमार हाथों में खजुराहो के मंदिरों से संबंधित पुस्तकें लेकर घूमते हैं और विदेशी पर्यटकों से उनकी भाषा में धाराप्रवाह बात करते हैं.
अद्भुत है खजुराहो के राम और राजकुमार की जोड़ी
खजुराहो में बीते 40 साल से हाथों में कई किताबें लेकर विदेशी पर्यटकों को बेचने वाले राम फ्रेंच, इटैलियन, जापानी, जर्मन, अंग्रेजी के साथ ही कई देशों की भाषाएं जानते हैं. जिस देश का पर्यटक होता है, उसकी भाषा में राम उनसे संवाद करते हैं. राम भले ही पढ़े-लिखे बहुत कम हैं लेकिन विदेशी पर्यटकों को वह अपनी वाककला से प्रभावित कर लेते हैं. ऐसे ही एक और शख्स हैं राजकुमार. राजकुमार बीते 25 सालों से हाथों में किताबें लेकर विदेशी पर्यटकों से संवाद करके बेचते हैं. राजकुमार भी फ्रेंच, इटैलियन, जापानी, जर्मन, अंग्रेजी सहित कई देशों की भाषाएं फ्लो में बोलते हैं.
![Khajuraho Men 7 Languages Expert](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-12-2024/23202906_t_aspera.jpg)
भारतीयों के संवाद करने की कला से प्रभावित विदेशी पर्यटक
राम और राजकुमार अपना जीवनयापन करने के लिए खजुराहो के मंदिरों के बाहर किताबें बेचने का काम करते हैं. दोनों का कहना है कि वे पढ़े-लिखे तो न के बराबर हैं लेकिन खजुराहो में रहकर उन्होंने कई विदेशी भाषाओं में संवाद करने की कला सीख ली है. गौरतलब है कि खजुराहो में राम और राजकुमार जैसे कई शख्स हैं जो कई विदेशी भाषाओं में बात करने में महारत हासिल किए हैं. यहां तक कि सैलून की दुकान पर काम करने वाला, फलों का ठेला लगाने वाला और रिक्शा चलाने वाला भी विदेशी पर्यटकों से उन्हीं की भाषा में बात कर लेते हैं.
खजुराहो के कई युवक टूरिस्ट से शादी कर विदेश में बसे
खजुराहो में विदेशी भाषाओं का इतना असर है कि कई युवा ऐसे हैं, जिन्होंने विदेशी महिला पर्यटकों को उन्हीं के देश की भाषा में संवाद करके इतना प्रभावित कर लिया कि दोनों विवाह जैसे पवित्र बंधन में बंध गए. खास बात ये है कि ये युवा कोई 5वीं तक पढ़ा है तो कोई 8वीं. इनमें से कई युवा शादी के बाद विदेश में स्थापित हो चुके हैं. खजुराहो में ये ट्रेंड बीते 25-30 साल से चल रहा है कि विदेशी पर्यटक यहां के युवाओं से बात करके यहां की संस्कृति से प्रभावित हो जाती हैं और फिर भारतीय संस्कृति के अनुसार सात फेरे ले लेती हैं. हालांकि इसके बाद ये विदेशी पर्यटक शादी के बाद अपने भारतीय पति को लेकर अपने देश जाकर वहां सुखीपूर्वक जीवन बिता रही हैं. ये कपल साल या दो साल में फिर खजुराहो आकर अपने घर में कुछ दिन के लिए रुकते हैं.
![Khajuraho Men 7 Languages Expert](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-12-2024/23202906_h_aspera.jpg)
25 साल में 100 से ज्यादा युवकों ने विदेशी युवतियों से रचाई शादी
इस बारे में सागर यूनिवर्सिटी ने एक एक रिसर्च भी की है. इसमें बताया गया है कि खजुराहो में बीते 25 साल में 100 से ज्यादा परिवारों में विदेशी बहुएं आईं. इनमें से 70 फीसदी अपने ससुराल में नहीं रुकीं. ये अपने पति को लेकर विदेश जा बसीं. ये युवतियां भारतीय संस्कृति से प्रभावित हैं, इसलिए बच्चों के नाम भारतीय संस्कृति पर रखे. रिसर्च के अनुसार खजुराहो के एक रिक्शा चालक ने जापान की लड़की से विवाह किया. फ्रूट्स का ठेला लगाने वाले एक युवक ने ऑस्ट्रेलिया की युवती से विवाह किया, ये दोनों कपल विदेश में जाकर बस गए और आज उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है. इन लोगों ने यहां रहने वाले अपने परिवार के लोगों की आर्थिक सेहत सुधार दी.
![Khajuraho Men 7 Languages Expert](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-12-2024/23202906_c_aspera.jpg)
- खजुराहो का फॉरेनर लेबर, सर पर गमछा ले इटली से आया और फावड़ा तसले से की मजदूरी
- विदेशी बाबू का देसी छोरी पर आया दिल, बैंड बाजा बारात लेकर पहुंचा खजुराहो
विदेशी पर्यटकों के लिए खजुराहो बना वेडिंग डेस्टिनेशन
खजुराहो की कला, संस्कृति, वेशभूषा, रहन सहन और कल्चर का ही असर है कि कई विदेशी पर्यटक यहां शादी रचाने की प्लानिंग करते हैं. विदेशी पर्यटकों के लिए खजुराहो वेडिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. यहां हर साल सैकड़ों शादियां होती हैं, जिनमें देश के साथ विदेश से भी लोग यहां आकर शादी के साथ फेरे लेते हैं और शादी के बंधन में बंध जाते हैं. कुछ माह पहले इटली के जोड़े ने भी खजुराहो आकर हिन्दू रीति-रिवाज से शादी रचाई. इटली के विनचेंजो पातेरनुओस्तो ने अपनी प्रेमिका नादिया फावा के संग यहां भारतीय रीति रिवाज से विवाह की रस्मों के साथ शादी की.